राजधानी के चार कारोबारियों के यहां बीते चार दिनों से जारी छापेमारी रविवार को अरबों रुपये की काली कमाई के सबूत मिलने के बाद खत्म हो गयी।

- बिल्डर के ठिकाने पर छापेमारी में अफसरों और नेताओं की काली कमाई की भूमिका की जांच
- सीए पर भी कसा आयकर विभाग का शिकंजा, कारोबारियों की संपत्तियां होंगी जब्त, जाएंगे जेल
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LUCKNOW: आयकर विभाग ने करीब दो सौ करोड़ रुपये की काली कमाई के प्रमाण जुटाए हैं, जिसके बाद इन कारोबारियों की संपत्तियों को जब्त करने और उन्हें जल्द जेल भेजने की तैयारी में है। खास बात यह है कि छापेमारी की जद में आए एक बिल्डर एवं सरकारी ठेकेदार करीब सौ करोड़ रुपये के लेन-देन का हिसाब नहीं दे सके। साथ ही इस मामले में कई नेताओं और अफसरों की भूमिका भी आयकर की जांच के दायरे में आ चुकी है। आयकर विभाग ने उनके  चार्टर्ड एकाउंटेंट पर भी अपना शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। उनके खिलाफ करीब 150 करोड़ की कर चोरी का मामला बन रहा है।
नहीं आया फैक्ट्री का कोई दावेदार
आयकर विभाग के प्रधान आयकर निदेशक (जांच) कुमार अमरेंद्र ने बताया कि शेयर ब्रोकिंग फर्म मेसर्स फेयर इंवेस्टमेंट ने भी करोड़ों रुपये की बोगस लांग टर्म इंवेस्टमेंट गेन की धोखाधड़ी अंजाम दी है। वहीं एक पान मसाला की फ्रेंचाइजी चलाने वाले कारोबारी 25 करोड़ रुपये के लेन-देन का हिसाब देने में नाकाम रहे हैं। छापेमारी में उनकी कई बेनामी संपत्तियों का भी पता चला है। इसी तरह राजधानी के मशहूर मिठाई विक्रेता के ठिकानों पर हुई छापेमारी में भी करोड़ों रुपये की कर चोरी के प्रमाण मिलने के बाद उनके खिलाफ कानून का शिकंजा कसा जा रहा है।
आपराधिक मामला दर्ज करने की तैयारी
अमौसी इंडस्ट्रियल एरिया में बेनामी पान मसाला फैक्ट्री पर छापेमारी में करीब 70 करोड़ का माल जब्त किया गया है। हैरत की बात यह है कि अभी तक फैक्ट्री का कोई दावेदार सामने नहीं आया है। छापेमारी में टैक्स चोरी के लिए तमाम फर्जी दस्तावेज तैयार करने के प्रमाण भी आयकर विभाग को मिले है। फिलहाल आयकर विभाग इन कारोबारियों की संपत्तियों को जब्त करने और उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की तैयारी में है।

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Posted By: Shweta Mishra