दिल्‍ली में बिजली बिल को लेकर इधर कुछ दिनों से मची हायतौबा पर एक गंभीर खुलासा हुआ है। देश की राजधानी दिल्‍ली में बिजली सप्लाई करने वाली तीन कंपनियों ने अपनी देनदारी और ख़र्च को लेकर एक बड़ा खेल खेला है। जिससे दिल्‍ली की आम जनता को 8 हज़ार करोड़ को चूना लगाया गया है। इस खुलासे से यह बात सामने आई है कि अभी दिल्ली में बिजली की कीमतों में भी अभी काफी कमी की गुंजाइश है। यह बात कंप्ट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल ऑफ इंडिया यानी कि कैग ने भी अपनी रिपोर्ट में कही है।


बिजली की ख़रीद मूल्य में हेराफेरीजानकारी के मुताबिक दिल्ली में यमुना पावर लिमिटेड (BYPL), अनिल अंबानी की कंपनी राजधानी पावर लिमिटेड (BRPL) और टाटा ग्रुप की टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन (TPDDL) कंपनियां बिजली की सप्लाई करती हैं। ऐसे में अब इन तीनों ही कंपनिययों को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। सूत्रों की मानें तो कैग की 212 पेज की रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। जिसमें दिल्ली में सप्लाई करने वाली इन तीनों कंपनियों ने बिजली उपभोक्ताओं के साथ एक बड़ा खेल खेला हैं। इन्होंने अपने ग्राहकों की जानकारी, बिजली की ख़रीद मूल्य जैसी कई जानकारी में हेराफेरी की है। इसके साथ ही अपने ख़र्च को बढ़ा चढ़ा कर दिखाया। इतना ही नहीं इन कंपनियों ने अपनी सिस्टर कंपनियों से डील महज दिखावे में की है। इसके पीछे उनका मकसद घाटे को और अधिक बढ़ा चढ़ा कर दिखाया जा सके। काफी कमी करने की संभावना
रिपोर्ट की माने तो इन कंपनियों ने दिल्ली में दोबारा मीटर बदलकर की गड़बड़ी दूर करने के नाम पर भी खेल किया। बदले गए मीटर भी इन कंपनियों के अनुचित लाभ कमाने की प्रकिया की भेंट चढ़ गए। जिससे इन कंपनियों के खेल से आम लोगों को 8 हज़ार करोड़ को चूना लगाया गया है। जब कि कैग की रिपोर्ट के मुताबिक अभी भी दिल्ली में बिजली की कीमतों में भी अभी काफी कमी करने की संभावना है। सबसे खास बात तो यह है कि कैग रिपोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की ऑडिट रिपोर्ट में बिना सब्सिडी के भी बिजली के बिल में कमी लाई जा सकती है, वाली बात को सही ठहराया है। गौरतलब है कि अरविंद केजरीवाल ने 2014 में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद सबसे बिजली समस्या पर बल दिया था। जिसमें सीएम केजरीवाल ने सीएजी से मुलाक़ात कर उन्हें बिजली कंपनियों के ऑडिट के लिए कहा था।

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Posted By: Shweta Mishra