संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार 7.7 प्रतिशत की अनुमानित विकास दर के साथ भारत ना सिर्फ चीन की जीडीपी को पीछे छोड़ देगा बल्कि साउथ एशिया की इकॉनामिक ग्रोथ को तेज करने में भी मदद करेगा.


संयुक्त राष्ट्र की एक ताजा रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मौजूदा वित्तीय वर्ष में भारत की आर्थिक विकास दर (जीडीपी) चीन से आगे निकल जाएगी. 2016 में देश की विकास दर 7.7 फीसद पहुंच सकती है. इसमें यह भी कहा गया है कि भारत अपने साथ-साथ दक्षिण एशिया की आर्थिक वृद्धि को बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. यूनाइटेड नेशंस इकोनॉमिक सिचुएशन एंड प्रास्पेक्टस (वेस्प) ने मंगलवार को मौजूदा वित्तीय वर्ष (2015-16) के मध्य में ही यह रिपोर्ट जारी कर कहा है कि भारत का जीडीपी इस वर्ष 7.6 फीसद और 2016 में 7.7 फीसद रहने की संभावना है. वहीं चीन के बारे में उसका अनुमान है कि वर्ष 2015 में उसके जीडीपी का प्रतिशत 7 रहेगा, जबकि अगले वर्ष घटकर 6.8 फीसद पर पहुंच जाएगा.  
रिपोर्ट में कहा गया है कि आर्थिक दृष्टिकोण से दक्षिण एशिया के लिए यह बहुत अनुकूल है. निर्यात और घरेलू खपत व निवेश में बढ़ोतरी के कारण 2015-16 में दक्षिण एशिया की भी आर्थिक विकास दर अच्छी रहने की संभावना है. इस क्षेत्र की जीडीपी 2015 में 6.7 और 2016 में 6.9 फीसद तक पहुंच जाएगी. पिछले वर्ष दक्षिण एशिया की जीडीपी 6.3 फीसद थी. रिपोर्ट में यहां तक कहा गया है कि इसका सबसे ज्यादा असर भारत में देखने को मिलेगा. यही नहीं अनिश्चितताओं के बावजूद पाकिस्तान और ईरान की आर्थिक विकास दर में थोड़े सुधार की संभावना देखी जा रही है.

Hindi News from Business News Desk

Posted By: Molly Seth