-बिना नक्शा पास कराए ही कर लिए गए सैकड़ों निर्माण

-निर्माण पूरा होने के बाद बीडीए भेज रहा नोटिस

बरेली: शहर में अवैध बिल्डिंग्स के निर्माण का सिलसिला लगातार जारी है। लेकिन बीडीए के अफसर आंखें बंद किए हुए हैं। अवैध निर्माण की सुध अफसरों को तब आती है जब निर्माण कार्य पूरा हो जाता है। इसके बाद अफसर नोटिस देने की औपचारिकता पूरी कर रहे हैं। इसी के चलते अवैध निर्माण पर अंकुश नहीं लग पा रहा है।

छह महीने में 118 को नोटिस

बीडीए के अफसरों की मानें तो शहर में अवैध बिल्डिंग्स का निर्माण कराने वाले लोगों को मानक पूरे करने के लिए नोटिस दिया जाता है। अप्रेल से अब तक छह महीने में 118 लोगों को नोटिस दिए गए, जिन पर फिलहाल सुनवाई चल रही है।

जिम्मेदारों पर नहीं होता एक्शन

शहर के गली मोहल्लों से लेकर पॉश एरिया में भी बिना नक्शा पास कराए अवैध निर्माण का सिलसिला लगातार जारी है, जिन्हें रोकने की सबसे पहली जिम्मेदारी संबंधित एरिया के जेई की होती है। सूत्रों की मानें तो जेई अपने एरिया में हो रहे अवैध निर्माण के खिलाफ एक्शन लेने की बजाए सांठगांठ कर मामला निपटा देते हैं। जब तक मामला अफसरों के संज्ञान में आता है तब तक निर्माण पूरा हो चुका होता है। इसके बाद बिल्डिंग ओनर को तो बीडीए नोटिस जारी करता है, लेकिन संबंधित एरिया के जेई के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया जाता है।

सख्ती भी बेअसर

तेजी से बढ़ते शहर में अवैध कॉलोनियों का निर्माण भी तेजी से हो रहा है। बड़ा बाईपास बनने के बाद अहलादपुर, मोहरनिया आदि बाईपास से सटे एरिया में कॉलोनाइजर्स ने प्लॉटिंग शुरू कर दी। बीडीए के अफसरों को इसकी भनक लगी तो अवैध रूप से बनाई जा रही कॉलोनियों पर बीडीए की जेसीबी गरजी। पिछले दिनों बीडीए ने इज्जतनगर थाना क्षेत्र के मोहरनिया झाला, बड़ा बाईपास पर नहर के किनारे 30 बीघा जमीन पर की जा रही प्लॉॅटिंग को रुकवा दिया था। इसके अलावा एक अवैध कॉलोनी पर भी बीडीए की जेसीबी गरजी। इसके बावजूद अवैध निर्माण कराने वालों में बीडीए की कार्रवाई का खौफ नहीं है।

रूल्स फॉलो करना मुश्किल

बीडीए के सूत्रों की मानें तो बिना नक्शा पास कराए निर्माण कराने वालों में लोअर और मीडियम इनकम गु्रप के लोगों की संख्या ज्यादा होती है। 100 वर्ग गज तक के प्लॉट का नक्शा बनाने में आर्किटेक्ट इंटरेस्ट नहीं लेते हैं, इसके चलते इन कैटेगरी के ज्यादातर लोग बिना नक्शा पास कराए ही निर्माण कराने लगते हैं। लेकिन अब बीडीए ऐसे लोगों के लिए राहत देने के लिए ऑनलाइन मैप सिलेक्ट करके नक्शा पास कराने की सहूलियत देने जा रहा है।

रेन वाटर हार्वेटिंग सिस्टम भ

300 स्क्वायर मीटर या उससे ज्यादा एरिया में बिल्डिंग का निर्माण कराने के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाना भी जरूरी है, लेकिन ज्यादातर लोग नक्शा पास कराते समय नक्शे में तो रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम दिखाते हैं, लेकिन बिल्डिंग का निर्माण करते समय इसे नजरअंदाज कर दिया जाता है। लेकिन बीडीए के अफसर मौके पर जाकर यह देखने की जरूरत नहीं समझते कि बिल्डिंग का निर्माण स्वीकृत नक्शे के हिसाब से हो रहा है या नहीं।

एक्शन लेने में होती है देरी

मामला संज्ञान में आने पर नियमानुसार बीडीए से संबंधित को नोटिस जारी किया जाता है। इसके बाद उसकी सुनवाई की जाती है, जिसमें बहुत से मामले पेडिंग में रहते हैं और एक्शन लेने में देरी होती है।

वर्जन

बिना नक्शा पास कराए कोई निर्माण नहीं कर सकता है। नियमों को अनदेखी करने वाले के खिलाफ कार्रवाई की जाती है। करीब सौ लोगों को नोटिस दी गई है, जिनकी सुनवाई चल रही है।

- अम्बरीश कुमार सचिव बीडीए

Posted By: Inextlive