- सरकारी संपत्तियों पर 25 हजार से ज्यादा हो चुके हैं अवैध कब्जे

- नगर निगम ने तैयार की अवैध निर्माण की सूची, लगाए निशान

सरकारी संपत्तियों पर ख्भ् हजार से ज्यादा हो चुके हैं अवैध कब्जे

- नगर निगम ने तैयार की अवैध निर्माण की सूची, लगाए निशान

BAREILLY:

BAREILLY:

शहर की सड़कों को अवैध कब्जों ने संकरा कर दिया है, जिन्हें हटाकर चौड़ा करने के लिए निशानदेही का सिलसिला लगभग पूरा हो गया है। नगर निगम की टीम ने शहर की खूबसूरती में बाधा बने निर्माणों पर 'रेड क्रॉस' का निशान लगाकर लिस्ट तैयार कर ली है। पुराना शहर से न्यू सिटी तक अवैध भवनों की कुंडली में ख्भ् हजार से ज्यादा अवैध कब्जे शामिल हैं, जिनको तोड़ने का खाका तैयार हो चुका है। नगर निगम अब बीडीए की मदद से कानूनी कार्रवाई के तहत ऐसे भवनों को तोड़ने की योजना बना रहा है।

'लाल निशान' पर आक्रोश

अवैध भवनों पर रेड निशान लगाकर 'रेड अलर्ट' की कार्रवाई नगर निगम ने पिछले दिनों शुरू की थी, जो अब पूरी हो चुकी है, लेकिन निशान लगा रही टीम पर पब्लिक आक्रोशित है। शहरवासियों के अनुसार टीम रसूखदारों और मेयर के करीबी रहे लोगों को छोड़कर अन्य के आवासों पर ही ध्वस्तीकरण और निशानदेही की कार्रवाई कर रही है, जिससे मेयर की मंशा पूरी नहीं हो रही वरन टीम मोटी रकम वसूल रही है। हालांकि, निशानदेही के दायरे में कई बहुमंजिला इमारतें भी हैं जिन्हें तोड़ने से पहले नगर निगम, बीडीए से मंथन करने में लगा है।

रोड समेत गलियों में अतिक्रमण

अधिकारियों के मुताबिक पिछले पंद्रह साल के अंदर बरेली शहर में मुख्य रोड से लेकर तंग गलियों तक में अतिक्रमण का साम्राज्य खूब फला फूला है। प्राइवेट जमीनों के अलावा सरकारी जमीन पर कब्जा कर अवैध निर्माण कर लिए गए। पुराने नक्शे को आधार बनाकर छोटे और बड़े अवैध निर्माण को नगर निगम ने अतिक्रमण माना है। रोड किनारे नाली-नाला के ऊपर निकले भवन भी अवैध की लिस्ट में शामिल हैं। नगर निगम की लिस्ट के मुताबिक ख्भ् हजार से ज्यादा ऐसे भवन और दुकान हैं जो अतिक्रमण की जद में आ गए हैं।

नर्सिग होम, शोरूम भी निशाने पर

शहर में अतिक्रमण के नियम को पार कर रहे ऐसे भवनों में नर्सिग होम, शोरूम, आवासीय भवन भी शामिल हैं। जिन्हें निशाने पर प्रमुखता से लिया गया है। ऐसे भवनों की कुंडली बना ली गई है। कई नर्सिग होम के भवन रोड किनारे तक आ चुके हैं। जंक्शन रोड से सिविल लाइंस, रामपुर रोड, पीलीभीत रोड, मिनी बाईपास से लेकर शहर के अंदर भी ऐसे भवनों की संख्या 800 से ऊपर है।

अतिक्रमण की सीमा में चिह्नित किए गए भवनों को तोड़ने की कार्रवाई जल्द शुरू होगी। भवन स्वामियों का पक्ष सुनने के बाद कानूनी कार्रवाई शुरू होगी। व्यवसायिक भवनों के संचालकों को सूचित किया गया है। शहर साफ सुथरा और सुंदर बनाने में जनता का सहयोग चाहिए।

डॉ। उमेश गौतम, मेयर

शहर में अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जा रहा है। नियमों की बात करें तो भवन से निकला छज्जा, टीन शेड सब अतिक्रमण में आता है। हमने उन भवनों को चिह्नित किया जो नाले-नाली और सड़क पर अतिक्रमण किए हुए हैं। ध्वस्तीकरण में सिफारिश नहीं सुनी जाएगी।

राजेश कुमार श्रीवास्तव, नगर आयुक्त

Posted By: Inextlive