अब गांवों की तस्वीर बदलेंगे आईआईटीयंस
-आईआईटी पटना ने अपने न्यू कैंपस के आस-पास के गांवों को किया एडॉप्ट
-आईआईटी स्टूडेंट्स गांव वालों को सीखा रहे हैं टेक्निकल इनोवेशनPATNA: देश में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है कमी इस बात की है कि यहां के बेस्ट टैलेंट ग्रासरूट चेंज के लिए प्राय: काम नहीं आ रहे हैं। बेटर सैलरी पैकेज व अन्य कारणों से वे विदेश में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए गवर्नमेंट ऑफ इंडिया की ओर से उन्नत भारत प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य है रूरल इंडिया में बसे लोगों को नई-नई इनोवेशन और टेक्नोलॉजी से उनके लिए डेवलपमेंट का स्कोप बढ़ाना। इसमें हैदराबाद स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रूरल डेवलपमेंट एंड पंचायती राज के साथ अन्य स्टेकहोल्डर भी है। आईआईटी दिल्ली इस प्रोजेक्ट का को-आर्डिनेटिंग इंस्टीट्यूट है। इसमें आईआईटी पटना भी शामिल है। आईआईटी पटना में ह्यूमैनिटीज डिपार्टमेंट के असिस्टेंट प्रोफेसर आदित्य राज ने बताया कि आईआईटी पटना के विभिन्न ट्रेड के स्टूडेंट्स इस प्रोजेक्ट से जुड़ गए हैं।
रूरल एरिया में टेक्निकल सॉल्यूशनप्रो आदित्य राज ने बताया कि आईआईटी पटना का न्यू कैंपस, जो बिहटा में है, के आसपास के रूरल एरियाज में स्टूडेंट्स विजिट कर यहां लोगों को ऐसे टेक्निकल सॉल्यूशन बताते हैं जिसे सीखकर लोग न केवल आत्मनिर्भर बनेंगे, बल्कि रूरल प्रोडक्ट में भी कम खर्च पर स्मार्ट अप्रोच एडॉप्ट किया जा सकता है। अब तक दो बार विजिट हो चुका है न्यू कैंपस के आसपास के विलेज एरिया में। टेक्निकल सॉल्यूशन में कम खर्च में राइस कटिंग कैसे करें, इरिगेशन के लिए वाटर का बेस्ट यूज कैसे करें और बॉयोफ्यूल कैसे तैयार किया जा सकता है आदि शामिल है।
ग्रामीण ले रहे हैं इंटरेस्ट रूरल एरिया में विजिट करने पहुंचे मैकेनिकल इंजीनियरिंग के स्टूडेंट राजू गुप्ता ने कहा कि ग्रामीण इनोवेशन और टेक्नो-बेस्ड सॉल्यूशन में रुचि ले रहे हैं। राजू ने बताया कि ग्रामीण टेक्नोलॉजी की हेल्प से अपनी स्थिति बेहतर बनाना चाहते हैं। हालांकि शुरुआत में लोगों को समझना पड़ा कि वास्तव में वे क्या करना चाहते हैं। दिल्ली ने सबसे अधिक गांवों को लिया गोद जानकारी हो कि आईआईटी पटना का न्यू कैंपस बिहटा में है। यहां के अमहारा, कंचनपुर, दिलावरपुर व अन्य गांव शामिल है। इन गांवों को प्रोजेक्ट के तहत एडॉप्ट किया गया है। आईआईटी दिल्ली ने सबसे अधिक भ्0 गांवों को एडॉप्ट किया है। ये सभी दिल्ली के आसपास के गांव हैं।अभी शुरुआत है, धीरे-धीरे इसमें वॉल्यूएंटेरली अधिक से अधिक स्टूडेंट्स को जोड़ा जाएगा। टेक्नोलॉजी की हेल्प से गांवों की तस्वीर बदलने में हेल्प मिलेगी।
-प्रो आदित्य राज, असिस्टेंट प्रोफेसर, आईआईटी पटना