भारत समेत पांच ब्रिक्स देशों द्वारा गठित नव विकास बैंक एनडीबी कल शंघाई में लॉन्‍च की गई। इन दो नई नीति बैंकों के उद्घाटन से बीजिंग विश्‍व बैंक सस्‍थानों में एक मजबूत विकल्‍प के रूप में उभरकर सामने आएगा। इस दौरान विकासबैंक एनडीबी ने एशियाई निवेश इन्फ्रास्ट्रक्चर बैंक AIIB के साथ एक हॉट लाइन पेश करने का निर्णय भी लिया।


लंबे समय के इंतजार के बाद


आज पूरी दुनिया में मशहूर ब्रिक्स बैंक ब्रिक्स समूह के देशों द्वारा स्थापित की गई एक बैंक हैं। जिसको एक नए विकास बैंक के रूप में अनौपचारिक नाम ब्रिक्स से संबोधित किया जाता है। अब कल से बीजिंग में इसके उदघाटन के बाद चीन के नेतृत्व वाली एशियाई निवेश इन्फ्रास्ट्रक्चर बैंक (AIIB) की स्थापना की परियोजना पर काम होगा। जिसमें नए बैंक  ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका जैसे ब्रिक्स देशों में बुनियादी ढांचे और विकास के रूप में में उभरकर सामने आएंगे। बीजिंग में इस बैंक का उद्घाटन एक लंबे समय के इंतजार के बाद हुआ। यह प्रोजेक्ट करीब 2012 से मुख्यालय में फंडिग आदि की धीमी शुरूआत से पड़ा था। इस संबंध में NDB राष्ट्रपति कुंदापुर वामन कामथ का कहना है कि हमारा लक्ष्य किसी भी सिस्टम को चैलेंज करना नहीं है, लेकिन हम सुधार प्रणाली को एक बेहतर ढंग से अपनाकर देशों के विकास को आगे बढाने में लगे हैं। इस दौरान वह बीजिंग में चीन नेतृत्व वाली एशियाई निवेश इन्फ्रास्ट्रक्चर बैंक के साथ एक बैठक में शामिल हुए। इस दौरान NDB यानी कि नई विकास बैंक ने एशियाई निवेश इन्फ्रास्ट्रक्चर बैंक (AIIB) के साथ एक हॉट लाइन पेश करने का निर्णय लिया। परियोजनाओं की स्थिति तैयार

इसके साथ ही इस दौरान एक बिल्कुल अलग तरह के दृष्िट कोण वाले सस्ंथानों को एक साथ एक मंच पर खड़ा करने की जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई। जिसमें एक जुटता दिखाने का निर्णय लिया गया। यह समारोह शंघाई स्िथत NDB के मुख्यालय में हुआ। हालांकि इस दौरान यहां पर लोगों की संख्या काफी कम थी। जब कि इससे पूर्व में 1 जून को बीजिंग में AIIB के लिए राष्ट्रपति क्सी जिनपिंग के साथ करीब 57 देशों के प्रतिनिधि मौजूद थे। NDB राष्ट्रपति कुंदापुर वामन कामथ कहना है कि NDB करीब 50 बिलियन डॉलर की प्रारंभिक पूंजी का निवेश करने के साथ अगले साल 100 बिलियन डॉलर से विस्तार करेगी। इसके साथ ही उनका कहना है कि अगले साल अप्रैल तक हम सभी सदस्य देशों के लिए परियोजनाओं की स्थिति तैयार कर लें। जिससे की साल पहली तिमाही से रिण देने की प्रक्रिया भी शुरू हो सके। उनका मानना है कि एनडीबी के सदस्य देशों - ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका को विकास के लिए वर्तमान में संसाधनों की अधिक जरूरत है।

Hindi News from Business News Desk

Posted By: Shweta Mishra