महंगाई की मार आपको अगले महीनें से फिर झेलनी पड़ सकती है। ऐसा इसलिए क्‍योंकि 40 सालों में ये पहली बार होगा जब आपको पोस्‍ट ऑफिस सेविंग पर सबसे कम इंटरेस्‍ट रेट मिले। अगर ऐसा होता है तो सबसे ज्‍यादा असर पीपीएफ सेविंग पर दिखाई देगा। बताया जा रहा है कि जुलाई क्‍वाटर में 8.7 प्रतिशत की पीपीएफ इंटरेस्‍ट रेट अब 8.1 प्रतिशत की दर पर आ सकता है।

इन तमाम स्कीम पर होगा असर
अगर सरकार स्मॉल सेविंग के इंटेरेस्ट रेट में कटौती करती है तो इ बचत स्कीम में निवेश करने वाले लोगों को सबसे ज्यादा झटका लगेगा। तमाम बचत स्कीम्स जिसपर इस कदम का असर पडे़गा वो हैं-
1. पीपीएफ जिसकी ब्याज दर 8.1 प्रतिशत होगी।
2. पांच साल की NSC जिसकी ब्याज दर 8.1 प्रतिशत होगी।
3. पांचसाल की मंथली सेविंग स्कीम (MIS) जिसकी ब्याज दर 7.8 प्रतिशत होगी।
4. सुकन्या समृद्धि खाता जिसकी ब्याज दर 8.6 प्रतिशत होगी।
5. पांच साल की सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (SCSS) जिसकी ब्याज दर 8.6 प्रतिशत होगी।

2. घटता कैश
साल 2011 में जब भात को क्राइसिस का सामना करना पड़ रहा था तब उसने एनआरआई बॉन्ड के जरीए करीब 26 अरब डॉलर एकत्रित किए थे। इस बॉन्ड का पेमेंट इसी साल होना है। ऐसे में सरकार के लिए पॉसिब्ल ही नहीं है कि वो इंटरेस्ट रेट में कटौती करें क्योंकि ऐसा करने से सिस्टम में कैश की कमी आ सकती है।

3. महंगाई दर कम करना मुश्किल
मई की रिटेल महंगाई दर 5.76 प्रतिशत है और थोक महंगाई द 0.37 प्रतिशत है जो आबीआई के हिसाब से बहुत ज्यादा है। ऐसे में शायद ही आरबीआई क्रेडिट पॉलीसी के रेट में कटौती कर पाएं। इस स्थिति में सरकार के लिए संभव नहीं है कि वो स्मॉल सेविंग स्कीम्स के इंटरेस्ट रेट घटाएं।

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Posted By: Ruchi D Sharma