ट जाएगी। योजनाओं को घटाने की संख्‍या वाली रिपोर्ट सभी सदस्‍यों की सहमति के बाद ही प्रधानमंत्री के समक्ष पेश की जाएगी। सूत्रों की मानें तो कल दिल्‍ली में हुई बैठक में नीति आयोग के मुख्‍यमंत्रियों की एक उप समिति ने इस पर अपनी सहमति जता दी है। जिससे अब आगामी 5 जुलाई को इसका अंतिम खाका तैयार हो जाएगा।


ड्राफ्ट रिपोर्ट तैयार कर रहीजानकारी के मुताबिक कल शनिवार की शाम को दिल्ली में नीति आयोग के मुख्यमंत्रियों की बैठक हुई। जिसमें मध्यप्रदेश, राजस्थान, केरल, उत्तरप्रदेश, नगालैंड समेत अन्य कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने इसमें भाग लिया। इस दौरान सभी ने अपने अपने विचार रखे। जिससे अब इस बैठक में केंद्रीय योजनाओं की संख्या अब 72 से घटाकर 30 कर दी जाएगी। सूत्रों की मानें तो नीति आयोग के मुख्यमंत्रियों की एक उप-समिति इस पर पूरी तरह से सहमत हो गई है।आयोग की सीईओ सिंधुश्री खुल्लर की अध्यक्षता वाली कमेटी अब इस पर ड्राफ्ट रिपोर्ट तैयार कर रही है। जिसमें अब अंतिम रूप 5 जुलाई को दे दिया जाएगा। वहीं इस संबंध में बैठक के बाद मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि अब केंद्रीय सहायता से चलने वाली योजनाएं दो भागों में विभाजित हो जाएंगी। राज्यों की मर्जी पर निर्भर होंगी
ऐसे में अब एक भाग में कानूनी आधार वाली योजनाएं होंगी और दूसरे हिस्सों में वे योजनाएं होंगी जो कि राज्यों की मर्जी पर निर्भर होंगी। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इसमे लागू होने वाली सिफारिशों के तहत अब सामान्य श्रेणी के राज्यों के लिए मुख्य योजनाओं में केंद्र और राज्यों की हिस्सेदारी 60:40 होगी।वहीं ऐच्छिक योजनाओं में 50:50 रहेगी, लेकिन जिन योजनाओं में केंद्र की हिस्सेदारी क्रमश: 60 या 50 प्रतिशत से कम है तो वह पहले जैसी ही होगी। इसके अलावा केंद्रीय सहायता से चलने वाली जिन योजनाओं में 30 प्रतिशत या उससे ज्यादा काम हो चुका है, उनकी फंडिंग जारी रखी जाए आदि हैं। साथ ही तय हुआ है कि विजन 2022 को ध्यान में रखकर राज्यों में बदलावो पर विशेष ध्यान दिया जाए।

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Posted By: Shweta Mishra