आई एक्सक्लूसिव

एमडीए का बिजनेस पार्क घोटाला

- फर्जी तरीके से किया प्राइवेट बिजनेस पार्क का नक्शा पास

- मोहकमपुर में 74450 वर्ग मीटर का नक्शा किया पास

- रिपोर्ट में दिया हो चुका है इनर रिंग रोड का निर्माण

- 2011 में हो चुका है इसी योजना का नक्शा कैंसल

mohit.sharma@inext.co.in

Meerut: एमडीए की कोई प्राइवेट योजना हो या फिर सरकारी योजना। उसमें किसी तरह का घपला होता जरूर है। ऐसा ही एक और मामला सामने आया है, जिसे जानने के बाद आपके पैरों से जमीन खिसक जाएगी। प्राधिकरण के अधिकारियों ने इनर रोड के पास की जमीन पर एक बिजनेस पार्क बनाने की मंजूरी देने के साथ नक्शा तक पास कर डाला, जबकि इसी नक्शे को कुछ साल पहले इनर रोड बनने को लेकर टाल दिया गया था।

यह है मामला

सुपरटेक तिराहे के सामने मोहकमपुर का मामला है। साल ख्0क्ब् में इस बिजनेस पार्क को यह कहते हुए पास कर दिया कि इनर रिंग रोड का निर्माण हो चुका है। जबकि हकीकत कुछ और ही है। किसानों के विरोध के कारण अभी तक इनर रिंग रोड के लिए जमीन का अधिग्रहण तक नहीं हुआ है। वहीं बिल्डर ने प्लॉटिंग कर लोगों को लैंड तक बेचनी शुरू कर दी है। प्लाटिंग के इस खेल में बिल्डर करोड़ों के वारे न्यारे कर रहा है।

करीब 7भ् हजार वर्ग मीटर लैंड

दिल्ली रोड पर सुपरटेक तिराहे के सामने से मोहकमपुर से होते हुए एक रजवाहा निकल रहा है। जिसके बाई ओर रेलप्रो इंफ्रा डेवलपर्स ने बिजनेस पार्क डेवलप करने के लिए 7ब्ब्भ्0 वर्ग मीटर का मानचित्र एमडीए में दाखिल किया। इस जमीन के सामने रिठानी माइनर है। दूसरी ओर सड़क का निर्माण हो चुका है। इसके आगे कोई रास्ता नहीं है।

पहले हुआ था निरस्त

आपको जानकर ताज्जुब होगा कि ख्7 जुलाई ख्0क्क् को नोडल अधिकारी की रिपोर्ट के बाद चीफ टाउन प्लानर ने बिल्डर का आवेदन निरस्त कर दिया था। निरस्तीकरण का कारण महायोजना में उस तरफ इनर रिंग रोड बनाई जानी है। जिसका निर्माण अभी तक शुरू नहीं हुआ है। जानकारों की मानें तो नियमों के अनुसार उस रास्ते पर नक्शे को मंजूरी नहीं दी जा सकती। बावजूद इसके ढ़ाई साल बाद मार्च ख्0क्ब् में इस प्रोजेक्ट के मैप संख्या क्ब्/क्क् को मंजूरी दे दी गई।

पटरी पर सिंचाई विभाग की आपत्ति

जहां पर इनर रोड बननी है वहां पर एक इंच भी सड़क का निर्माण नहीं हुआ। वहीं सिंचाई विभाग ने रिठानी माइनर की पटरी पर निर्माण को लेकर अपनी आपत्ति लगा दी है। मोहकमपुर के किसानों ने साफ कर दिया है कि जब तक उन्हें उनकी जमीन का मुआवजा नहीं मिलेगा तब तक वह इस मार्ग का निर्माण नहीं होने देंगे। ऐसे में रिपोर्ट गलत देना और नक्शे का पास करना अधिकारियों की विश्वसनीयता पर सबसे बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है।

एमडीए अफसरों की भूमिका संदिग्ध

जिन लोगों को एमडीए में टाउन प्लानिंग का जिम्मा दिया गया था। वो ही महायोजना से खेल कर रहे हैं। इस मामले में प्लानर्स की भूमिका संदिग्ध है। एक बार आवेदन निरस्त होने के बाद आखिर कौन सी मजबूरी खड़ी हो गई थी, जो नक्शा पास करना पड़ा। जबकि पहली रिपोर्ट में स्पष्ट कहा गया कि बिना एप्रोच रोड के नक्शा पास नहीं किया जा सकता है।

करोड़ों रुपए का खेल

आपको बता दें कि ये पूरा प्रोजेक्ट करीब ख्00 करोड़ रुपए है। अभी तक भ्0 से अधिक लोग यहां पर अपना बिजनेस लगाने के लैंड ले चुके हैं। जहां एक ओर बिल्डर ने अपने वारे न्यारे कर लिए हैं। दूसरी ओर एमडीए के अधिकारियों की झोली में भी कुछ हिस्से जरूर आया होगा। खैर अभी कोई अधिकारी इस पर खुलकर बोलने को तैयार नहीं है। सिर्फ जांच कराने की बात कर रहे हैं।

क्या कहते हैं मानक

दरअसल, करोड़ों के इस प्रोजेक्ट का भविष्य एमडीए के इनर रिंग रोड प्रोजेक्ट पर ही टिका हुआ था। इस प्रोजेक्ट की लोकेशन मोहकमपुर स्थित रिठानी माइनर के किनारे है। यहीं पर एमडीए की इनर रिंग रोड प्रस्तावित है। नियमानुसार प्रस्ताव पर जब तक कोई नक्शा पास नहीं किया जा सकता, जब तक शासन उसको ग्रीन सिग्नल न दे दे।

पर्सनल रोड बना दिखाई रिंग रोड

करोड़ों की इस डील को पचाने के लिए एमडीए ने बिल्डर के साथ मिलकर बड़ा गेम खेला। ख्0क्क् में इस प्रोजेक्ट को रिजेक्ट करने के पीछे इनर रिंग रोड पर काम न शुरू होना बताया था। इस बार एमडीए से मिल बिल्डर ने रिंग रोड के स्थान पर अपनी निजी रोड बना डाली और उसको प्राधिकरण की रिंग रोड दर्शा दिया। यहां तक कि एमडीए ने भी इस पर अपनी स्वीकृती की मुहर लगाते हुए नक्शा पास कर दिया।

निर्माण कार्य हुआ शुरू

सारे नियम कायदों को धता बताते हुए बिल्डर ने बेखौफ होकर निर्माण कार्य की शुरुआत कर दी है। प्रोजेक्ट की जमीन पर एक ओर जहां नींव खुदनी शुरू हो गई हैं, वहीं ईटों और निर्माण सामग्री की गाडि़यों की आवाजाही शुरू हो गई है। रात के समय बिल्डर बल्क में मजदूरों को साथ लेकर धड़ल्ले से निर्माण कार्य में जुट जाता है और दिन में एमडीए पूरे मामले में लीपा पोती में लगा रहता है।

क्या है कहते हैं अफसर

बिजनेस पार्क पर निर्माण कार्य बंद करा दिया गया था। फिर से काम शुरू होने की जानकारी नहीं है। जेई को मौके पर भेजकर रिपोर्ट मंगाई जाएगी। यदि निर्माण कार्य शुरू हुआ है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।

आशु मित्तल, जोनल अफसर एमडीए

रेल प्रो इन्फ्रा मामले को लेकर जांच चल रही है। यदि मौके पर निर्माण कार्य शुरू हो गया है तो काम रुकवा कर बिल्डर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

राजेश यादव, वीसी एमडीए

Posted By: Inextlive