- जीआरपी और आरपीएफ अधिकारियों के बंटता है 36 लाख रुपए सालाना

- आरपीएफ के ही एक जवान ने किया खुलासा

- बताया कि ठेकेदार कर रहे हैं अवैध वेंडिंग का बिजनेस

balaji.kesharwani@inext.co.in

ALLAHABAD: एक तरफ रेल मंत्री सुरेश प्रभु रेलवे की सुविधाएं बढ़ाने की बात कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ एनसीआर के नैनी जंक्शन की हर महीने बोली लग रही है। ये बोली लगती है अवैध वेंडिंग की। तीन लाख रुपए महीने। बोली लगाने वाले हैं ठेकेदार हैं जो अवैध वेंडरों का गैंग चला रहे है। और जंक्शन को बेचने वाले हैं, जंक्शन के ही रखवाले। यानी जीआरपी और आरपीएफ के जवान व कुछ जिम्मेदार। जिनकी शह पर चल रहा है अवैध वेंडिंग का पूरा खेल। इससे एक तरफ जहां रेलवे को जहां हर महीने लाखों रुपए की चपत लग रही है, वहीं पैसेंजर्स के हेल्थ से भी खिलवाड़हो रहा है। आईनेक्स्ट ने रविवार को नैनी जंक्शन पर स्टिंग किया, जो सच सामने आया उसे आप भी जानिए।

आरपीएफ के सिपाही ने यूं किया खुलासा

आरपीएफ के सिपाही ने बताया कि मुंबई रूट का प्लेटफार्म नंबर चार अवैध वेंडिंग का अड्डा है, जहां अशोक, रूपे और रवि नाम के व्यक्ति का ठेका चल रहा है।

- रिपोर्टर- कैसे होता है ये खेल?

सिपाही- देखिये, मुझे बख्श दीजिएगा। थर्ड पर्सन के थ्रू सारा काम होता है।

रिपोर्टर- कितने का होता है ठेका?

सिपाही- देखिये अशोक, रूपे और रवि तीनों मिल कर करीब तीन लाख रुपया महीना आरपीएफ के कुछ लोगों को देते हैं।

रिपोर्टर- फिर उसके बाद?

सिपाही- उसके बाद क्या? तीनों गैंग जंक्शन पर अपने चाहे जितने वेंडर उतारें, चाहे जितने का माल बेचें कोई बोलने वाला नहीं है। अशोक ब्रेड पकौड़ा बेचवाता है तो रूपे रेवड़ी और अन्य सामान। रवि भी इसमें शामिल है।

रिपोर्टर- क्या कभी अधिकारी छापा मारकर इन्हें नहीं पकड़ते?

सिपाही- इन्हें पकड़ना आसान नहीं है। ये जंक्शन पर थोड़े ही रहते हैं। प्लेटफार्म नंबर चार से बाहर चाका वाली रोड पर इनका अड्डा रहता है। वो रेलवे स्टॉफ क्वार्टर देख रहे हैं ना, पीपल के पेड़ के नीचे। वहीं पर सब बैठे रहते हैं। जैसे ही ट्रेन आती है, सब बाहर निकलते हैं।

रिपोर्टर- किस समय ये ज्यादा एक्टिव रहते हैं?

सिपाही- दिन भर मिल जाएंगे। रुकिए। यहीं पर काशी एक्सप्रेस आने वाली है। आप अपने आंखों से ही देख लीजिए।

अचानक बढ़ती है हलचल

नैनी जंक्शन का प्लेटफार्म नंबर चार जहां साढ़े सात बजे तक शांत था। केवल लाइसेंसी वेंडर ही अपने स्टाल पर तैनात थे। वहीं जैसे ही मुंबई रूट की ट्रेन काशी एक्सप्रेस आने का एनाउंसमेंट होता है। अचानक हलचल बढ़ जाती है। आईनेक्स्ट रिपोर्टर नैनी जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर चार के ओवरब्रिज पर खड़ा होकर वेंडरों पर नजर रखे हुए था। सुबह करीब पौने आठ बजे जैसे ही काशी एक्सप्रेस के आने का एनाउंसमेंट हुआ। अचानक प्लेटफार्म नंबर चार के बगल में स्थित रेलवे स्टॉफ क्वार्टर के बीच से कंधे पर झोला लटकाए और सिर पर डलिया रखे हुए लोगों की टोली दिखाई दी। जो कदम बढ़ाते हुए चंद मिनट में ही जंक्शन पर पहुंच गए और फिर अपने काम में लग गए।

चलती ट्रेन में ही हो गए सवार

काशी एक्सप्रेस अभी रुकी भी नहीं थी कि रेवड़ी, ब्रेड-पकौड़ा, चना मसाला, समोसा लेकर पहुंचे वेंडर ट्रेन में चढ़ गए और सामान बेचना शुरू कर दिया। ट्रेन रुकी तो फिर बाहर निकले और घूम-घूम कर सामान बेचने लगे। करीब पंद्रह मिनट तक काशी एक्सप्रेस खड़ी रही और धंधा चलता रहा। जैसे ही ट्रेन रवाना हुई। वेंडरों ने प्लेटफार्म से निकल कर फिर रेलवे स्टॉफ क्वार्टर में शरण ले लिया। रेलवे स्टॉफ कॉलोनी के बाहर लगी चाय की दुकान के पास रेवड़ी से भरे झोलों को टांग दिया और ट्रेन का इंतजार करने पड़े। थोड़ी देर बार करीब नौ बजे जैसे ही आनंद विहार एक्सप्रेस के आने का एलाउंसमेंट हुआ, फिर दौड़ पड़े।

पर केतली फ्भ्0 रुपए वसूली

नैनी जंक्शन के मुंबई रूट पर अवैध वेंडर पैसा दिए बगैर चाय भी नहीं बेच सकता है। चाय बेचने का रेट फ्भ्0 रुपए पर केतली पर डे है। यानी एक केतली में चाय बेचने के लिए फ्भ्0 रुपए लिया जाता है। इसके बाद वेंडर चाय बेचने की छूट मिल जाती है। फिर वो आराम से पूरे जंक्शन एरिया में बिना किसी दिक्कत के चाय बेच सकता है। न कोई रोकने आएगा न कोई टोकने। फिर वो चाहे वाइटनर से बने दूध की चाय बनाए या फिर पानी मिले दूध की। इससे किसी को कोई मतलब नहीं।

अवैध वेंडरों के खिलाफ समय-समय पर कार्रवाई की जाती है। अभियान चलाया जाता है। अगर नैनी जंक्शन पर अवैध वेंडरों का खेल चल रहा है तो डीआरएम को अवगत कराने के साथ ही अभियान चलाकर कार्रवाई कराई जाएगी।

विजय कुमार

सीपीआरओ, एनसीआर

अवैध वेंडरों के खिलाफ अक्सर अभियान चलाया जाता है। जंक्शन पर अवैध वेंडरों का गैंग चल रहा है, ऐसी कोई बात नहीं है। जंक्शन की बोली लगने की बात भी गलत है। जंक्शन पर एक भी अवैध वेंडर नहीं आते हैं। ये कह पाना मुश्किल है। क्योंकि इतना बड़ा एरिया है। भगाने के बाद भी इधर-उधर से वेंडर आ जाते हैं।

पीके राणा

चौकी इंचार्ज आरपीएफ

नैनी

Posted By: Inextlive