जेएनयू से उठी राष्‍ट्र द्रोह की भवना और बबाल के बाद देश की सभी सेंट्रल यूनिवर्सिटीज में केन्‍द्र सरकार ने राष्‍ट्रीय ध्‍वज लगाने का फैसला लिया है। राष्‍ट्रवाद की भावना बेशकीती है और राष्‍ट्रध्‍वज का सम्‍मान सर्वोच्‍च है।


तिरंगे के लिए 46 सेंट्रल यूनिवर्सिटीज का हुआ चयनफ्लेग फेडरेशन ऑफ इंडिया के सीईओ कमांडर केवी सिंह ने बताया कि 200 फुट ऊंचा तिरंगा लगाने का खर्च 40 से 45 लाख रुपये होगा। इस तरह देश की 46 सेंट्रल यूनिवर्सिटीज में इनकी कुल लागत 20 करोड़ 70 लाख रुपये आएगी। झंडे के रखरखाव में हर महीने करीब 65 हजार रुपये का खर्च आएगा। सिंह ने बताया कि हमने देशभर में करीब 200 राष्ट्रीय ध्वज लगाए हैं। इनमें से कुछ 200 फुट से ऊंचे हैं। उन्होंने कहा कि वे झंडे लगाने के लिए खासतौर पर पुणे की एक कंपनी द्वारा डिजाइन किए हुए हाई टेंसिल सटील पोल मंगवाते हैं। उन्होंने बताया कि ध्वज में लंबाई चौड़ाई के साथ माप तौल और तमाम तकनीकि पहलुओं का भी ख्याल रखा जाता है। झंडा भी मुंबई से खास पॉलिस्ट का मंगवाया जाता है।


छात्रों के दिलों में देशभक्ति और राष्ट्रवाद जगाने की है मुहिम

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की अध्यक्षता में बीते गुरुवार वाइस चांसलर्स की मीटिंग हुई थी। इसमें तय किया गया कि छात्रों के मन में राष्ट्रवाद की भावनाओं और देश के सम्मान को मजबूत करने के लिए सभी 46 सेंट्रल यूनिवर्सिटीज में तिरंगा लगाया जाएगा। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि अभी लागत का अनुमान लगाया जारहा है। 2014 में दिल्ली सेंट्रल पार्क में लगाए गए 207 फुट ऊंचे तिरंगे से प्रेरित होकर स्मृति ईरानी के मंत्रालय ने यह फैसला लिया है। दिल्ली में लगाए गए झंडे की कीमत करीब 40 लाख रुपये आई थी। कांग्रेस नेता नवीन जिदंल की संस्था फ्लैग फाउंडेशन ऑफ इंडिया ने बताया कि झंडा 60 फुट चौड़ा और 90 फुट लंबा होता है। झंडे का वजन 35 किलोग्राम होता है। फाउंडेशन ने बताया कि झंडो को सूरज ढलने के बाद उतारा भी नहीं जाता है क्यो कि इनके लिए रौशनी का पर्याप्त इंतजाम किया जाता है।

Posted By: Prabha Punj Mishra