--रांची के कई इलाकों में शुरू हुआ अवैध क्रशर का काम

-एसडीओ ने बुढ़मू और ठाकुरगांव इलाके में चलाया अभियान, कई क्रशर ध्वस्त

-तुपुदाना, बालश्रृंग, नामकुम, अनगड़ा, ओरमांझी, कुच्चू, झिरी, पिठोरिया, मनातू समेत कई इलाकों में तोड़े जा रहे पत्थर

-बाजार में 30 से 35 रुपए सीएफटी बेचने का खेल, शहर के इंट्री प्वाइंट मैनेज

abhishek.sinha@inext.co.in

RANCHI 29 May

राजधानी में निर्माण सामग्री के दाम आसमान छूने लगे हैं, जिसका कारण अवैध खदानों का बदस्तूर जारी रहना है। रांची से सटे तुपुदाना, बालश्रृंग, नामकुम, अनगड़ा, ओरमांझी, कुच्चू, झिरी, पिठोरिया, मनातू आदि इलाकों में बेखौफ दबंगों के द्वारा पहाड़ तोड़े जा रहे हैं और क्रशर चलाए जा रहे हैं। ग्रामीणों की आवाज को रुपया और रसूख से दबाने का भरसक प्रयास जारी है। पूरे प्रकरण में ग्राम पंचायतों की भूंिमका भी संदिग्ध है। इस दो नंबर के खदानों के चलने के कारण पक्के बिल से शहर में गिट्टी, बोल्डर, मेटल आदि सप्लाई करनेवालों ने भी पत्थरों की कीमत में भारी इजाफा कर दिया है। इमारतों के निर्माण के लिए जहां 20-22 रुपए सीएफटी में गिट्टी 4 माह पूर्व तक मिल जाता था, वही अब 30-35 रुपए सीएफटी कीमत वसूली जा रही है, जिससे प्रति गाड़ी करीब 5000 से 10000 रुपए कीमत बढ़ गई है।

12 क्रशर एसडीओ ने किए ध्वस्त

19 मई को एसडीओ अंजलि यादव ने बुढ़मू प्रखंड में चल रहे 12 अवैध क्रशरों को ध्वस्त किया, लेकिन शहर से सटे ग्रामीण इलाकों में करीब 100 से ज्यादा अवैध क्रशर अभी भी बेखौफ होकर चलाए जा रहे हैं। अधिकारियों को सूचना केवल उन्ही क्रशरों की मिलती है, जहां से वसूली बंद हो जाती है या स्थानीय लोग उग्र हो जाते हैं।

बिना दस्तावेज शहर में एंट्री

इन अवैध क्रशरों से उत्पादित गिट्टी लदे वाहनों को बेरोक टोक शहर में एंट्री-एक्सिट दी जाती है। इन सबके पीछे लोकल पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों को मैनेज करने का खेल जारी है। शहर के एंट्री प्वाइंट को मैनेज कर बेधड़क इन अवैध पत्थरों से करोड़ों रुपए का व्यवसाय चलाया जा रहा है।

डेली 5 करोड़ की अवैध कमाई

शहर में प्रतिदिन 1000 से उपर निर्माण सामग्री से लदे वाहनों की एंट्री होती है। प्रति गाड़ी 5000 रुपए से लेकर 10 हजार रुपए की बंदरबांट होती है। जानकारों की मानें तो पूरा खेल प्रतिदिन 5 करोड़ से ऊपर का है, जो अधिकारी -कर्मचारी-दबंगों और पंचायत को मैनेज कर खेला जा रहा है। इस लूट के बाद सामग्री की कीमत आसमान छूने लग रही है।

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हमलोग बिना पक्के बिल का माल नहीं खरीदते हैं, इसलिए जो लोग पक्का बिल देते हैं वह लोग मनमाना रेट मांग रहे हैं। बगैर बिल का माल बहुत खराब क्वालिटी का है और वह भी महंगा बेचा जा रहा है, जिसे कुछ बिल्डर लोग खरीद रहे हैं। यह सरासर गलत है। इसके कारण गिट्टी का दाम आसमान छूने लगा है।

धीरज सिन्हा, बिल्डर

पहले बालू को लेकर काफी काला धंधा चला, अब क्रशर का खेल चल रहा है। जो बिल्डर इन सप्लायरों का माल नहीं ले रहे उन्हें महंगी कीमत में माल खरीदना पड़ रहा है। इनलोगों का दावा है कि लोकल एडमिनिस्ट्रेशन से लेकर ऊपर तक सबकुछ मैनेज है। इसलिए बाद में भी कुछ प्रॉब्लम नहीं होगी, लेकिन हमलोग बिना जीएसटी बिल के माल लेने से मना कर दिए।

विवेक कुमार वर्मा, बिल्डर

हमलोग सूचना पर कार्रवाई करते हैं। बुढ़मू वाले मामले में जैसे ही सूचना मिली थी, मैंने खुद टीम तैयार की और धावा बोला। यदि किसी के पास कोई सूचना है तो जरूर दीजिए, आरोपियों का सारा गलत मैनेजमेंट का खेल फेल हो जाएगा। रेड होगी और ध्वस्त किए जाएंगे सारे अवैध क्रशर।

एसडीओ, अंजलि यादव

ट्रैफिक पर दवाब बहुत ज्यादा है और फोर्स की क्षमता काफी कम है। ऐसे में रात में अगर हर वाहन को रोककर उसके दस्तावेजों की जांच करेंगे तो सारी सड़कों पर लंबा जाम लग जाएगा। वैसे पुलिस को जब भी सूचना मिलती है संदिग्ध वाहनों को रोककर उनकी छानबीन और दस्तावेजों की जांच की जाती है।

संजय रंजन सिंह, ट्रैफिक एसपी

लोन लेकर घर बनाना मुश्किल हो गया है। सारा सामान महंगा कर दिया गया है। गिट्टी का रेट तो गर्मी में अचानक 5000 रुपए प्रति गाड़ी बढ़ा दिया गया है। यह सारे लोगों की मिलीभगत से संभव होता है। प्रशासन को इसपर नकेल कसना चाहिए ।

जयप्रकाश, कोकर

जब तक अवैध क्रशर चलता रहेगा, तब तक गिट्टी के दाम में ऐसे ही उतार चढ़ाव होता रहेगा। इसलिए यह जरूरी है कि सबसे पहले इन अवैध क्रशरों को ध्वस्त करने की कार्रवाई की जाए। एसडीओ के कार्य की प्रशंसा करना चाहता हूं, लेकिन उन्हें इसे एक अभियान के रूप में रांची के हर इलाके में चलाना चाहिए।

राजेश भगत, कांके रोड

Posted By: Inextlive