शिकंजे में जासूस

-बरेली के फरीदपुर में दलाल मनोज से बनवाया था इजाज ने वोटर कार्ड

-इजाज को भारतीय दस्तावेज सौंपने वालों को ट्रेस कर रही है पुलिस

-आज आ सकती है सीएफएल से इजाज के उपकरणों की फोरेंसिक रिपोर्ट

Meerut : पाकिस्तानी जासूस मोहम्मद इजाज को बरेली के फरीदपुर में मनोज ने 500 रुपये लेकर वोटर आईडी कार्ड बनाकर दिया था। फरीदपुर के ही विनोद ने इजाज की मनोज से मुलाकात कराई थी। शुक्रवार का जांच में हुए खुलासे के बाद थाना सदर पुलिस ऐसे सभी आरोपियों को लिस्टेड कर रही है, जिन्होंने कोलकाता से लेकर बरेली तक इजाज को 'इंडियन' बनाया था।

पांच दिन में दिया वोटर कार्ड

खुलासा हुआ कि मनोज ने इजाज को महज पांच दिन में वोटर आईडी कार्ड बनाकर दिया है, बरेली के पते पर राशनकार्ड बनवाने की कोशिश कर रहा था। लगभग सौदा भी हो चुका था, 1500 रुपये वोटर कार्ड बनाने के लिए तय हुए थे। आधार कार्ड और स्कूल का प्रमाणपत्र इजाज कोलकाता से लेकर आया था। पुलिस ने कहा कि इजाज से बरामद वोटर के नंबर से डिटेल तलाशी जा रही है। पुलिस ने बताया कि कोलकाता से लेकर बरेली तक करीब ऐसे लोगों के संपर्क में इजाज आया, जिन्होंने उसे वोटर कार्ड, आधार कार्ड, शिक्षण प्रमाणपत्र आदि दस्तावेज दिए थे। इजाज इन दस्तावेजों का प्रयोग सैन्य क्षेत्र में रोकने-टोकने के दौरान करता था, इसके अलावा सिम आदि खरीदने के लिए भी इजाज ने जाली आईडी यूज की है। बता दें कि एसटीएफ की मेरठ यूनिट ने 27 नवंबर को मेरठ कैंट रेलवे स्टेशन से पाकिस्तानी आईएसआई एजेंट मोहम्मद इजाज को गिरफ्तार किया था। उसके पास से सेना के गोपनीय दस्तावेज, लैपटॉप, मोबाइल आदि बरामद हुआ था।

जल्द होगी गिरफ्तारी

मेरठ पुलिस ने बताया कि इजाज को राष्ट्रीय महत्व के दस्तावेज सौंपने वाले रडार पर हैं, क्योंकि जासूस ने पता नहीं बताया है, इसलिए पुलिस उन्हें लोकल सोर्सेस से तलाश रही है। पुलिस का कहना है कि जल्द ही ऐसे लोगों की गिरफ्तारी होगी। वहीं सूत्रों का यह भी कहना है कि इजाज अपने साले के साथ बरेली आया था, गिरफ्तारी के बाद पत्‍‌नी आसमां का तो पुलिस को पता चला, लेकिन साला कहा है यह पुलिस नहीं जानती। विवेचना कर रही मेरठ पुलिस ने बरेली, कोलकाता और जेएंडके जाने के लिए कोर्ट में परमीशन के लिए फाइल किया है। वहीं दूसरी ओर किसी भी दिन इजाज से पूछताछ करने कोलकाता की टीम आ सकती है।

सलीम ने भेजे 1,30,334 रुपये

भारत सीमा में प्रवेश के बाद 2013 से लेकर गिरफ्तारी तक इजाज के सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के अकाउंट में 1,30,334 रुपये भेजे हैं। ये रकम आईएसआई अधिकारी सलीम के निर्देश पर पाकिस्तान, जेएंडके, दुबई से एजेंट के खाते में भेजी गई। बांग्लादेशी प्रोबीन भी एक बार दस हजार रुपये इजाज को कोलकाता में देकर गया था। अलअल्लाह नाम के व्यक्ति ने 8 जनवरी 2014 को श्रीनगर से इजाज के अकाउंट में 20,000 रुपये ट्रांसफर किए गए। बड़ी रकम इजाज के पास हवाला के थ्रू आई। लेनदेन बैंक की नजर में न आए, इसलिए कम रकम खाते में देने के साथ-साथ एहतियातन बड़ी फिगर से एक-दो रुपये कम ट्रांसफर किए गए हैं। जैसे एक बार 4,999 रुपये भेजे गए तो एक बार खाते में 9,890 रुपये भेजे गए।

नहीं मिली फोरेंसिक रिपोर्ट

इजाज के लैपटॉप, मोबाइल, एसडी कार्ड, सिम कार्ड की फोरेंसिक रिपोर्ट शुक्रवार को भी नहीं मिली है। बता दें कि पाकिस्तानी जासूस से बरामद इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स पड़ताल के लिए सेंट्रल फोरेंसिक लैब दिल्ली भेजे गए हैं। शुक्रवार शाम थानाध्यक्ष गजेंद्र सिंह यादव के निर्देश पर एक टीम फिर से रिपोर्ट लेने के लिए दिल्ली रवाना हुई। इजाज के गैजेट्स में दर्ज सूचनाएं इस केस के लिए महत्वपूर्ण हो सकती हैं। इजाज ने देश की क्या-क्या सैन्य जानकारियां पाकिस्तान को भेजी हैं, यह भी रिपोर्ट में स्पष्ट होगा। साथ ही कौन-कौन इजाज के संपर्क में था यह साफ होगा?

कोलकाता से लेकर बरेली तक इजाज ने कई जाली दस्तावेज तैयार कराए हैं। पुलिस के पास फर्जी दस्तावेज तैयार करने वालों के नाम हैं। बरेली, कोलकाता, बिहार में रहने वाले ये लोग पुलिस के रडार पर हैं। इजाज के मेरठ कनेक्शन की जांच भी पुलिस कर रही है।

-गजेंद्र सिंह यादव, एसओ, थाना सदर

Posted By: Inextlive