- आईएमए में ऑनकोलॉजी सेमिनार में डॉक्टर ने बताए सुझाव

बरेली : पिछले दस साल से अब तक कैंसर के इलाज में कई बदलाव हुए हैं। इसमें सबसे प्रमुख दो तकनीक हैं आईएमआरटी यानि इन्टेंसिटी मोड्यूलेटेड रेडियो थेरेपी और आईजीआरटी यानि इमेज गाइडेड रेडियो थेरेपी। पहले शरीर के जिस भाग में कैंसर होता था उस पार्ट को सर्जरी के माध्यम से पूरा ही निकाल दिया जाता था जिससे मरीज दिव्यांग हो जाता था लेकिन इन तकनीक के अमल में आने से कैंसर को शरीर के अंदर ही खत्म कर दिया जाता है। यह जानकारी सैटरडे को आईएम हॉल में आयोजित ऑन्कोलॉजी विषय पर सेमीनार में दिल्ली के राजीव गांधी कैंसर संस्थान और अनुसंधान केंद्र के हेड एंड नेक सर्जिकल ऑन्कोलॉजी के सीनियर कंसल्टेंट डॉ। मुदित अग्रवाल और ब्रेस्ट एंड थोरेसिक रेडिएशन विभाग के सीनियर कंसल्टेंट डॉ। कुदंन सिंह चुफाल ने दिए।

अभी मैट्रो सिटीज में ही सुविधा

यह तकनीक अभी मैट्रो सिटीज में ही ज्यादा है लेकिन एक साल में यह तकनीक सभी जगहों पर मौजूद होगी। उन्होने बताया कि देश में सबसे अधिक मेल में ओरल कैंसर और फिमेल में ब्रेस्ट कैंसर के केस आ रहे हैं। कैंसर की शुरुआत में ही अगर डॉक्टर की सलाह ले ली जाए तो कैंसर का इलाज संभव है। सेमीनार में आईएमए अध्यक्ष डॉ। सत्येंद्र सिंह, सचिव डॉ। विनोद पगरानी, डॉ। एमडी छाबडि़या, डॉ। दिनेश पुरी, डॉ। हिमांशु अग्रवाल व डॉ। पवन अग्रवाल आदि मौजूद रहे।

Posted By: Inextlive