- 450 से ज्यादा शहर में चल रहे हॉस्टल

- 10 हजार रुपये कर पुलिस कर सकती है जुर्माना

- 100 रुपये के स्टाम्प में करते हैं एग्रीमेंट

- 25 से ज्यादा इलाके शहर में किराएदारी के हब

- 70 फीसदी लोगों ने नहीं कराया टैनेंट व सर्वेट वेरीफिकेशन

- बीट सिपाही की तय होगी जिम्मेदारी, एरिया वाइज तैयार करेगा बीट सिपाही रिपोर्ट

- शहर में बिना परमिशन व सूचना के चल रहे 450 से ज्यादा हॉस्टल, पेईंग गेस्ट का फंडा

- कई बार अपराधिक घटनाओं के होने से बच निकलते है अपराधी

LUCKNOW : किराएदार व घरेलू नौकर के सत्यापन की परंपरा पुरानी है, बावजूद इसके न तो पुलिस इसे पूरी तरह फालो करा सकी और न ही मकान मालिक गंभीरता से लेते हैं जबकि कई अपराधिक मामले में इसकी चूक साफ देखने को मिली है। एक बार फिर कमिश्नरी सिस्टम के लागू होने के बाद वेरीफिकेशन सिस्टम मजबूती से लागू किया जा रहा है। अब सिपाही घर-घर जाकर न केवल इसे फालो कराएंगे बल्कि अपने रिकार्ड में दर्ज करेंगे कि उनके एरिया में कहां कहां हॉस्टल चल रहे हैं। किस मकान में किराएदार रह रहे और वह मूलरूप से कहां के रहने वाले हैं।

केस वन-

नौकर के इशारे पर हुई थी डकैती

इंदिरानगर में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के पूर्व अध्यक्ष राजकिशोर यादव के घर डकैती में नौकर की भूमिका सामने आई थी। पूर्व अध्यक्ष व उनकी बेटी को बंधक बनाकर बदमाशों ने लूटपाट की थी। नौकर ने ही बदमाशों को सूचना देने के साथ रेकी भी की थी, जिस नौकर ने वारदात में मदद की थी उसका पुलिस वेरीफिकेशन नहीं कराया था।

केस दो

ट्रॉमा में भर्ती है छात्रा

चिनहट के वासुदेव नगर में ग‌र्ल्स हॉस्टल में छात्रा काव्या उर्फ पूजा का गला रेत दिया गया था। इस घटना के बाद पुलिस को पता चला कि मकान में ग‌र्ल्स हॉस्टल चल रहा है। इसकी सूचना न तो थाने में दी गई और न ही सिक्योरिटी के लिए कोई सुरक्षा मुहैया कराई गई। हमलावर अभी फरार है जबकि छात्रा काव्या ट्रॉमा सेंटर में भर्ती है।

केस तीन

किराये के मकान में ठहरा था आतंकी

आतंकी सैफुल्लाह ने भी किराएदार बनकर ठाकुरगंज की हाजी कॉलोनी में ठिकाना बना रखा था। वह लंबे समय से यहां रहकर आंतकी गतिविधियों में एक्टिव था। मकान मालिक ने उसे रखने के बाद न तो उसका वेरीफिकेशन कराया था और न ही पुलिस को सूचना दी थी। मार्च 2017 में एटीएस केऑपरेशन में सैफुल्लाह मारा गया था।

केस चार-

महिला की गला रेतकर हत्या

तीन साल पहले हजरतगंज के भोपाल हाउस में एक बुजुर्ग की लूट के बाद हत्या के मामले में नौकरों की भूमिका सामने आई थी। इसी दौरान नवल किशोर रोड पर एक बुजुर्ग महिला की गला रेतकर हत्या के मामले में भी नौकर की संलिप्तता पाई गई।

देना होगा किराएदार का डाटा

शहर में 70 फीसदी मकान मालिकों के घरों में रहने वाले किराएदारों का न तो पुलिस के पास कोई डाटा है और न ही वेरिफिकेशन कराया गया। वहीं इन किरायेदारों को मकान दिलाने में एजेंट का बहुत बड़ा रोल होता है जबकि इसके लिए उनके पास लाइसेंस तक नहीं होता है। इतना ही नहीं वह भी जिस व्यक्ति को मकान किराये पर दिलाते हैं उसकी डिटेल उनके पास नहीं होती है।

तेजी से फल फूल रहा धंधा

हरदोई और फैजाबाद रोड पर हॉस्टल का धंधा तेजी से पनप रहा है। अपने आलीशान मकानों में लोगों ने हॉस्टल खोल दिए हैं। एक कमरे के यहां तीन से चार हजार रुपए महीने वसूला जा रहे हैं। कुछ लोगों ने प्लॉट खरीदकर हॉस्टल बनाने का काम भी शुरू कर दिया है।

बीट सिपाही को सौंपी गई जिम्मेदारी

थाना स्तर पर किरायेदार वेरिफिकेशन की जिम्मेदार बीट सिपाही को सौंपी गई है। उनके एरिया में कौन-कौन से हॉस्टल चल रहे है, कितने मकानों में किराएदार रह रहे हैं, वह किराएदार कहां के रखने वाले है और क्या काम करते हैं। ऐसे तमाम बिंदुओं पर रिपोर्ट तैयार कर थाने को उपलब्ध कराएंगे।

चिनहट व नरही बड़ी मंडी

चिनहट और नरही भी हॉस्टल की बड़ी मंडी है। यहां बड़े पैमाने पर हॉस्टल खुले हैं। डालीगंज, नरही, निशातगंज में कमरा मिलना मुश्किल है। केवल स्टूडेंट्स ही नहीं दूसरे जिलों से आकर नौकरी करने वालों को भी अच्छा ठिकाना नहीं मिल रहा है। वह भी हॉस्टल तलाश रहे हैं।

सरकारी विभागों को लगा रहे चूना

इन हॉस्टल्स का न तो एलडीए से मैप अप्रूव्ड है और न ही इसका कामर्शियल टैक्स अदा कर रहे हैं। मोटी इनकम होने के बावजूद मकान मालिक इस अमाउंट को अपने रिटर्न में भी नहीं शो कर रहे हैं। एक ओर तो यह लोग स्टूडेंट की मजबूरी का फायदा उठा रहे हैं वहीं दूसरी तरफ सरकारी विभागों को चूना भी लगा रहे हैं।

यह है सत्यापन के नियम

- ऑनलाइन और ऑफलाइन करा सकते हैं वेरिफिकेशन

- सत्यापन के लिए यूपी कॉप एप की भी दे सकते हैं मदद

- पुलिस ऑफिस में सिंगल विंडो से भी कर सकते हैं अप्लाई

- बिना वेरिफिकेशन किरायेदार को रखने पर दस हजार का है जुर्माना

- वेरिफिकेशन ना कराने पर सजा का है प्रावधान

Posted By: Inextlive