RANCHI : क्या कभी आपने सोचा है कि 20 रुपए में दो लिट्टी जिस कथित घी में चुभो कर आपको परोसी जा रही है, उसकी असल कीमत क्या है। दरअसल, इस विषय पर सोचने की फुर्सत ही कहां है। भूख लगी, तो फटाफट ठेले से लिट्टी खरीदी और खा ली। लेकिन, जरा संभल जाइए। शहर में जितने भी ठेले-खोमचे मौजूद हैं, उनमें घी वाली लिट्टी के नाम से जो कुछ बेचा जा रहा है, उसके घी होने का कोई प्रमाण मौजूद नहीं है। सिटी में घी के नाम पर मिलावटी तेल और केमिकल का मिश्रण आप तक पहुंचाया जा रहा है। ब्रांडेड घी और खुले में बिकनेवाले घी की कीमत में इतना अंतर है कि उसके असली होने पर संदेह होना लाजिमी है।

कैसे बनता है नकली घी

असली घी गाय या भैंस के दूध से तैयार होता है। लेकिन, नकली घी के लिए दूध की जरूरत ही नहीं पड़ती। बाजार में ऐसा एसेंस मौजूद है, जो घी की खुशबू दूर तक बिखेर देता है। मिलावटी या नकली घी बनाने के लिए पशुओं की हड्डियों के चूरे, पशु की चर्बी, पाम तेल और कुछ खतरनाक केमिकल्स को मिलाकर नकली घी तैयार किया जाता है। एसेंस इसमें अहम रोल अदा करता है। उसकी खुशबू से ही लोग धोखा खा जाते हैं।

खाद्य पदार्थ की जांच नहीं

शहर में हर चौराहे पर एक घी की दुकान मिल जाएगी। इनमें 150 से लेकर 250 रुपए प्रति किलोग्राम तक घी मिल जाएगा। दूसरी ओर, ब्रांडेड कंपनियां 550 रुपए से लेकर 3600 रुपए प्रति लीटर तक घी बेचती हैं। अब सवाल यह उठता है कि जिन खुदरा दुकानों में खुले में घी बिकता है, उसकी शुद्धता की क्या गारंटी है। स्वास्थ्य विभाग का यह जिम्मा है कि वह रैंडम सैंपल लेकर टेस्ट कराए और समय-समय पर दुकानों से खाद्य सामग्री इकट्ठा करता रहे। रांची में लंबे अर्से से खाद्य निरीक्षक ही नहीं थे। एक अफसर के रिटायरमेंट के बाद दूसरे को साल भर के बाद नियुक्त किया गया। एक अफसर पर 12 लाख से भी ज्यादा आबादी वाले जिले में निरीक्षण का भार है। यही वजह है कि खाद्य पदाथरें की जांच नहीं होती।

चुनिंदा ब्रांड के घी की कीमत(प्रति लीटर)

ए-2 देसी गीर गाय घी 3600 रुपए

श्री राधे 1270 रुपए

ऑर्गेनिक इंडिया 1088 रुपए

मदर ऑर्गेनिक घी 899 रुपए

झरना घी 620 रुपए

गिट्स घी 550 रुपए

पतंजलि गाय का घी 530 रुपए

अमूल घी 440 रुपए

गोपाल जी घी 410 रुपए

Posted By: Inextlive