फोटो इन में अस्थमा नाम से है

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-विश्वभर में अस्थमा से ग्रसित 30 करोड़

-अकेले भारत में दो करोड़ की तादात

DEHRADUN : बाकी बीमारियों की तर्ज पर अब अस्थमा भी बेहद चैलेंजिंग बीमारी बन चुकी है। दुनियाभर में इस बीमारी से ग्रसित लोगों की तादात फ्0 करोड़ तक पहुंच चुकी है। अकेले भारत में इनकी संख्या दो करोड़ पार कर गई है, जिसका ग्राफ भविष्य में बढ़ने की संभावना है। ये कहना है महंत इन्द्रिेश अस्पताल स्थित अस्थमा विभाग के डा। जगदीश रावत, डा। देव सिंह जंगपागी और डा। वैभव का। वे सहारनपुर रोड स्थित निरंजनपुर के सामने एक होटल में विश्व अस्थमा दिवस पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

अस्थमा के कुछ ऐसे हैं सिमटम्स

डा। जगदीश रावत ने कहा कि फ्-फ्0 प्रतिशत तक बच्चे अस्थमा से ग्रसित हैं, जबकि एडल्ट का अनुपात फ्-क्0 प्रतिशत तक है। डा। डीएस जंगपांगी के अनुसार कफ जमना, सूखी खांसी, छाती में जकड़न, छाती में ही दर्द, रात व सुबह कफिंग जैसे गुण अस्थमा के हैं। एथलेटिक्स में भी यह प्रॉब्लम देखने में आई है। डा। वैभव कहते हैं कि ट्रीटमेंट के तौर पर पी-फ्लोमीटर इंस्ट्रूमेंट से घर में ट्रीटमेंट किया जा सकता है। जबकि स्पाइरोमीटर इंस्ट्रमूमेंट हॉस्पिटल में मौजूद रहती है। कई बार कुछ पेशेंट्स को आजीवन तक ट्रीटमेंट लेना पड़ सकता है। डा। जगदीश रावत कहते हैं कि इंहेलर थैरेपी सबसे बेहतर तरीका है।

क्7 साल पहले से मनाया विश्व अस्थमा दिवस

डा। जगदीश रावत कहते हैं कि भ् मई क्998 से हर साल विश्व अस्थमा दिवस मनाया जाता है। इस मौके पर अवेयरनेस प्रोग्राम आयोजित किए जाते हैं। वे कहते हैं कि सीरियस पेशेंट्स में अस्थमा पूरी तरीके से ठीक नहीं हो सकता, लेकिन कंट्रोल करके जिंदगी का भरपूर मजा लिया जा सकता है।

Posted By: Inextlive