-आई एक्सक्लूसिव

-बीमा योजना के तहत गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए टर्सरी केयर पैकेज की सुविधा देने की तैयारी

-बीमाधारकों के इलाज के लिए समिति ने 5 करोड़ रुपए के कार्पस फंड बनाए जाने को मंजूरी दी

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KANPUR : प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी समाजवादी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत बीमाधारियों को गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए भी शासन ने टर्सरी केयर पैकेज उपलब्ध कराने की कवायद शुरू कर दी है। इस संबंध में एसजीपीजीआई में जीएसवीएम समेत प्रदेश के कई बड़े सरकारी और निजी हॉस्पिटल्स के प्रतिनिधियों की मीटिंग में चर्चा हुई। योजना के क्रियान्वयन के लिए मेघालय, तमिलनाडु जैसे राज्यों के तुलनात्मक मॉडल पेश किया गया। हालांकि योजना को लागू करने में अब भी कई पेंच हैं। इसको लेकर एसजीपीजीआई के डायरेक्टर की अगुवाई में काम शुरू भी हाे गया है।

मूल्य निर्धारण को लेकर बैठक

कृषि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य बीमा योजना कल्याण समिति की जनरल बॉडी मीटिंग में बीते साल 21 दिसंबर को समाजवादी स्वास्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत टर्सरी केयर पैकेज और उसके मूल्य निर्धारण के लिए विशेषज्ञ समिति गठित की गई थी। इसकी अध्यक्षता एसजीपीजीआई के डायरेक्टर कर रहे हैं। पैकेज के मूल्य निर्धारण को लेकर समिति ने बैठक की, जिसमें एसजीपीजीआई के डायरेक्टर प्रो। राकेश कपूर के अलावा जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज से प्रो। सीमा निगम, केजीएमयू से प्रो। आशीष वाखलू, आरएमएल से डॉ। सुब्रत चंद्रा, सहारा हॉस्पिटल से डॉ। रामचंद्र पुरी, रीजेंसी से डॉ। राजेश अग्रवाल और राज्य स्वास्थ्य बीमा योजना प्रकोष्ठ के अधिकारी मौजूद रहे।

प्री-ऑर्थराइजेशन की होगी सुविधा

टर्सरी केयर पैकेज के तहत भर्ती होने पर बीमा योजना के एजेंट की ओर से बीमाधारक को एक प्री-ऑर्थराइजेशन लेना होगा कि वह किस तरह का इलाज कराने जा रहा है। अनुमति मिलने के बाद बीमाधारक अस्पताल में उस ऑर्थराइजेशन नोट को दिखाना होगा, जिसके बाद उसका इलाज शुरू हो जाएगा। इसमें सरकारी और प्राइवेट दोनों तरह के अस्पताल शामिल किए गए हैं।

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5 करोड़ का कार्पस फंड

स्वास्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत टर्सरी केयर पैकेज के तहत बीमाधारकों के इलाज के लिए समिति ने 5 करोड़ रुपए के एक कार्पस फंड बनाए जाने का मंजूरी दे दी है। इसे पेशेंट इंप्लाई डिपॉजिट यानी पीईडी खाते में जमा करा दिया जाएगा। इसमें 2 करोड़ रुपए का मिनिमम स्तर होगा। इस स्तर पर फंड पहुंचते ही इसमें दोबारा 5 करोड़ रुपए सरकार जमा कराएगी, जिससे बीमाधारकों का इलाज बिना असुविधा के हो सकेगा।

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हार्ट और न्यूरो सर्जरी के पैकेज में प्रॉब्लम

इस योजना के अंतर्गत टर्सरी केयर पैकेज की व्यवस्था को लेकर चर्चा में सबसे बड़ी प्रॉब्लम हार्ट और न्यूरो सर्जरी के प्रोसीजर और इन ऑपरेशंस के लिए लगी लंबी वेटिंग है। एसजीपीजीआई में जहां यह वेटिंग 1 से 2 साल तक की है वहीं कार्डियोलॉजी में हार्ट सर्जरी के लिए एक महीने तक की वेटिंग है। ऐसे में टर्सरी केयर पैकेज में बीमाधारियों को हार्ट और न्यूरो सर्जरी के प्रोसीजर में प्राथमिकता देने को लेकर सहमति नहीं बनी है। इसके अलावा कई महंगे ऑपरेशंस को लेकर भी अभी पैकेज में शामिल करने को लेकर चर्चा जारी है।

Posted By: Inextlive