-सिटी मजिस्ट्रेट कर रहे थे जांच प्रोवेशन विभाग ने दिए थे तथ्य

-शास्त्रीनगर में पकड़ा गया था चाइल्ड शेल्टर 23 बच्चे हुए थे रेस्क्यू

Meerut : शास्त्रीनगर में इमैनुअल चैरिटी सेवा गु्रप के नाम से संचालित अवैध चाइल्ड शेल्टर से 30 दिसंबर को प्रोवेशन विभाग ने चाइल्ड लाइन के साथ 23 बच्चे रेस्क्यू किए थे। अवैध शेल्टर संचालन के प्रकरण पर जिलाधिकारी पंकज कुमार के निर्देशन में जांच बैठी। सिटी मजिस्ट्रेट केशव सिंह ने जांच में शेल्टर संचालक को क्लीन चिट दे दी है तो वहीं अब रिपोर्ट डीएम कार्यालय भेजी जा रही है।

23 बच्चे किए गए थे रेस्क्यू

दिल्ली की महिला नूतन की शिकायत पर 30 दिसंबर को शास्त्रीनगर स्थित इस चाइल्ड शेल्टर पर छापा मारा गया था। जिला प्रोवेशन अधिकारी पुष्पेंद्र सिंह के नेतृत्व में इस छापेमार कार्यवाही में चाइल्ड लाइन और मेडिकल थाना पुलिस शामिल थी। पुलिस ने यहां से 23 बच्चों को रेस्क्यू किया था जिसमें पांच वर्ष से 17 वर्ष आयु के 9 लड़के और 14 लड़कियां थीं। शिकायती महिला नूतन की दोनों लड़किया प्राप्ति और प्रतीक्षा को भी यहीं से रेस्क्यू किया गया था। चाइल्ड शेल्टर में बच्चों को बाइबिल पढ़ाई जा रही थी तो वहीं विभिन्न धर्मो से आए बच्चों के नाम बदलकर उन्हें क्रिश्चियन नाम दे दिए गए थे। धर्म परिवर्तन की पुष्टि के बाद शेल्टर होम संचालक देवराज गौड़ा पर शिकंजा बढ़ा तो वहीं प्रकरण की जांच डीएम ने सिटी मजिस्ट्रेट केशव कुमार को सौंप दी थी। बाल कल्याण समिति के माध्यम से सभी बच्चों को उनके मां-बाप को सुपुर्द कर दिया गया है।

नहीं हुई आरोप की पुष्टि

बुधवार को जांच अधिकारी सिटी मजिस्ट्रेट ने 'आई नेक्स्ट' को बताया कि शेल्टर संचालक से पूछताछ के बाद उन बच्चों के परिजनों से भी पूछताछ की गई जिनके बच्चे शेल्टर में रह रहे थे। किसी भी परिजन ने यह नहीं कहा कि दबाव देकर, पैसा देकर उनके बच्चों को जबरन शेल्टर में रखा जा रहा था। धर्म परिवर्तन के सवाल पर भी बच्चों के मां-बाप ने इनकार कर दिया। ऐसे में संचालक के खिलाफ आरोप साबित नहीं हो रहे थे और न ही मुकदमा दर्ज कराने की पृष्टभूमि बन रही थी। सिटी मजिस्ट्रेट ने जांच रिपोर्ट एडीएम सिटी एसके दुबे को दे दी है। दुबे रिपोर्ट को डीएम के समक्ष पेश करेंगे।

चाइल्ड लाइन असंतुष्ट

चाइल्ड शेल्टर संचालक देवराज गौड़ा उर्फ जोसुआ देवराज को जांच में प्रशासन ने बेशक क्लीन चिट दे दी हो किंतु चाइल्ड लाइन की निदेशिका अनिता राणा ने असंतुष्टि जाहिर की है। निदेशिका का कहना है कि शिकायती महिला की बेटियों ने खुलासा किया था कि उनके साथ शेल्टर होम में मारपीट होती थी, खाने-पीने के लिए नहीं दिया जाता था और उन्हें कभी मेरठ, कभी सहारनपुर, कभी दिल्ली रखा गया। धर्म परिवर्तन कर क्रिश्चियन बनाने की बात भी दोनों बच्चियों ने स्वीकारी थी। चाइल्ड लाइन ने बच्चियों के वीडियो को प्रशासन को भी सौंपा था। कहना है कि तथ्यों को नजरअंदाज कर जांच रिपोर्ट में शेल्टर संचालक को क्लीन चिट दी गई है। नोएडा में देवराज के खिलाफ मुकदमा और गिरफ्तारी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि आखिर एक जैसे अपराध में संचालक के खिलाफ मेरठ में मुकदमा क्यों नहीं? इस प्रकरण को वे अब बाल कल्याण आयोग, बाल अधिकार संरक्षण आयोग लेकर जाएंगी।

Posted By: Inextlive