सऊदी अरब मिस्र बहरीन यमन लीबिया और संयुक्त अरब अमीरात ने क़तर के साथ अपने राजनयिक संबंध तोड़ दिए हैं। ऐसे में ये जानना बेहद दिलचस्प है कि आख़िर क़तर ने ऐसा क्या कर दिया है कि बाक़ी देशों को ये पसंद नहीं आ रहा है।

दरअसल क़तर पर इन देशों ने आरोप लगाया है कि वह चरमपंथ फैलाने वाले इस्लामिक संगठनों की मदद कर रहा है, हालांकि ऐसे आरोपों से क़तर ने इनकार किया है। एक दौर ऐसा था जब क़तर खाड़ी देशों में सबसे ग़रीब था, लेकिन आज ये इलाके के सबसे अमीर देशों में शामिल है। क़तर की आमदनी का सबसे बड़ा स्रोत उसके गैस भंडार हैं।इसकी बदौलत उसने इलाके में तेजी से अपनी जगह मज़बूत की है। अफ़ग़ानिस्तान में शांति स्थापित की कोशिशों में दखल दिया है और 2022 के फ़ुटबॉल वर्ल्ड कप के आयोजन के लिए दावेदारी पेश की है।

 

भारत किधर है?
लेकिन बड़ा सवाल ये है कि क़तर पर इस पाबंदी पर भारत किधर है। ये सवाल इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत के सऊदी अरब से बेहतर रिश्ते रहे हैं। सऊदी अरब दुनिया भर में कच्चे तेल का सबसे बड़ा निर्यातक है। अबू धाबी और संयुक्त अरब अमीरात भी कच्चे तेल के सबसे बड़े निर्यातकों में शामिल हैं।

 

उधर, दूसरी ओर क़तर लिक्विफ़ाइड नैचुरल गैस का सबसे बड़ा निर्यातक है। ऐसी स्थिति में ज़ाहिर है कि भारत को मौजूदा संघर्ष तुरंत किसी का पक्ष लेने से बचना होगा। जब तक क़तर में रह रहे भारतीयों के जीवन पर बहुत ज़्यादा असर नहीं पड़े तब तक भारत के लिए संतुलित रवैया रखना ही बेहतर होगा।

International News inextlive from World News Desk

 

Posted By: Chandramohan Mishra