सीबीआई की जांच में जद में आईं 2008 बैच की आईएएस बी चंद्रकला को सीबीआई ने जब तलब करके खनन घोटाले के राज जानने की कोशिश की तो उन्होंने उन सफेशपोश नेताओं और अफसरों के नाम उगल दिए।

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LUCKNOW: हमीरपुर में हुए खनन घोटाले में सीबीआई की जांच में जद में आईं 2008 बैच की आईएएस बी चंद्रकला को दो बार जांच एजेंसी की पूछताछ का सामना करना पड़ा था। सीबीआई ने उनको तलब करके खनन घोटाले के राज जानने की कोशिश की तो उन्होंने उन सफेशपोश नेताओं और अफसरों के नाम उगल दिए जिनके इशारे पर हमीरपुर में खनन के पट्टे दिए जाते थे और अवैध खनन के मामलों में आंखें मूंदे रहने को कहा जाता था। सीबीआई की पूछताछ में चंद्रकला अपनी बेगुनाही को कोई प्रमाण नहीं दे सकी जिसकी वजह से उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का फैसला लिया गया।
एक और केस दर्ज हो सकता
सीबीआई के सूत्रों की मानें तो हमीरपुर में खनन माफिया को लाल सोना (मौरंग) के पट्टे दिलाने में तत्कालीन खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति की सक्रिय भूमिका निभाते थे। सीबीआई इस दौरान पंचम तल पर तैनात एक अफसर की भूमिका भी जांच भी कर रही है जो ऊपर से मिले आदेशों पर अमल करवाते थे। सूत्रों की मानें तो जल्द ही इस अफसर को भी पूछताछ के लिए तलब करने की तैयारी है। डीए केस की भी तैयारी सूत्रों की मानें तो बी चंद्रकला के ठिकानों पर छापेमारी में मिले संपत्तियों के दस्तावेज की जांच के बाद उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का एक और केस दर्ज हो सकता है।

बेनामी संपत्तियां भी जुटाई

अंदेशा है कि उन्होंने कुछ बेनामी संपत्तियां भी जुटाई हैं। उनकी संपत्तियों से जुड़े तमाम राज बैंक लॉकर और खातों की पड़ताल के बाद खुलने की संभावना भी जताई जा रही है। हालांकि सीबीआई के पास ऐसे तमाम प्रमाण पहले से मौजूद हैं जो चंद्रकला की मुश्किलों को बढ़ाएंगे। इसी वजह से उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया। हमीरपुर में अवैध खनन की काली कमाई का हिस्सा किस तरह बंटता था, इस बारे में सीबीआई अपनी प्रारंभिक जांच में दस्तावेजी सबूत और बयान जुटा चुकी है।

तेलंगाना में खरीदी प्रापर्टी

सूत्रों की मानें तो चंद्रकला ने दिसंबर के आखिरी हफ्ते में तेलंगाना में एक आवासीय प्लॉट भी खरीदा था जो कि तेलंगाना के मलकाजगिरी जिले के ईस्ट कल्याणपुरी में है। बीती 27 दिसंबर को ही इस प्लॉट की रजिस्ट्री कराई गयी थी। करीब 22.50 लाख रुपये के यह प्लॉट बिना किसी बैंक लोन के खरीदा गया है। वहीं बीती एक जनवरी को उन्होंने अपना आईपीआर भी दाखिल किया है। आश्चर्य की बात यह है कि उन्होंने अपनी पुरानी संपत्तियां का नए रिटर्न में जिक्र नहीं किया है हांलाकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नही हो सकी।
मथुरा कांड में पूछताछ
इतना ही नहीं, सीबीआई के सूत्रों की मानें तो मथुरा में हुए जवाहरबाग कांड में भी बी चंद्रकला से सीबीआई पूछताछ कर चुकी है। दरअसल सपा सरकार में हमेशा डीएम की कुर्सी पाने वाली चंद्रकला को जून 2014 में हमीरपुर से हटाने के बाद सीधे मथुरा जैसे बड़े जिले की कमान सौंप दी गयी थी। विगत दो जून 2016 को जवाहरबाग में भड़की हिंसा के मामले की जांच के दौरान सीबीआई ने पूर्व में वहां डीएम रहे अफसरों से भी गहन पूछताछ की है।
6 घंटे में तलाशा फ्लैट
वहीं शनिवार को बी चंद्रकला के राजधानी स्थित आवास पर छापेमारी से पहले सीबीआई को फ्लैट की तलाश करने में खासी मशक्कत करनी पड़ी थी। सीबीआई की एक टीम ने शुक्रवार को छह घंटे इस फ्लैट को तलाशने में गंवाए। इसके बाद आसपास के लोगों से चंद्रकला के बारे में सुरागरसी भी की और मुकम्मल तैयारियों के बाद चंद्रकला के नोएडा और लखनऊ स्थित फ्लैटों पर शनिवार सुबह एक-साथ छापेमारी की कार्रवाई को अंजाम दिया।

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Posted By: Shweta Mishra