- झोलाछाप ने ज्यादा रकम मांगी तो पुलिस चौकी पहुंचा विवाद

- पुलिस ने चाइल्ड लाइन की जगह खरीदार को ही सौंप दी नवजात

रामनगर : वह नौ माह तक गर्भस्थ शिशु की हर हलचल महसूस करते हुए जीती रही। प्रसव वेदना सही, शिशु को जन्म दिया और उसे आंखों से झरते आंसुओं संग खुद से दूर कर दिया। कारण वह वह मां तो बनी, लेकिन बिन ब्याही। इसीलिए युवती के परिवार वाले लोक लाज के कारण नवजात को रखने के लिए तैयार नहीं थे। इसी के चलते युवती परिवार, समाज और लोक-लाज के भय से मां की ममता को पत्थर बना मासूम को छोड़कर चली गई।

पुलिस ने खोला मामला

बताया जा रहा है कि झोलाछाप महिला ने दो फरवरी को क्लीनिक पर प्रसव कराया। इसके बाद उसने गांव के ही एक दंपती से नवजात का सौदा कर दिया। इसके लिए उसने दंपती से मोटी रकम भी वसूली। दंपती के पहले से तीन बेटे हैं। इसके दो दिन बाद झोलाछाप महिला दंपती के घर पहुंची और उनसे कुछ और रकम की मांग की। इनकार करने पर वह उनसे बच्ची छीनकर ले गई। इस पर दंपती ने तहरीर रामनगर चौकी में देकर आशंका जताई कि झोलाछाप महिला बच्ची का सौदा कहीं और कर देगी। पुलिस ने झोलाछाप पर कार्रवाई के बजाय उसे बच्ची सहित बुलाया। पुलिस ने नवजात को चाइल्ड हेल्पलाइन भेजने के बजाय लेन-देन कर दोनों पक्षों के बीच समझौता करा दिया और नवजात बच्ची दंपती के हवाले कर दी। झोलाछाप को भी छोड़ दिया। मामला रामनगर ब्लॉक के सिरौली थाना क्षेत्र के एक गांव का है।

वर्जन

मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। यदि ऐसा है तो अवैध तरीके से प्रसव केंद्र संचालित करने की आरोपित के खिलाफ कार्रवाई के लिए आला अफसरों को रिपोर्ट भेजी जाएगी।

- डॉ। अजय कुमार प्रभारी पीएचसी रामनगर

अभी जानकारी नहीं मिली है। अगर बच्ची की सौदा हुआ है तो उसे छुड़ाकर लाया जाएगा। सीडब्ल्यूसी से आदेश कराने के बाद उसे अनाथालय में रखा जाएगा।

- नीता अहिरवार, जिला प्रोबेशन अधिकारी

Posted By: Inextlive