- रोक के बावजूद राजधानी में तानी जा रही इमारतें

- अवैध निर्माण को रोकने नगर आयुक्त ने एसएसपी को लिखा पत्र

PATNA : राजधानी पटना में जिस गति से आबादी बढ़ रही है, उसी गति से अवैध निर्माण हो रहा है। यह बात यूं ही नहीं कही जा रही, बल्कि आंकड़े कह रहे हैं। जिन पर नजर डालें तो आप हैरान रह जाएंगे। पटना नगर निगम, पटना हाईकोर्ट और जिला प्रशासन के रोक के बावजूद पिछले क्फ् साल में फ्क्7फ् अवैध निर्माण हुए हैं, जिसमें से मात्र 9भ्फ् मामलों का निपटारा नगर निगम कर पाया है। शेष ख्ख्ख्0 अवैध निर्माण आज भी राजधानी में सीना ताने खड़ी हैं। इसमें से कुछ निर्माण मौजूदा समय में भी जारी है।

हाईकोर्ट लगा चुका है रोक

हद तो तब हो गई, जब नगर निगम की ओर से भवनों के अवैध निर्माण की शिकायत पटना हाईकोर्ट से की गई। कोर्ट समादेश याचिका संख्या-8क्भ्ख्/क्फ् में इसके निर्माण पर रोक भी लगा चुका है। इन पर संबंधित थानों में एफआईआर दर्ज है। उसके बाद भी निगम व पुलिस प्रशासन के नाक के नीचे निर्माण कार्य जारी है। इसे न्यायालय के आदेश का उल्लंघन माना जा रहा है।

ऐसे होता है अवैध निर्माण

अगर कोई व्यक्ति राजधानी में घर बनाना चाहता है, तो उसे पटना नगर निगम से नक्शा पास कराकर उसके अनुरूप ही बिल्डिंग खड़ी करनी होती है। साथ ही भवन निर्माण के बाइलॉज के मुताबिक बिल्डिंग के सामने की सड़क की चौड़ाई कम-से-कम ख्0 फीट रखनी होती है। अब ऐसे में जो बिना नक्शा पास कराए या नक्शा के विपरीत या फिर उसके सामने की सड़क की चौड़ाई ख्0 फीट से कम होती है, तो वह निर्माण अवैध कहलाता है।

ऐसे चलता है मामला

नगर आयुक्त के मुताबिक नगर निगम में अवैध निर्माण को लेकर दो तरह से शिकायतें दर्ज होती है। सबसे पहले नगर आयुक्त की अदालत में मामलों को निपटाया जाता है। वहां बात नहीं बनती है, तो फिर मामला ट्रिब्यूनल के बाद हाईकोर्ट होते हुए सुप्रीम कोर्ट तक जाता है। नगर निगम अवैध निर्माण पर रोक लगाकर निगरानी वाद शुरू करता है। इसकी जानकारी संबंधित थानों को दी जाती है। ऐसे मामलों में निर्माण पर रोक लगी रहे, इसे देखने की जिम्मेवारी थानों की होती है।

नगर आयुक्त ने लिखा पत्र

इस संबंध में नगर निगम के नगर आयुक्त जय सिंह ने एसएसपी मनु महाराज को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने हाईकोर्ट की रोक के बाद भी जिन भवनों में निर्माण कार्य चल रहा है, उस पर रोक लगाने की बात कही है। नगर आयुक्त ने कहा है कि मार्च ख्0क्भ् से अब तक कुल ख्भ्7 अवैध निर्माण पर रोक लगाने संबंधित जानकारी थानों को दे दी गई है।

अवैध निर्माण की श्रेणी

- नगर निगम से बिना नक्शा पास कराए घर बनाना।

- नक्शा में छेड़छाड़ कर बिल्डिंग खड़ी करना (जैसे दो मंजिल की परमिशन और तीन या चार मंजिल खड़ी कर देना)।

- सरकारी जमीन या किसी दूसरे के जमीन पर कब्जा कर घर बनाना।

- घर के सामने की सड़क की चौड़ाई ख्0 फीट से कम होना।

अवैध निर्माण की सूची

वर्ष कुल मामले निगम ने निपटाए

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ऐसे मामलों में निर्माण पर रोक लगी रहे, इसे देखने की जिम्मेवारी थानों की है। बावजूद इसके कई मामलों में शिकायत आती है कि भवन का निर्माण जारी है। इस संबंध में मैंने पटना एसएसपी को एक पत्र भी लिखा है।

- जय सिंह, नगर आयुक्त, पटना नगर निगम

Posted By: Inextlive