भारतीय बाजार में प्‍याज और दालों की बढ़ती कीमतों ने हाहाकार मचाकर रखा है। इनकी कीमतें इतनी बढ़ गई हैं कि लोगों ने प्‍याज और दाल खरीदना बंद कर दिया। यह इनकी मजबूरी ही है कि प्‍याज और दाल खाने के लिए जेब खाली करनी पड़ रही है। खैर सरकार ने इस समस्‍या का निदान ढूंढ लिया और इसे बाहर से मंगवाना शुरु कर दिया।

इस सप्ताह से शुरु होगा आयात
खबरों की मानें तो आयातित दलहन भारत में इस सप्ताह से आना शुरु होगा जबकि आयातित प्याज अक्टूबर के पहले हफ्ते से आनले लगेगा। जिसके चलते दोनों की कमोडिटी की घरेलू उपलब्धता बढ़ेगी। साथ ही इनकी बढ़ती खुदरा कीमतों पर थोड़ा ब्रेक भी लगेगा। उड़द दाल की पहली खेप 20 अक्टूबर तक यहां आ जाएगी। इंटर मिनिस्ट्रयल कमेटी ने 5000 टन अरहर दाल के आयाम की निविदा जारी की है। वहीं एमएमटीसी ने कहा है कि देश के बंदरगाहों पर 1800 टन दाल 23 और 24 अक्टूबर को पहुंचेगी।
समीक्षा के बाद लिया फैसला
इंटर मिनिस्ट्रियल कमेटी देश में आवश्यक खाद्य जिंसों की कीमतों और इनकी उपलब्धता की समीक्षा करती है। खाद्य मंत्रालय के एक बयान के मुताबिक एमएमटीसी नेबताया है कि आसात की पहली खेप के तहत 888 टन और 984 टन दलहन चेन्नई बंदरगाह और जेएनपीटी, मुंबई बंदरगाह पर क्रमश: 23 सितंबर और 24 सिंतबर को पहुंचेगा। वहीं अरहर दाल की 5000 टन की पूरी की पूरी खेप इन दो बंदरगाहों पर 20 अक्टूबर तक पहुंचेगी। कमेटी ने यह भी फैसला लिया कि आयातित अरहर दाल के लिए केवल आंध्र प्रदेश से ही ठोस अनुरोध प्राप्त हुआ है। इसलिए आयातित दलहन की पहली खेप उन्हें आवंटित की जा सकती है। 

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari