जहां भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने जुलाई में कम बारिश होने की भविष्यवाणी की है वहीं निजी मौसम एजेंसी स्काईमेट ने इस महीने में सामान्य वर्षा होने का दावा किया है।


इन दिनों मानसून को लेकर मौसम की भविष्यावाणियों का सिलसिला जारी है। खास कर भारतीय मौसम विज्ञान विभाग और निजी मौसम एजेंसीज की तरफ से लगातार प्रिडिक्शन किए जा रहे हैं। पर सबसे अजीब बात ये है कि दोनों के अनुमान एक दूसरे से उल्टी दिशा में चलते दिखाई पड़ रहे हैं। जहां एक ओर आईएमडी का मानना है कि बेशक जून में बारिश सामान्य से ज्यादा हो गयी है लेकिन अब जुलाई में मानसून कमजोर पड़ गया है और बारिश कम होगी। वहीं स्काईमेट का दावा है कि  जुलाई में मानसून सामान्य रहेगा।
स्काईमेट ने गुरुवार को कहा कि उत्तर, पूर्व और पश्चिमी भारत में सामान्य बारिश होगी। हालांकि दक्षिणी भारत में संभवत: ऐसा न हो। स्काईमेट के सीईओ जतिन सिंह ने बताया, ‘हमारा मानना है कि जुलाई में यह सामान्य रहेगी, हालांकि इसकी शुरुआत कमजोर रहेगी। अप्रैल माह के लिए की गई हमारी पहले की भविष्यवाणी बिल्कुल सही निकली थी और अब हम यह दावा कर रहे हैं।’उन्होंने कहा, ‘जुलाई में, मुझे लगता है कि उत्तर, पूर्व, पश्चिम और मध्य भारत के लोगों को बारिश का पूरा लाभ मिलेगा। दक्षिणी भारतीयों को नुकसान हो सकता है। विशेषकर, उत्तरी और दक्षिणी कर्नाटक के भीतरी इलाकों, तमिलनाडु और मराठवाड़ा में सूखे की मार पड़ सकती है।’


गौरतलब है कि आइएमडी ने पहले भी इस साल बारिश के करीब 88 प्रतिशत ही रहने की भविष्येवाणी करते हुए कमजोर मानसून के चलते कम बारिश की आशंका जताई थी। लेकिन उसके दावे गलत साबित हुए और जून में कुछ देर से सही पर मानसून जम कर बरसा। अब भी आईएमडी ने एक बार फिर जुलाई और अगस्त में सामान्य से आठ फीसद कम बारिश होने की आशंका जताई है। इस बार भी स्काईमेट की भविष्यवाणी उसके अलग है और हम उम्मीद करते हैं की निजी मौसम एजेंसी पुन: सही साबित हो।

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Posted By: Molly Seth