- स्लीपर बसें बुकिंग छोड़ बैठा रहीं सवारी

- आए दिन इन अनफिट बसों के फेर में पेरशान हो रहे पैसेंजर्स

- बिहार से गोरखपुर होते हुए दिल्ली तक भर रहे फर्राटा

GORAKHPUR: दिल्ली अब दूर नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि त्योहार में आई भीड़ से कमाने के लिए इस समय हर तरह की गाडि़यां शहर से दिल्ली के लिए फर्राटा भर रही हैं। इसमें सबसे ज्यादा प्राइवेट बुकिंग में चलने वाली स्लीपर बसें दिल्ली रूट पर देखी जा रही हैं। हद तो ये कि खुलेआम नियमों को तार-तार करने वाली ये गाडि़यां आरटीओ को जरा भी नहीं दिखतीं और न ही इन गाडि़यों को बिहार से लेकर दिल्ली के बीच में कोई रोकने की हिमाकत करता है। जिससे साफ जाहिर है कि कहीं न कहीं इसमें जिम्मेदार भी शामिल हैं। रोड पर बेरोकटोक दौड़ने वाली गाडि़यों की कंडीशन भी बेहद खराब होती है जिससे पैसेंजर्स को रास्ते भर परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

सात घंटे गोरखपुर में खड़ी रही बस

मुज्जफरपुर से गोपलागंज और गोरखपुर होते हुए दिल्ली के लिए इस समय कई स्लीपर बसें फर्राटा भर रही हैं। इसी बस से दिल्ली के लिए निकले दीपक ने बताया कि गुरुवार को गोपालगंज से वो दिल्ली के लिए चल रही एक प्राइवेट स्लीपर बस में बैठे। उसका किराया भी और रोडवेज बसों से कहीं ज्यादा था लेकिन उन्हें जल्दी पहुंचना था इसलिए वह इसमें बैठ गए। गोपालगंज से शाम सात बजे चलकर बस गोरखपुर में लगभग दो बजे रात में आकर खराब हो गई। जिसके बाद बस में बैठे पैसेंजर्स लगभग सात घंटे तक बस के ठीक होने का इंतजार करते रहे। उन्होंने बताया कि कई लोगों ने तो किराया भी वापस मांगा लेकिन बस वालों के आगे उनकी एक न चली। सुबह आठ बजे बस ठीक हुई उसके बाद जाकर पैसेंजर्स ने राहत की सांस ली। दीपक ने बताया कि दस बजे बस का दिल्ली पहुंचने का टाइम है और अभी हम लोग गोरखपुर में ही पड़े हुए हैं।

कोट्स

सोचा था कि स्लीपर बस है आराम से सोते हुए दिल्ली पहुंच जाऊंगा। लेकिन इसमे तो नींद ही उड़ गई।

- दीपक, गोपालगंज

बाहर की चमक धमक देखकर बस में बैठ गया। अब पछतावा हो रहा है। ये लोग केवल अपनी मनमानी करते हैं। पैसेंजर्स की बात नहीं सुनते हैं।

- अनिल, गोपलगंज

वर्जन

ऐसी गाडि़यों को पकड़ने के बाद पैसेंजर्स ये गवाही नहीं देते कि इसमें वे सवारी के तौर पर बैठे हैं। वे यही कहते हैं कि हमने बस बुक कराई है जिससे ये लोग बच जाते हैं।

- डीडी मिश्रा, आरटीओ प्रवर्तन

Posted By: Inextlive