ऑटो से दुनिया के सफर पर तीन दोस्त मकसद कैंसर के लिए फंड जुटाना. ये तीनों निकले हैं 14 देशों की 6000 मील की जर्नी पर.


तीन दोस्त, एक मिशन और साथ में ‘फ्लाइंग रानी’, किसी फिल्म की कहानी नहीं बल्कि हकीकत है. कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी के लिए फंड जुटाने के मकसद से तीन दोस्त एक ऑटो रिक्शा के जरिए दुनिया के सफर पर निकले हैं. यह तीन दोस्त अब भारत में हैं और अपने इस मिशन के लिए उन्होंने मुंबई से अपना सफर शुरू भी कर दिया है. On the Indian road


संजय शर्मा, केल्हम ऑस्बॉर्न और मुकेश कश्यप ने 14 जुलाई को यूके के नॉटिंघम से अपना सफर शुरू किया था. इन्होंने अपने सफर के लिए कोई एसयूवी नहीं सेलेक्ट की बल्कि इनका साथी बना है इंडियन रोड्स पर दौडऩे वाला ऑटो रिक्शा. इसको ‘फ्लाइंग रानी’ नाम दिया है. 11 सितंबर को इन तीनों दोस्तों की इंडिया जर्नी मुंबई से शुरू हो गई. संजय और उनकी टीम 18 सितंबर को दिल्ली में पहुंचेगी. इनके मकसद को सपोर्ट करने के लिए इस सफर में इंडिया से रिटायर्ड आईएएस ऑफिसर एएम भारद्वाज और एक एनीमेशन स्टूडियो के क्रिएटिव डायरेक्टर सुमित जोशी भी जुड़ेंगे. संजय और उनकी टीम इंडिया में भरूच, अहमदाबाद, सूरत, उदयपुर, जयपुर और अजमेर के सफर पर निकलेगी. 6000 मील की journey, 14 देश

ये तीनों 14 देशों की 6000 मील की जर्नी पर निकले हैं. इसके तहत वो फ्रांस, बेल्जियम, जर्मनी, ऑस्ट्रिया, हंगरी, रोमानिया, बुल्गारिया, तुर्की और ईरान को कवर करेंगे. इस मिशन की इंस्पिरेशन ऑस्बॉर्न थे जिनके पिता की मौत कैंसर की वजह से हो गई थी. पूरे मिशन को लीड कर रहे संजय शर्मा नॉटिंघम यूनिवर्सिटी के आईटी डिपार्टमेंट से जुड़े हुए हैं. संजय को लगा कि दुनिया में लाखों लोग कैंसर का शिकार हो जाते होंगे क्योंकि उन्हें ठीक से ट्रीटमेंट नहीं मिल पाता है.                       ऑटो को बदल डाला संजय जिस ऑटो रिक्शा के जरिए अपने इस मिशन को अंजाम दे रहे हैं वो उन्होंने 2008 में खरीदा था. संजय यहां से ऑटो रिक्शा खरीद कर नॉटिंघम ले गए थे. संजय ने नॉटिंघम में होने वाली शादियों में इस रिक्शा को रेंट पर देने का काम शुरू किया क्योंकि वहां पर ऑटो रिक्शा का क्रेज लोगों में है. इस ऑटो रिक्शा में सभी मॉडर्न इक्विपमेंट्स तो हैं ही साथ में इसमें एक क्रूज कंट्रोल, बॉक्स कैरियर भी है. वहीं इसकी सीट्स को भी लग्जरी सीट्स में बदला गया है.But why this auto rickshaw?

आमतौर पर ऐसे सफर पर निकलने वाले लोगों का हमसफर या तो कोई एडवांस एसयूवी व्हीकल होता है या फिर कोई बाइक, लेकिन संजय और उनके दोस्तों ने ऑटो रिक्शा चुना. इसके पीछे संजय की वजह भी लोगों को थोड़ी अजीब लग सकती है. संजय ने बताया कि यह ज्यादा लोगों को अपनी ओर अट्रैक्ट कर सकता है जो शायद एक एसयूवी और बाइक नहीं कर सकती.

Posted By: Divyanshu Bhard