-जेएनएनयूआरएम के तहत 273 करोड़ की लागत से बना अंडरग्राउंड वाटर टैंक लीक

-डीएम ने प्रकरण को लिया संज्ञान, आईआईटी रूड़की करेगी इस प्रकरण की जांच

Meerut: जल निगम के अंडर ग्राउंड वाटर टैंक फेल्योर प्रकरण में डीएम पंकज यादव ने जांच बैठा दी है। डीएम ने इस मामले की स्पेशल टेस्टिंग टीम को जांच सौंपते हुए पंद्रह दिनों में जांच रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं। बता दें कि जल निगम द्वारा बनाया गया अंडर ग्राउंड वाटर टैंक टेस्टिंग भी बर्दाश्त नहीं कर पाया और टैंक का 600 लीटर पानी जमीन में समा गया। वाटर टैंक के धराशायी होने के साथ ही योजना के 2.72 करोड़ भी जमीन में समा गए।

कार्यदायी संस्था का खेल

जल निगम की ओर से गोला कुआं स्थित 600 किलो लीटर क्षमता वाले इस अंडर ग्राउंड वाटर टैंक की जिम्मेदारी प्रतिभा इंडस्ट्रीज लिमिटेड को सौंपी गई थी। जेएनएनयूआरएम के इस प्रोजेक्ट की लागत मूल्य 272 करोड़ तय की गई थी। कार्यदायी संस्था ने जल निगम के अफसरों से मिलकर टैंक निर्माण कार्य में बड़ा खेल कर दिया। निर्माण कार्य में घटिया सामग्री का खुल का प्रयोग किया गया, जिसका परिणाम यह हुआ है कि टैंक पहली टेस्टिंग भी नहीं झेल पाया और टैंक का 600 लीटर पानी जमीन में समा गया।

सकते में जल निगम

दरअसल, शहर में जेएनएनयूआरएम योजना के लिए आया 341 करोड़ से विकास कार्य कराने की जिम्मेदारी नगर निगम को सौंपी गई थी। योजना के अंतर्गत जल निगम को 31 वाटर टैंक बनाने थे, जिसमें से निगम ने 30 वाटर टैंक का निर्माण पूर्ण कर उनको नगर निगम के हैंड ओवर कर दिया है, जबकि गोला कुआं स्थित आखिरी वाटर टैंक को जल निगम हैंड ओवर करने की तैयारी में लगा था।

होगा थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन

जेएनएनयूआरम योजना के अंतर्गत जल निगम की ओर से बनाए गए जलाशयों का अभी तक थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन भी नहीं किया गया, जबकि नियमानुसार किसी भी जलाशय की टेस्टिंग से पूर्व उसका थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन किया जाना अनिवार्य होता है। अब चूंकि घटिया सामग्री से निर्मित वाटर टैंक फेल होने का मामले उजागर हुआ है, तो प्रशासन ने इस मामले में आईआईटी रूड़की की टीम से विशेष जांच कराने की बात कही है।

मॉनिटरिंग शून्य

चौंकाने वाली तो यह है कि जल निगम की ओर से कराए जा रहे जलाशयों के निर्माण पर कोई मॉनिटरिंग कमेटी भी नहीं बनाई गई है। इसका नाजायज फायदा उठाकर कार्यदायी संस्था निर्माण कार्य में खुला खेल करती है और निर्माण कार्यो में घटिया सामग्री का इस्तेमाल कर लाखों के वारे-न्यारे करती है।

इस तरह के जलाशय में आरसीसी का टैंक तैयार किया जाता है। सामान्यत वाटर टैंक के प्रयोग में लीकेज संबंधी परेशानियां आती हैं। टैंक से पानी खाली कर दिया गया है और टैंक की ट्रीटमेंट की तैयारी की जा रही है।

ललित कुमार, सीनियर इंजीनियर, प्रतिभा इंडस्ट्रीज लिमिटेड

जलाशय फेल नहीं हुआ है। हाइड्रो टेस्टिंग में इस तरह की परेशानी सामने आती हैं। बीस दिन के भीतर टैंक का मेंटेनेंस कर फिर से चालू कर दिया जाएगा।

-एसके जैन, अधिशासी अभियंता जल निगम

वाटर टैंक फेल होने का मामला संज्ञान में आया है। इस मामले की स्पेशल टेक्निकल कमेटी से विशेष जांच कराई जाएगी। दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।

-पंकज यादव, डीएम

Posted By: Inextlive