- अवैध वेंडर्स ने भी बनवा रखी है वर्दी

- जब भी कार्रवाई होती है ट्रेनों में बढ़ जाती है लूट

BAREILLY:

रेलवे जंक्शन और ट्रेनों में अवैध वेंडर्स का कब्जा है। रजिस्टर्ड वेंडर्स 132 के मुकाबले रोजाना 800 से अधिक वेंडर ट्रेनों में चल रहे हैं, जो यात्रियों की जान के लिए खतरा बन गए हैं। घटिया खाना तो बेचते ही हैं, इनका ट्रेनों में होने वाली लूट से भी कनेक्शन माना जा रहा है। क्योंकि, इनके खिलाफ जब कभी कार्रवाई हुई है, ट्रेनों में लूट जरूर होती है। काम के अभाव में यह जंक्शन और ट्रेनों में लूटपाट में सक्रिय हो जाते हैं। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने जंक्शन और ट्रेनों का वेडनसडे को रियलिटी चेक किया कई अवैध वेंडर्स कैमरे की कैद में आ गए।

हम तो ऑटो चालक हैं

सबसे अधिक अवैध वेंडर्स जंक्शन के आउटर में सक्रिय रहते हैं। जैसे ही कोई ट्रेन प्लेटफार्म पर लगने वाली होती है, ये एक्टिव हो जाते हैं। यात्रियों को बासी व घटिया खाना बेच देते हैं। इन्होंने वेंडर की वर्दी भी सिलवा ली है, ताकि यात्री उनसे सामान खरीदने में संकोच न करें और पुलिस से भी बच जाएं। वेडनसडे को जंक्शन के प्लेटफार्म नम्बर -4 पर जब हमने वर्दी एक अवैध वेंडर को पकड़ा तो वह अपने आप को ऑटो ड्राइवर बताने लग गया। उसने अपना नाम बताने से इनकार कर दिया। उसके बाद रेलवे की ओर से जारी आईडेंटी कार्ड भी नहीं था। वर्दी पहने वेंडर का कहना था कि वह सवारियों के चक्कर में प्लेटफार्म नम्बर-4 पर आया हुआ था।

विजिलेंस टीम को करनी पड़ रही छापेमारी

बरेली जंक्शन पर खाद्य पदार्थ व अन्य सामान बेचने वाले ठेकेदारों के जरिए जंक्शन पर कार्यरत अधिकारी इन पर कृपा बनाए हुए हैं। अधिकारी इनसे महीने में तय राशि लेते हैं। प्रत्येक रजिस्टर्ड व्यापारियों को 200 रुपए रेलवे के खाते में जहां करना पड़ता हैं। जबकि, जंक्शन और ट्रेनों में अपना धंधा चला रहे अवैध वेंडर्स से 300-350 रुपए की वसूली होती है। इसी की देन है कि ट्रेनों में अवैध वेंडरिंग नहीं रुक रही है। लिहाजा, विजलेंस टीम को छापेमारी करनी पड़ रही है। चार दिन पहले जंक्शन पर दिल्ली की विजिलेंस टीम ने 17 अवैध वेंडर पकड़े थे, जिनका 144 में चालान कर जेल भेज दिया गया था।

यात्रियों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़

अवैध वेंडर्स की वजह से यात्रियों को शुद्ध खाना नहीं मिल पाता है। ज्यादा मुनाफा के चक्कर में अवैध वेंडर्स खाने-पीने के सामान की साफ-सफाई और शुद्धता का ध्यान नहीं रखते हैं। जिससे खाद्य सामग्री खाने योग्य नहीं होती है, जिसे खाने से स्वास्थ्य को भी नुकसान होता है। सिंथेटिक दूध से चाय बना कर बेचते हैं। इनकी वजह से रजिस्टर्ड वेंडर्स को भी चपत लग रही है। वहीं रेलवे के राजस्व को भी नुकसान हो रहा है।

अवैध वेंडर्स के खिलाफ लगातार कार्रवाई हो रही हैं। रोजाना 4-5 अवैध वेंडर्स पकड़े जा रहे हैं। पकड़े जाने वाले अवैध वेंडर को 144 के तहत कार्रवाई कर जेल भेज दिया जाता है।

तेज प्रताप सिंह, इंस्पेक्टर, आरपीएफ जंक्शन

Posted By: Inextlive