सिटी बसों से लेकर ई रिक्शा की मिली सौगात

मोबाइल ऐप से अपडेट हो रही बसों की लोकेशन

ऐतिहासिक स्थलों तक हैरीटेज बस सेवा की हुई थी पहल

Meerut । पिछले दस साल में शहर में कई ऐसी सुविधाओं की शुरुआत हुई थी जो शहर के लोगों के लिए काफी राहतभरी साबित रही। इसमें लोकल सिटी ट्रांसपोर्ट व्यवस्था में भी पिछले दस साल काफी पॉजीटिव बदलाव आए हैं जिससे ना सिर्फ शहर की ट्रैफिक व्यवस्था में कुछ सुधार हुआ है बल्कि गांव देहात तक के दैनिक यात्रियों को भी लाभ मिल रहा है। खासतौर पर महिला स्पेशल बस, एसी बस और ई रिक्शा एक तरह से शहर की ट्रांसपोर्ट की रीढ़ बन गए हैं और दस साल से लगातार इस व्यवस्था में सुधार होने का क्रम जारी है।

मनमानी पर लगाम

गौरतलब है कि साल 2009 तक मेरठ शहर में लोकल सिटी बसों का संचालन होता था। इसमें प्राइवेट बस ऑपरेटरों की मनमानी के चलते आए दिन दुर्घटनाएं और छेड़छाड़ जैसी घटनाओं से यात्रियों को रुबरु होना पड़ता था। इस अव्यवस्थित व्यवस्था पर लगाम लगाने के लिए जेएनएनयूआरएम के तहत सिटी बसों का संचालन शुरु किया गया। इसके तहत सोहराबगेट डिपो में सिटी बस डिपो बनाया गया। शुरुआत में करीब 90 बसों के साथ सिटी ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था को शुरु किया गया बाद में इसमें 30 बसों की संख्या बढ़ाई गई। इसके बाद गत वर्ष 8 एसी बसों को जोड़ा गया। वर्तमान में 128 सिटी बसों का शहर में संचालन हो रहा है।

बसों की स्थिति-

कुल बसों की संख्या 128

कमल बसों की संख्या 70

मिनी बसों की संख्या 40

लो फ्लोर 10

एसी बसें 8

चलो ऐप से देखें लोकेशन

सिटी बसों के लिए यात्रियों को ज्यादा इंतजार ना करना पड़े और समय से बस उपलब्ध हो इसके लिए जेएनएनयूआरएम के तहत चलो एप का शुभारंभ किया गया। इस ऐप को बसों में लगे जीपीएस के माध्यम से जोड़ा गया जिससे कोई भी यात्री अपने फोन पर बस की लोकेशन ट्रेस कर बस की सुविधा को समय से पा सकता है। इस ऐप का लाभ सबसे अधिक डेली स्टूडेंट को मिल रहा है।

एसी बसों से राहत

सिटी बसों की हालत में निरंतर सुधार के क्रम में साल 2018 में मेरठ में एसी बसों का संचालन शुरु किया गया। शुरुआत में 8 एसी सिटी बसों का संचालन शुरु हुआ था जो कि गर्मियों के साथ साथ सर्दियों में भी सफल रहा है। साधारण बसों की तुलना में किराये में अधिक अंतर ना होने के कारण एसी बसों का संचालन भी पूरी तरह सफल रहा।

ऐतिहासिक स्थलों को मिली पहचान

वहीं पूरे प्रदेश में केवल मेरठ में ही जेएनएनयूआरएम द्वारा शहर के विरासत और ऐतिहासिक स्थलों तक दर्शकों को पहुंचाने की पहल शुरु की गई। जिसके तहत साल 2019 में मेरठ हैरीटेज दर्शन बस सेवा का संचालन प्रत्येक रविवार को शुरु किया गया। इसमें मेरठ जनपद के एक दर्जन से अधिक ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व वाले स्थानों का दर्शन कराने के लिए इस सिटी बस को संचालित किया गया। इसमें विक्टोरिया पार्क से लेकर हस्तिनापुर, किला परीक्षितगढ़, शाही ईदगाह, सरधना चर्च आदि शामिल हैं। इस बस के लिए ऑनलाइन बुकिंग सेवा की सुविधा भी दी जा रही है।

शहर से देहात तक पहुंची सिटी बसें

दस साल पहले मेरठ शहर से बाहर ग्रामीण क्षेत्रों तक जाने के लिए डग्गेमार या प्राईवेट बसों का सहारा था। लेकिन एमसीटीएस के तहत लो फ्लोर, मिनी और कमल बसों का संचालन शहर से देहात मार्गो पर शुरु किया गया। जिससे गांव देहात से रोजाना काम और पढ़ाई के लिए आने वाले हजारों यात्रियों को लाभ पहुंचा है।

इन देहात रूटों पर हो रहा संचालन-

मेरठ से सरधना

मेरठ से सकौती

मेरठ से किठौर

पिछले दस साल में शहर के जाम को बदत्तर बनाने का श्रेय शहर में हजारों की संख्या में संचालित हो रहे ई रिक्शा को काफी हद तक जाता है। दस साल पहले शहर में ई रिक्शा का संचालन नही था तब रिक्शा और आटो टैंपो ने शहर की आबोहवा बिगाड़ी हुई थी। ई रिक्शा का संचालन शुरु हुआ तो पॉल्यूशन स्तर में कुछ राहत मिली लेकिन अवैध संचालन ने शहर के चौराहों से लेकर मुख्य मार्गो की हालत बिगाड़ दी है। परिवहन विभाग के रिकार्ड में करीब 827 के करीब ई रिक्शा पंजीकृत हैं जबकि 8 हजार से अधिक ई रिक्शा शहर में संचालित हो रहे हैं।

जनपद की यातायात व्यवस्था को सुचारु करने में सिटी बसों का काफी योगदान है और दस साल में लगातार इस व्यवस्था में सुधार हो रहा है। कई नई बसें सिटी बसों के बेडे़ में जुड़ने जा रही हैं। इसके साथ ही सीएनजी और इलेक्ट्रिक बसें आ रही हैं। इससे सिटी ट्रांसपोर्ट का चेहरा एकदम से बदल जाएगा।

- विजय कुमार, एम डी रोडवेज

मेरठ से खानपुर

मेरठ से मोदीनगर

मेरठ से मोदीपुरम

मेरठ से किला परीक्षितगढ़

मेरठ से मवाना

मेरठ से मैथना और लावड़

इलेक्ट्रिक और सीएनजी बसें

10 साल में सिटी ट्रांसपोर्ट के बदलते क्रम में सुधार करते हुए साल 2019 के अंत में मेरठ सिटी ट्रांसपोर्ट को इलेक्ट्रिक और सीएनजी बसों का तोहफा मिल गया। इसके तहत 150 सीएनजी और 50 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन मेरठ मे किया जाएगा। इसके लिए लोहियानगर में बकायदा पांच एकड़ में इलेक्ट्रिक बस डिपो का निर्माण कार्य भी शुरु हो चुका है। जो कि साल 2020 के अंत तक चालू हो जाएगा।

ई रिक्शा बने जाम का कारण

Posted By: Inextlive