हरियाणा : खुले में शौच करने वालों को नहीं मिलेगी सरकारी नौकरी
स्वच्छ भारत अभियान
हरियाणा सरकार ने पीएम मोदी के 'स्वच्छ भारत अभियान' को बेहद गंभीरता से लेते हुए खुले में शौच नहीं जाने वालों को नौकरी देने का नियम लागू कर दिया है। इसका मतलब यह हुआ कि यदि कोई शख्स खुले में गंदगी करता है तो उसे अब हरियाणा में कोई सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी।
इनको मिलेगी वरीयता
जिला ग्रामीण विकास अभिकरण (डीआरडीए), कुरुक्षेत्र की तरफ से ब्लॉक को-ऑर्डिनेटर्स, कलस्टर मोटिवेटर्स के पद पर आवेदन के लिए यह नियम जारी किया गया है। मंगलवार को विभिन्न अखबारों में जारी किए गए विज्ञापन में कहा गया है कि इन पदों के लिए उन उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी जाएगी जो खुले में शौच नहीं करते हैं।इन पदों के लिए जारी सरकारी नोटिस में योग्यता के कॉलम में उम्मीदवार का ग्रेजुएट होने के साथ घर में शौचालय रखने वालों तथा खुले में शौचनिवृति न करने वालों को वरीयता दिए जाने की बात कही गई है।
केंद्र सरकार के नियम का पालन
एडिशनल डिप्टी कमिश्नर और डीआरडीए के सीईओ प्रभजोत सिंह ने बताया कि राज्य सरकार को स्वच्छता का यह निर्देश केंद्र की तरफ से मिला है। उन्होंने बताया कि यह नियम केंद्र सरकार के नियम का पालन करना है। ऐसा पहली बार हुआ है कि खट्टर सरकार ने नौकरियों के लिए इस तरह की शर्त रखी है। इसी तरह प्रधानी के चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों की न्यूनतम योग्यता 10वीं पास होना तय कर दी गई है। जनगणना 2011 के आंकड़ों के मुताबिक हरियाणा में 47.18 लाख लोगों के पास घर हैं जिनमें से 69 प्रतिशत लोगों के घर में शौचालय है, लेकिन 30 प्रतिशत लोग खुले में शौच जाते हैं। वहीं 1 प्रतिशत लोग सार्वजनिक शौचालयों पर निर्भर हैं।