आई स्टिंग

मनमाने तरीके से स्कूलों के बाहर हो रही अवैध पार्किंग, स्कूली बसों पर नहीं है किसी की लगाम

मानक से अधिक ई रिक्शा शहर में मौजूद, बन रहे जाम का कारण

ALLAHABAD: प्रशासनिक आलाधिकारियों के बार-बार चेतावनी देने के बावजूद शहर के स्कूल बेलगाम होते जा रहे हैं। इन स्कूलों के बाहर छुट्टी के समय बसों और चार पहिया वाहनों की अवैध पार्किंग अधिकारियों के लिए सिरदर्द बनी हुई है। इतना ही नहीं, शहर की सड़कों पर दौड़ रहे मानक से अधिक ई रिक्शा भी जाम का कारण बनते जा रहे हैं। रोक के बावजूद धड़ल्ले से इनकी बिक्री जारी है। आई नेक्स्ट ने बुधवार को पड़ताल कर इस हकीकत को उजागर करने की कोशिश की।

स्कूलों के सामने से निकलना मुश्किल

बीएचएस, जीएचएस, एमएमसी आदि स्कूलों के सामने की गई पड़ताल में बसों की मनमानी पार्किंग सामने आ गई। इन स्कूलों के सामने खड़ी बसें नियमों का मुंह चिढ़ा रही हैं। इतना ही नहीं, छुट्टी के समय अभिभावकों के दो और चार पहिया वाहनों ने हालात खराब करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। बता दें कि पूर्व में जिला प्रशासन ने स्कूलों के बाहर होने वाली अवैध पार्किंग पर ऐतराज जताया था। कमिश्नर राजन शुक्ला और डीएम संजय कुमार ने साफ लफ्जों में स्कूलों से अपने प्रिमाइसेस में पार्किंग की व्यवस्था कराने के आदेश दिए थे, जिसकी खुलेआम अनदेखी की जा रही है।

सड़क पर 2000 से अधिक ई रिक्शा

शहर की आबादी के मुताबिक शुरुआत में महज दो हजार ई रिक्शा बिक्री की इजाजत जिला प्रशासन की ओर से दी गई थी। यह बात और है कि कमिश्नर की पिछली बैठक के पहले ही शहर में ढाई हजार से अधिक रिक्शे बिक चुके थे। इसको लेकर अधिकारियों ने नाराजगी भी व्यक्त की लेकिन सच्चाई सामने है। वर्तमान में सड़कों पर तीन हजार सामान्य और आठ सौ के आसपास विभिन्न सरकारी योजनाओं के जरिए उपलब्ध कराए गए ई रिक्शा मौजूद हैं। ऐसे में कमिश्नर ने मंगलवार रात आरटीओ विभाग के साथ बैठक में नाराजगी जाहिर करते हुए विभागीय अधिकारी को प्रतिकूल प्रविष्टि भी जारी कर दी।

जनता की जान से सौदा

शासन के निर्देश पर जिला प्रशासन ने ई रिक्शा की बिक्री के लिए कुल 23 फर्मो को अथराइज्ड किया था, जो आईएसआई मार्का रिक्शा बेच रही हैं। लेकिन, आई नेक्स्ट ने अपने स्टिंग में पाया कि शहर में बड़ी संख्या में चाइनीज रिक्शे संचालित हो रहे हैं। जिनकी लागत महज 60 हजार है और ये सवारियों के लिहाज से पूरी तरह असुरक्षित हैं। इनकी बॉडी बहुत मुलायम है और इनको आरटीओ की ओर से रजिस्ट्रेशन मिलना असंभव है। बावजूद इसके इनका संचालन विभागीय लापरवाही के चलते धड़ल्ले से किया जा रहा है। जबकि, आईएसआई मार्का ई रिक्शा की कीमत डेढ़ लाख रुपए के आसपास है।

15 दिन में तय हो जाएगा रूट

मंगलवार को कमिश्नर की बैठक में पेश किया गया ई रिक्शा रूट को संशोधन के लिए पुन: कमेटी को सौंपा गया है। इसके चलते ई रिक्शा बिक्री और रजिस्ट्रेशन के लिए 15 दिनों की रोक लगा दी गई है। रूट निर्धारण होने के बाद ही नए ई रिक्शा की खरीद फरोख्त की जा सकेगी। यह भी माना जा रहा है कि मानक से अधिक और अन अथराइज्ड फर्मो से खरीदे गए ई रिक्शों को शहर से बाहर कर दिया जाएगा। इनकी जब्ती भी की जा सकती है।

Posted By: Inextlive