रोगों से लड़ने की क्षमता कम कर रही है प्लास्टिक
- प्लास्टिक के अंधाधुंध यूज ने कम कर दी कानपुराइट्स की इम्यूनिटी पॉवर, इस वजह से हर कोई पड़ता है बीमार
- बच्चों में हो रहा ज्यादा असर, जल्दी हो रहे बीमार, प्रति व्यक्ति प्लास्टिक यूज के मामले में टॉप 10 शहरों में शुमार कानपुर >ankit.shukla@inext.co.inKANPUR: प्लास्टिक का अधांधुंध प्रयोग आपकी इम्यूनिटी पॉवर को कम कर रहा है। यह हम नहीं कह रहे बल्कि ये डॉक्टर्स की राय है। साथ ही रिसर्च में भी साफ हो गया है कि प्लास्टिक के बर्तनों में खाना पीना नुकसानदेह है, लेकिन यूज एंड थ्रो कल्चर में प्लास्टिक ही खाने पीने में सबसे ज्यादा यूज हो रही है, लेकिन यह बेफिक्री खतरनाक है। क्योंकि इसका असर सबसे ज्यादा आपके बच्चों पर पड़ रहा है। अपना शहर पहले से ही पॉल्यूशन की वजह से बीमारियों का घर बन गया है। ऐसे में प्लास्टिक का अनकंट्रोल्ड यूज आपकी बीमारी की कहीं गारंटी न बन जाए, इस बात का जरुर ख्याल रखें।
9क् हजार टन से ज्यादा खपतशहर में प्लास्टिक प्रोडक्ट्स की बड़ी इंडस्ट्री है। इसके अलावा शहर से हर रोज नगर निगम जो क्ख्00 मीट्रिक टन कचरा निकालता है, उसमें से ख्भ्0 टन प्लास्टिक होती है। इस हिसाब से हर साल 9क् हजार टन से भी ज्यादा प्लास्टिक की खपत हम करते हैं, जिसमें से आधे से भी कम रि-साइकिल हो पाती है। बाकी आपकी और हमारी सेहत खराब करने का काम करती है। क्योंकि इस प्लास्टिक को या तो जलाया जाता है या फिर जमीन में दबने के बाद यह उसे बंजर और जहरीला बना देती है।
खाना पीना बना रहा कमजोर अक्सर लोग बाहर खाने पीने जाते हैं तो गर्मागर्म चीजें बेधड़क प्लास्टिक के बाउल, प्लेट और ग्लासेस का यूज भी करते हैं। इसके अलावा ओवन में भी प्लास्टिक के बर्तन में खाना गर्म करके खाते हैं यह बेहद नुकसान दायक है। क्योंकि प्लास्टिक के बर्तनों में गर्म चीजें खाने से एक खास तरीके का केमिकल रिएक्शन होता है जोकि बेहद खतरनाक होता है। मेडिकल कॉलेज में सीनियर फिजीशियन डॉ। विशाल गुप्ता बताते हैं कि लंबे समय तक प्लास्टिक के बर्तनों में खाना खाने से हार्मफुल केमिकल आपकी सेहत पर सीधा असर डालते हुए आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को कम कर देता है। क्0 माइक्रोन से कम की रंगीन पॉलिथ्िान से बचिएमार्केट में सब्जी खरीदते समय अगर आप बैग लेकर नहीं गई हैं तो सब्जी वाला जिस पॉलिथिन में आपको सब्जी देगा वह पॉलिथिन उस सब्जी की न्यूट्रिशस वैल्यू को और भी कम कर देती है और अगर फ्रिज में आप सब्जी को पॉलीथिन के साथ ही रखती हैं तो यह और भी खतरनाक होता है। वैसे तो क्0 माइक्रोन से कम की पॉलिथिन आधिकारिक तौर पर बैन है, लेकिन सब्जी वालों के पास यही पॉलीथिन होती है। वह भी रंगीन। जोकि रि-साइकिल करके बनाई जाती है।
डिब्बा बंद खाने और पैकैज्ड वॉटर पर विवाददरअसल जितनी तेजी से खुले में मिलने वाले खाने पीने के सामान से होने वाले नुकसान की बात उठी है। उतनी ही तेजी से डिब्बा बंद खाने और प्लास्टिक की बोतल में मिलने वाले मिनरल वॉटर को लेकर भी विवाद खड़े हुए हैं। क्योंकि दोनों ही मामलों में कंपनियों के अपने-अपने तर्क होते हैं। ऐसे में ख्0 रुपए से लेकर भ्0 रुपए तक में एक लीटर की प्लास्टिक की पानी की बोतल खरीदने वाले ग्राहक के मन में इसके यूज को लेकर संशय भी पैदा होता है, प्लास्टिक की बोतल में मिलने वाले पानी की गुणवत्ता के बारे में जब एक नामी पैकेज्ड वॉटर कंपनी के अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि जिस बोतल में पानी बेचा जाता है वह रि-साइक्लेबल होती है। नियमों के हिसाब से ही सारा काम होता है। उन्होंने बताया कि प्लास्टिक की चीजों में सिर्फ गर्म खाना खाने को लेकर कुछ तथ्य सामने आए हैं उसकी भी प्रमाणिकता अभी साबित नहीं है।
ऐसे कम यूज होगी प्लास्टिक - अपनी गाड़ी या स्कूटर में हमेशा एक कपड़े का झोला रखें, बाजार जाते समय भी ऐसा ही करें - खाने पीने की चीजें कागज के ग्लासेस या प्लेट्स में लें। अब यह मार्केट में आसानी से मिल जाते हैं - फ्रिज में सामान रखते समय पॉलीथिन का यूज न करें - बच्चों को प्लास्टिक के यूज के लिए हतोत्साहित करें खाने पीने में प्लास्टिक के यूज से बचना चाहिए। खास कर गर्म चीजों में क्योंकि इसका सीधा असर लंबे समय तक आपकी सेहत पर पड़ता है। जोकि आगे चल कर कई गंभीर बीमारियों का कारण भी बनता है। - डॉ। रिचा गिरि , एसोसिएट प्रोफेसर, मेडिसिन डिपार्टमेंट, जीएसवीएम