फूड सिक्योरिटी एक्ट को इंप्लीमेंट करने में अभी तीन महीने का समय और लगेगा. सेंट्रल गवर्नमेंट ने स्टेट्स को इस एक्ट को लागू करने के लिए तीन महीने का एक्स्ट्रा टाइम दिया है.


फूड सब्सिडी में 1.31 लाख रुपये की बढ़त होगीपच्चीस राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों द्वारा खाद्य सुरक्षा कानून को अभी लागू किया जाना बाकी है.  यह कानून फूड सब्सिडी खर्च को 1.31 लाख करोड़ रुपये बढ़ायेगा.  जबकि अनाजों की जरूरत 60.80 लाख टन तक बढ़ जायेगी जो मौजूदा समय में 5.5 करोड़ टन सालाना की है.नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में लिया गया फैसला
फूड एंड सप्लाई मिनिस्टर रामविलास पासवान ने संवाददाताओं से कहा कि फूड सिक्योरिटी एक्ट पांच जुलाई, 2013 को आया. कानून के अनुसार प्रदेश सरकारों को 365 दिनों (चार जुलाई 2014 तक) इस कानून को लागू करना था. अभी तक 20 राज्यों और पांच केन्द्र शासित प्रदेशों ने इसे लागू नहीं किया है. इसलिए हमने डेडलाइन को तीन महीने के लिए बढ़ाने का फैसला किया है. इस बारे में फैसला प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा आयोजित एक बैठक में लिया गया. उन्होंने कहा कि अभी तक केवल पांच राज्यों ने पूरी तरह से खाद्य कानून को लागू किया है और बाकी छह राज्यों ने आंशिक तौर पर इसे लागू किया है. उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार इन राज्यों को अनाज को देना जारी रखेगी. उन्होंने कहा कि डेडलाइन बढ़ाने के लिए एक्ट को संशोधित करने की अथवा ऑर्डिनेंस जारी करने की कोई आवश्यकता नहीं है. इसके लिए एक सरकारी आदेश जारी किया जायेगा.देश की दो-तिहाई जनता को मिलेगा सस्ता अनाजपिछले साल सितंबर में फूड सिक्योरिटी बिल को पास किया गया था. हालांकि यह ऑर्डिनेंस जुलाई 2013 में जारी किया गया था. यह कानून देश की दो तिहाई आबादी को सस्ते अनाज देने का प्रोविजन रखता है. हालांकि यह अध्यादेश जुलाई 2013 में जारी किया गया था. इसके तहत बीपीएल फैमिली को पांच किलोग्राम चावल तीन रुपये और गेहूं दो रुपये की रेट से मिलेगा. मौजूदा अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई)बीपीएल फैमिली को हर माह 35 किग्रा अनाज मिलता रहेगा. अभी तक इस कानून को हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र ने पूरी तरह से अमल किया है जबकि दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, बिहार और चंडीगढ़ ने इसे आंशिक रूप से लागू किया है.

Posted By: Shweta Mishra