चौथे इमाम की 1400वीं विलादत पर हुई महफिल

>BAREILLY: हजरत इमाम हुसैन बेटे और चौथे इमाम हजरत जैनुल आबेदीन अलैहिस सलाम की 1400वीं विलादत पर शहर के साहूकारा स्थित शिया जामा मस्जिद में महफिल हुई। महफिल में शायरों ने नजराने अकीदत पेश की। इस दौरान लोगों ने एक दूसरे को गले लगाकर मुबारकबाद पेश की। वहीं जामा मस्जिद को बहुत खूबसूरत ढंग से सजाया गया था।

इमाम की जिंदगी पर डाली रौशनी

कारवाने अदब की ओर से हुई हुए जश्न-ए-जैनुल एबा का आगाज तिलावते हदीसे किसा से हुआ। मौलाना शमीम हैदर ने इमाम की जिंदगी पर रौशनी डालते हुए कहा कि 38 हिजरी में विलादत हुई थी। इस बार हम विलादत का 1400वां जश्न मना रहे हैं। उन्होंने कहा कि हजरत इमाम जैनुल आबेदीन ने कर्बला में तमाम शहादतों के बाद वहां से शाम तक के सफर में अपने खुतबों से इमाम हुसैन के मिशन को आगे बढ़ाया। उन्होंने बताया कि इमाम के बताए हुए रास्ते पर चलकर ही हमें अपनी जिंदगी गुजारनी चाहिए।

शायरों को दिए गए तोहफे

तकरीर के बाद महफिल का दौर शुरू हुआ, जिसमें शायरों ने नजराने अकीदत पेश की। महफिल की सदारत मौलाना शमीम हैदर ने की। निजामत हुनर फर्रुखाबादी ने किया। महफिल के आयोजन में शिया जामा मस्जिद के मुतवल्ली सैयद हसन रिजवी, जमाल जैदी, डॉ अकील जैदी, हसनैन रजा आब्दी, गुलरेज हुसैन, महमूद हसन, अली जाफर व समर अब्बास जैदी का विशेष सहयोग रहा। महफिल के बाद शायरों को तोहफे दिए गए।

Posted By: Inextlive