- जहरीली शराब मामले में सरकार से विपक्ष ने मांगा त्याग पत्र, किया वॉकआउट

- राज्यपाल का अभिभाषण समय से पहले शुरू करने पर संसदीय परंपराओं के उल्लंघन का आरोप

- विपक्ष के सदस्य हाथ में तख्ती लिए करने लगे विरोध, मांगा आबकारी मंत्री का इस्तीफा

 

DEHRADUN: उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र मंडे को राज्यपाल के अभिभाषण के साथ शुरू हो गया, लेकिन अभिभाषण के दौरान कांग्रेस ने जहरीली शराब के दोषियों को सजा दिलाने के साथ ही आबकारी मंत्री का त्याग पत्र मांगा। अभिभाषण के दौरान ही कांग्रेस के सदस्य वेल में आ गए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। उसके बाद विपक्ष के सदस्यों ने राज्यपाल के अभिभाषण का वॉकआउट कर दिया.

करीब 10.55 मिनट पर शुरू हुआ अभिभाषण
मंडे को राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने राष्ट्रगान के उपरांत ठीक 10:55 बजे अपना अभिभाषण शुरू किया। इस दौरान विपक्ष के अधिकांश सदस्य सदन में नहीं पहुंच पाए थे। इसी बीच लीडर अपोजिशन डॉ। इंदिरा हृदयेश सहित अन्य सदस्य करीब 10:57 बजे सदन में पहुंचे। अधिकतर विपक्षी सदस्यों के हाथों में 'जहरीली शराब के दोषियों को सजा दो', 'आबकारी मंत्री इस्तीफा दो' लिखी तख्तियां थी। अभिभाषण के दौरान ही कांग्रेस के सदस्य सीधे वेल में आ गए और नारेबाजी करने लगे। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष ने सदन की कार्यवाही निर्धारित समय 11 बजे से पहले ही शुरू किए जाने का मुद्दा उठा दिया। लीडर अपोजिशन का कहना था कि यूपी से लेकर उत्तराखंड की विधानसभा में पहली बार देखने को मिला है, जब परंपरा के विपरीत राज्यपाल का अभिभाषण देखने को मिला है। कहा, सरकार को ऐसी भी क्या जल्दी थी। इस पर सरकार को जवाब देना ही पड़ेगा। सवाल किया कि क्या समय से पहले संबोधन का कोई ऐसा नियम है।
विपक्ष को सुनने से वंचित रखने का आरोप
वेल में दूसरी तरफ कांग्रेस के विधायक प्रीतम सिंह, गोविन्द सिंह कुंजवाल, करन महरा, काजी निजामुद्दीन, हरीश धमी, ममता राकेश, फुरकान अहमद व राजकुमार ने सदन में नारेबजी जारी रखी। विरोध के बाद करीब 11.6 मिनट पर सरकार ने राज्यपाल के अभिभाषण का वॉकआउट कर दिया। विपक्षी विधायकों ने आरोप लगाए कि सरकार राज्यपाल के अभिभाषण को सुनने से विपक्ष को वंचित करना चाहती थी। वहीं विपक्ष के हंगामे के बीच राज्यपाल अभिभाषण जारी रहा।

राज्यपाल ने पढ़ा अभिभाषण

राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान राज्यपाल को बार-बार तेज खांसी के कारण अभिभाषण को पढ़ने में दिक्कत हुई। लेकिन उन्होंने कोशिश की। अभिभाषण पढ़ने में तेज खांसी की वजह से राज्यपाल ने करीब 13 मिनट बाद अंतिम पैराग्राफ पढ़ने के बाद अभिभाषण समाप्त कर दिया।

विधायकों को जारी की थी एडवाइजरी

मंडे को राज्यपाल का अभिभाषण समय से पहले शुरू हो जाने के मामले में विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचन्द अग्रवाल ने स्थिति स्पष्ट की। कहा, सभी सदस्यों से 11:45 बजे तक सदन में पहुंच जाने की अपेक्षा की गई थी। कुछ सदस्य देरी से सदन में पहुंचे। राज्यपाल सदन में आ चुकी थी, उन्हें इंतजार नहीं कराया जा सकता था। उन्होंने कहा कि राज्यपाल के आने पर अपनाई जाने वाली प्रक्रिया सबकी समझ में आ जानी चाहिए। सदन सामान्य रूप से 11 बजे ही शुरू होना चाहिए। यदि कुछ मिनट पहले राज्यपाल आ गई तो उसी हिसाब से अभिभाषण शुरू हो गया। कहा, विधायकों को 11:45 बजे तक स्थान ग्रहण करने के लिए एडवाइजरी भी जारी की गई थी।

अवैध शराब के कारोबार पर लगेगी रोक: सीएम

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने विधानसभा में मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि इस सत्र में एक विधेयक लाया जायेगा। जिसमें जहरीली शराब बेचने व अवैध तरीके से इस प्रकार का कारोबार करने वालों के लिए सख्त प्रावधान होंगे। जिससे ऐसे अपराधियों क खिलाफ सख्त कार्रवाई किए जाने के साथ ही उन्हें कठोर दंड दिया जा सके। सीएम ने कहा कि इस तरह के मामलों की जांच के लिए एक आयोग का गठन भी किया जायेगा।
आईजी रैंक के अधिकारियों के नेतृत्व में एसआईटी होगी गठित
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरिद्वार जनपद में हुई घटना की तह तक जांच होगी। इसके लिए आईजी रैंक के अधिकारी की अध्यक्षता में एसआईटी गठित की जा रही है। जिससे इस मामले की गहराई व सोर्स तक पंहुचा जा सके। इस मामले में मजिस्ट्रियल जांच के आदेश पहले ही दिये जा चुके हैं। जबकि उत्तराखंड व यूपी पुलिस की संयुक्त कमेटी बनाई गई है। हरिद्वार और सहारनपुर के एसएसपी इस पूरे मामले का खुलासा कर चुके हैं कि शराब किन के द्वारा बनाई गई, कहां बनाई गई व किसके द्वारा बेची गई। उत्तराखंड सरकार का प्रयास है कि इस मामले में संलिप्त लोगों को सामने लाया जाए।

 

Posted By: Inextlive