अरुण जेटली मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में थोड़े समय के लिए दो बार रक्षा मंत्री रहे। रक्षा मंत्री के अपने छोटे कार्यकाल में जेटली ने बड़े सैन्य सुधारों की नींव डाली।


नई दिल्ली (पीटीआई)। अरुण जेटली ने अपने रक्षा मंत्री के दो छोटे कार्यकाल में काफी समय से लंबित पड़े रक्षा सुधारों को हरी झंडी दी। उनके फैसलों और नीतियों की वजह से भारत सैन्य निर्माण की ओर अग्रसर हुआ। नरेंद्र मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में जेटली ने दो बार थोड़े-थोड़े समय के लिए रक्षा मंत्रालय का प्रभार संभाला। एक बार गोवा के सीएम मनोहर पर्रिकर से पहले 26 मई से 9 नवंबर, 2014 तक और दूसरी बार मनोहर पर्रिकर के रक्षा मंत्रालय छोड़कर दोबारा गोवा के सीएम बनने के बाद 14 मार्च, 2017 से सितंबर से 7 सितंबर, 2017 तक। इसके बाद निर्मला सीतारमण ने इस मंत्रालय का कार्यभार संभाला।प्राइवेट कंपनियों के खोले रक्षा क्षेत्र
जेटली के कार्यकाल में रक्षा मंत्रालय ने बड़े सुधार प्रारंभ किए। सैन्य क्षेत्र में अधिग्रहण के साधारण नियम सहित बड़े सुधारों को हरी झंडी दी गई। उनका सबसे महत्वपूर्ण निर्णय था भारत को सैन्य निर्माण के हब के रूप में विकसित करना। उन्होंने इसकी शुरुआत मई 2017 में काफी समय से लंबित पड़ी रणनीतिक साझेदारी को हरी झंडी दिखाकर की। इस नीति के तहत कुछ प्राइवेट भारतीय कंपनियों को विदेशी कंपनियों के साथ मिलकर सैन्य साजोसामान जैसे पनडुब्बियां, फाइटर जेट, हेलीकाॅप्टर, टैंक और अन्य बख्तरबंद सैन्य वाहन भारत में ही बनाने की इजाजत दी गई।सशस्त्र सेनाओं के लिए बड़े सुधारइस नीति के तहत पिछले साल पहला प्रोजेक्ट फाइनल किया गया। इसके तहत भारतीय नौसेना 21,000 करोड़ रुपये के 111 यूटिलिटी हेलीकाॅप्टर खरीदेगी। रक्षा मंत्री रहते जेटली ने अगस्त 2017 में भारतीय सेना के लिए 65 सुधारों को मंजूरी दी। इनमें 57,000 सैन्य अफसर और अन्य रैंक के सैन्य कर्मियों के रिडिप्लाॅइमेंट शामिल थे। जब उनसे इस बारे में पूछा गया तो उनका कहना था कि आजादी के बाद पहली बार सेना में इतने बड़े सुधार किए गए हैं।सेनाओं की मारक क्षमता बढ़ाकर दी मजबूतीरक्षा मंत्री रहते जेटली ने सेना, नौसेना और वायुसेना की मारक क्षमता बढ़ा कर उन्हें मजबूती प्रदान करने पर जोर दिया। इन बदलावों को रीजनल सिक्योरिटी मैट्रिक्स और जियो पाॅलिटिकल डाइनाॅमिक्स को ध्यान में रखकर किया गया। बतौर वित्त मंत्री अपने 2018-19 के बजट में जेटली ने घरेलू सैन्य उत्पादन बढ़ाने के लिए दो सैन्य कोरिडोर स्थापित करने का प्रस्ताव दिया था। उन्होंने नौ सेना और वायु सेना में महत्वपूर्ण सुधारों के लिए मंजूरी प्रदान की।

Posted By: Satyendra Kumar Singh