पेट्स के काले कारोबार पर फॉरेस्ट का शिकंजा
- कांवली रोड पर खासकर रखी जा रही नजर
- तो वहीं अभियान चलाकर घरों से आजाद कराए जा रहे इंडियन बर्ड्स देहरादून। दून सहित स्टेट में चल रहे पेट्स के काले कारोबार पर फॉरेस्ट डिर्पाटमेंट ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। इन अवैध दुकानों पर पेट्स की आड़ में प्रोहिबिटेड कैटेगिरी के बर्ड्स एंड एनीमल का भी सौदा किया जा रहा है। लॉकडाउन के दौरान फॉरेस्ट डिपार्टमेंट की टीम की ओर से कांवली रोड पर छापेमारी की जा चुकी है। इसके साथ ही अब अभियान के तहत इलीगल पेट्स शॉप्स के खिलाफ कार्रवाई होगी। जिसमें धरपकड़ की कार्रवाई के साथ ही लोगों को प्रोहिबिटेड पशु-पक्षी न खरीदने की अपील भी की जाएगी। -- खुद ग्राहक बनकर रख रहे नजरकांवली रोड पर फॉरेस्ट डिपार्टमेंट की खास नजर है। यहां रेस्क्यू टीम वाले खुद ग्राहक बनकर छापेमारी अभियान को तेज करने की तैयारी में हैं। साथ ही घर-घर जाकर लोगों को ये भी समझाया जाएगा कि तोतों को खरीदना प्रतिबंधित है। यदि बच्चे जिद करते हैं तो उन्हें समझाइए। प्रेमनगर में तो कुछ घरों से 20 तोतों को लोगों को समझाने के बाद उड़ाया भी जा चुका है। साथ ही लोगों को बताया जा रहा है कि इंडियन बर्ड्स, इंडियन टर्टल आदि की खरीदारी प्रतिबंधित है।
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इनकी खरीद-फरोख्त दंडनीय
जंगली तोता प्लम हेडेड पैराकीट, गर्दन से चोंच तक लाल रंग और रोज ¨रग पेराकीटम। ग्रीन तोता, बाज, उल्लू, मुनिया आदि -- शेड्यूल 4 में शामिल है पैरट वन विभाग की टीम की ओर से घर में कैद जिन पैरट्स को आजाद कराया। वे शेड्यूल-4 में शामिल बर्ड्स हैं। ऐसे बर्ड्स को घर में रखने और उनका कारोबार करने वाले को वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत सजा हो सकती है, हालांकि पैरट्स अभी विलुप्त प्रजाति में शामिल नहीं है। इनका शिकार होने के कारण इनकी संख्या में लगतार गिरावट आ रही है -- पशु-पक्षियों के इलीगल कारोबार की सबसे अधिक शिकायत कांवली रोड के छबील बाग से आ रही हैं। जहां लॉकडाउन में एक बार कार्रवाई की भी जा चुकी है। जल्द ही अन्य जगह भी ग्राहक बनकर छापेमारी की जाएगी। साथ ही अभियान चलाकर सभी से प्रोहिबिटेड पशु-पक्षी नहीं खरीदने की अपील की जाएगी। - रवि जोशी, सिटी रेस्क्यू टीम प्रभारी, फॉरेस्ट डिर्पाटमेंट -- लोगों की बात गवर्नमेंट को इलीगल तरीके से पेट्स को बेचने और खरीदने करने पर फाइन लगाना चाहिए। ताकि लोगों के अंदर भी इनकी खरीदारी के समय डर हो। रजत कुमार --इलीगल पेट्स शॉप्स को लेकर लगातार कार्रवाई होनी चाहिए। आखिर ये पेट्स के साथ इस तरह की क्रूरता कैसे दिखा सकते हैं। ये बिल्कुल गलत बात है।
सुनीता सेमवाल