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JAMSHEDPUR: स्टील सिटी में अवैध स्कूल वाहनों का कारोबार तेजी से फल-फूल रहा है। शहर के स्कूलों में बस, कॉर्मर्शियल वैन आदि का संचालन नहीं होने के चलते प्राइवेट वाहन संचालकों की चांदी है। वे अवैध रूप से हर महीने 90 लाख रुपए की कमाई कर रहे हैं। इससे जहां एक ओर परिवहन विभाग की चपत लग रही है, वहीं नौनिहालों की सुरक्षा से खिलवाड़ हो रहा है।

डीटीओ को लगा रहे चपत

शहर में पंजीकृत चार पहिया वाहनों की संख्या 73917 है, जिनमें कार्मर्शियल वैन की और बसों की संख्या 536 ही शेष वाहन बिना कॉर्मर्शियल परमिट के ही स्कूलों के बच्चों को ढो रहे हैं। जिला परिवहन अधिकारी रविरंजन सिंह ने बताया कि 8 सीटर ओमनी वैन का प्रति तिमाही 1700 रुपये कार्मर्शियल चार्ज किया जाता है। इसमें विंगर का 2000, मिनी बस का 2611 रुपये और बड़ी बसों का 4000 रुपये तक टैक्स लिया जाता हैं।

स्कूल बसों की कमी

शहर में छोटे और बड़े मिलाकर करीब पांच सौ स्कूल, जिनमें कुछ नामी स्कूलों को छोड़ दे तो किसी भी स्कूल के पास अपने वाहन नहीं है। इन स्कूलों में आनेवाले बच्चों को मजबूरी के चलते प्राइवेट वैन का सहारा लेना पड़ता हैं। लंबे समय से अभिभावक संघ स्कूलों में अपनी बस व वाहन चलाने की मांग कर रहा हैं। इस वजह से डीसी ने शहर के सभी स्कूलों को वाहन खरीदने का आदेश दिया।

02-03 हजार हर महीने

शहर मे चलने वाले प्राइवेट स्कूली वाहन बच्चों से भाड़े के नाम पर दो से तीन हजार रुपये वसूल किए जाते हैं। इससे वैन चालक अच्छी-खासी पैसा कमा रहे है। प्राइवेट चालक बिना किसी सुविधा के अभिभावकों से अच्छा पैसा वसूल रहे हैं।

शहर में अवैध रूप से स्कूलों में चल रहे प्राइवेट वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए जल्द अभियान चलाया जाएगा।

-रवि रंजन सिंह, डीटोओ, जमशेदपुर

Posted By: Inextlive