- राजधानी के विभिन्न कॉलेजों में हुआ दैनिक जागरण समूह का इंडियन इंटेलिजेंस टेस्ट

- हजारों स्टूडेंट्स ने दी परीक्षा, बच्चाें और पैरेंट्स में दिखा खासा उत्साह

LUCKNOW : करियर का चुनाव करते समय स्टूडेंट्स को अपनी रुचि के साथ एबिलिटी, एप्टीट्यूड व इंटेलिजेंस का अनुमान भी होना चाहिए। यदि स्टूडेंट व पैरेंट्स को इसकी सही जानकारी होगी तो वे करियर के चुनाव को लेकर समझदारी भरा निर्णय ले सकेंगे। हमारे एजुकेशन सिस्टम में ऐसा कोई पैरामीटर नहीं है, जिससे स्टूडेंट्स के अंदर छिपी इंटेलिजेंस को जानकर, उन्हें सही करियर चुनने में मदद की जा सके। स्टूडेंट्स व उनके पैरेंट्स को स्टूडेंट की इंटेलिजेंस के लेवल से रूबरू कराने के लिए शनिवार को राजधानी के विभिन्न स्कूलों में जागरण समूह की ओर से इंडियन इंटेलिजेंस टेस्ट सीजन-7 का आयोजन किया गया, जिसमें 5वीं से 12वीं कक्षा तक के हजारों स्टूडेंट्स ने हिस्सा लिया। दैनिक जागरण, इंकलाब और दैनिक जागरण आईनेक्स्ट इंडियन इंटेलिजेंस टेस्ट के नॉलेज पार्टनर है एक्सिस कॉलेज और पाई एजुकेशन। पावर्ड बॉय डाबर शंखपुष्पी और इन एसोसिएशन विद डाबर बादाम तेल व स्नैकिंग पार्टनर सतमोला और मैनेज्ड बाई आई डायरेक्ट है।

दो सेक्शन में आया था पेपर

इंडियन इंटेलिजेंस टेस्ट में स्टूडेंट्स का टेस्ट दो सेक्शन में लिया गया, जिसे हल करने के लिए उन्हें 80 मिनट का समय दिया गया था। पहला सेक्शन मल्टीपल इंटेलिजेंस का था, जिसे 20 मिनट में हल करना था। इसमें कुल 40 सवाल थे। दूसरे सेक्शन में जनरल नॉलेज, इंग्लिश, मैथेमेटिकल एप्टीट्यूड और लॉजिकल रीजनिंग के कुल 60 प्रश्न पूछे गए, जिन्हें 60 मिनट में हल करना था।

करियर संवारने की फ्रिक

जागरण समूह की ओर से आयोजित इंडियन इंटेलिजेंस टेस्ट में शामिल बच्चों के अंदर करियर संवारने की फ्रिक साफ चेहरे पर देखने को मिल रही थी। उनका उत्साह भी सातवें आसमान पर था, इस परीक्षा को लेकर पैरेंट्स भी पूरे उत्साह से लबरेज दिखे। बच्चों के भविष्य की चिंता के साथ ही ऐसे आयोजन के प्रति पैरेंट्स भी काफी संजीदा दिखे। सेंटर के बाहर अपने बच्चों के इंतजार में खड़े पैरेंट्स पर अपने बच्चों के भविष्य की तैयारियों को जानने का क्रेज साफ तौर पर देखने को मिल रहा था। उनका तर्क था कि बच्चे इसके जरिए अपना एनालिसिस कर सकते हैं। ये चीजें आगे भी काम आएंगी।

हर सवाल में बच्चों ने खूब लगाया दिमाग

आईआईटी में क्लास फि फ्थ से ट्वेल्थ तक के स्टूडेंट्स को शामिल होना था। पेपर भी इसी ढंग से तैयार कराया गया था कि स्टूडेंट्स के आईक्यू लेवल के साथ उनके इंट्रेस्ट के पार्टिकुलर सब्जेक्ट को भी परखा जा सके। इसमें माइनस मार्किंग भी रखी गई थी। इसके चलते स्टूडेंट्स ने इंट्रेस्टिंग सवालों को हल करने में खूब दिमाग का इस्तेमाल किया। टेस्ट के दौरान स्टूडेंट्स कई प्रश्नों को सॉल्व करते समय अपनी ओर से पूरी सावधानी बरतते दिखाई दिये।

आंकलन से बढ़ा हौसला

टेस्ट देकर निकले कुछ बच्चों ने बातचीत में बताया कि उन्होंने आज के पहले कभी भी ओएमआर शीट का यूज नहीं किया था। इसके साथ ही आईक्यू लेवल के प्रश्नों की भी बच्चों ने खूब तारीफ की। उनका तर्क था कि इस टेस्ट में शामिल होने के बाद खुद का आंकलन करने में आसानी होगी। उन्हें एहसास हुआ कि आगे की तैयारी किस पैटर्न पर की जा सकती है।

इन प्रमुख शिक्षण संस्थाओं में हुआ आईआईटी

- सिटी मॉन्टेसरी स्कूल

- इरम पब्लिक कॉलेज

- ब्राइटलैंड इंटर कॉलेज

- हफ्सा ग‌र्ल्स कॉलेज, कटौली मलिहाबाद

- करामत ग‌र्ल्स इंटर कॉलेज

- सुन्नी इंटर कॉलेज

- मदरसा महादुल फिरदौस रहमानी, दुबग्गा

- मदरसा सैय्यद अहमद शहीद कटौली, मलिहाबाद

- वारसिया पब्लिक स्कूल

- शैकुल आलम साबरिया चस्तियां, अबरार नगर लखनऊ

बच्चों के कोट

यह एक बड़ी आपच्र्युनिटी है। जागरण समूह ने हमको ऐसा प्लेटफॉर्म दिया है, जिसके जरिए स्टूडेंट्स अपनी योग्यता को परख सकते हैं। मैंने भी यही सोच कर एग्जाम में पार्टीसिपेट किया है।

- आकाश, ब्राइटलैंड स्कूल

इंडियन इंटेलिजेंस टेस्ट को लेकर काफी कुछ न्यूज पेपर में पढ़ा, वहीं से इस टेस्ट के बारे में जानने के बाद इसके लिए रजिस्ट्रेशन कराया था। पेपर जैसे मैंने सोचा था उम्मीद से बिलकुल अगल आया।

- सृष्टि, ब्राइटलैंड स्कूल

आई वांट टू चेक माई एबिलिटी, यहीं कारण है कि मैंने आईआईटी में पार्टीसिपेट किया है। एग्जाम पेपर भी मेरे इस कांसेप्ट को सपोर्ट कर रहा है। क्वेश्चन देखकर लग रहा है कि मेरा रूझान किस ओर है। फिलहाल एग्जाम देने में बहुत मजा आया। अब तो बस रिजल्ट का इंतजार है।

- समीरा बानो, वारसिया पब्लिक स्कूल

आईआईटी का पेपर काफी अच्छा आया है। सॉल्व करने के दौरान हर क्वेश्चन ने उलझाया, लेकिन हल भी जल्दी हो गए, जिस दिन से फॉर्म भरा था तभी से एग्जाम की तैयारी कर रही थी। पैरेंट्स ने भी मेरी काफी हेल्प की।

- सैय्यद अशरफ , इरम पब्लिक स्कूल

अपनी नॉलेज इंक्रीज करने के लिए आईआईटी में पार्टीसिपेट कर रही हूं। अपने पसंदीदा सब्जेक्ट में मेरी कितनी पकड़ है, यह परखने के लिए मैंने इसमें पार्टीसिपेट किया। क्वेश्चन हमारी नॉलेज के हिसाब से थोड़े हाई लेवल के थे।

- अंकिता, करामत ग‌र्ल्स इंटर कॉलेज

एग्जाम में कुछ क्वेश्चन तो काफी सरल थे, लेकिन कई ऐसे क्वेश्चन भी थे, जिसने टेंशन दिये। इनको सॉल्व करने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ी, लेकिन फाइनली सब ठीक रहा।

- दीक्षा मिश्रा, करामत ग‌र्ल्स इंटर कॉलेज

पहली बार ऐसे किसी एग्जाम में शामिल हुआ, पहले तो काफी डर लग रहा था। डर के कारण शुरू में क्वेश्चन भी समझ में नहीं आ रहे थे, लेकिन थोड़ी देर बाद सब ठीक हो गया। अपनी तरफ से तो सही क्वेश्चन सॉल्व किए अब रिजल्ट का वेट करना है।

- आशुतोष तिवारी, इरम पब्लिक स्कूल

ये सोच कर एग्जाम में पार्टीसिपेट किया कि सबसे अच्छे मा‌र्क्स लाने हैं। आईआईटी को लेकर काफी तैयारी भी की थी, जिसके अच्छे परिणाम आने की उम्मीद है। कुछ क्वेश्चन काफी कठिन आए।

- चमन फामिता, वारसिया पब्लिक स्कूल

कई प्रश्न ऐसे थे, जिनके आंसर को लेकर कंफ्यूजन था। पता चला कि माइनस मार्किंग भी है तो सावधानी बरतनी पड़ी। इसमें कोई शक नहीं कि एग्जाम देने में काफी मजा आया। ओएमआर शीट भरना और नए ट्रेंड के क्वेश्चन सॉल्व करना नया एक्सपीरियंस दे गया।

- फरीन खान, वारसिया पब्लिक स्कूल

आजकल के स्टूडेंट्स अपने करियर को लेकर काफी चूजी हो चुके हैं। उन्हें अपने इंट्रेस्ट के हिसाब से ही सब्जेक्ट का सलेक्शन करना चाहिए। आईआईटी इसमें काफी हेल्प फुल साबित होगा। पेपर देखने के बाद मुझे भी इस बात का अहसास हुआ।

- शुभम मोदी, इरम पब्लिक स्कूल

आईआईटी प्रिंसिपल का कोट

दैनिक जागरण समूह द्वारा आयोजित किया जाने वाला इंडियन इंटेलीजेंस टेस्ट स्टूडेंट्स के लिए काफी बेहतरीन है। इसके जरिए स्टूडेंट्स अपना असेसमेंट कर सकते हैं। फ्यूचर में जिस तरह से कंप्टीशन लेवल बढ़ रहा है, उसे देखते हुए यह एग्जाम काफी हेल्पफुल है।

- सहर सुल्ताना, प्रिंसिपल, इरम पब्लिक कॉलेज

इंडियन इंटेलिजेंस टेस्ट एक ऐसा टेस्ट है, जिसमें स्कूल के हर स्टूडेंट्स को पार्टिसिपेट करना चाहिए। जिन्होंने इस टेस्ट में पार्टिसिपेट नहीं किया है वह अगली बार इसमें जरूर शामिल हों। उन्हें इससे करियर चुनने में काफी मदद मिलेगी।

- मरियम सिद्दीकी, प्रिंसिपल, वारसिया पब्लिक स्कूल

कई बार हम किसी एक टेस्ट से ही काफी अच्छी चीजें सिख सकते हैं। जिसकी कीमत का अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता है। इंडियन इंटेलीजेंस टेस्ट के जरिए न सिर्फ बच्चे नॉलेज गेन करते हैं बल्कि उन्हें सही दिशा भी मिलती है।

- मौलाना अब्दुल बारी, मदसरा महादुल फिरदौस रहमानी

सिर्फ बच्चों पर हर वक्त अपना ही दबाव बनाना ठीक बता नहीं है। बच्चों को इंडियन इंटेलीजेंस टेस्ट में पार्टिसिपेंट कराने से उनके अंदर से एग्जाम की झिझक खत्म कराने के साथ उनको भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार किया जा सकता है।

- मौलाना युसुफ हसनी

हर पेरेंट्स का सपना होता है कि उनके बच्चे किसी बेहतर फिल्ड में आगे बढ़ें। पर ज्यादातर पेरेंट्स यह समझ नहीं पाते कि बच्चे का रुझान या उसकी रुचि किस फिल्ड में है। इंडियन इंटेलीजेंस टेस्ट इस चीज को बेहतर तरीके से जानने में मदद करता है। इस टेस्ट का पैटर्न काफी यूनिक और बेहतर है।

- उजमा सिद्दीकी, प्रिंसिपल, करामत ग‌र्ल्स इंटर कॉलेज

इस तरह का एग्जाम हमेशा कराया जाना चाहिए। एग्जाम का पैटन कंप्टीशन की तैयारी करने वालों के लिए काफी अच्छा है। वैसे भी कंप्टीशन में ओएमआर शीट के साथ-साथ तरह-तरह के पेपर आते हैं। इंडियन इंटेलीजेंस टेस्ट भविष्य की तैयारी का एक बेहतर विकल्प है।

- रूपा चावला, प्रिंसिपल, ब्राइट लैंड इंटर कॉलेज

Posted By: Inextlive