अधूरे हैं कई प्रोजेक्ट, कैसे होगा विकास
- आईनेक्स्ट की नाइसिल प्रेजेंट गर्मी लगी क्या कैम्पेन सदर एसडी व जीटीबी में किया गया।
मेरठ- मेट्रो आती तो शायद जाम से मुक्ति मिल जाएगी। स्मार्ट मीटर, साइकिल टै्रक और हाईस्पीड ट्रेन का सपना सबकुछ अधूरा है। मंगलवार को आईनेक्स्ट के नाइसिल प्रेजेंट गर्मी लगी क्या कैम्पेन का आयोजन सदर एसडी ब्वॉयज इंटर कॉलेज व गुरुतेग बहादुर पब्लिक स्कूल में किया गया। जहां शहरवासियों ने अधूरे प्रोजेक्ट्स को लेकर चर्चा की व अपने सुझाव भी दिए। फ्लाईओवर हैं अधूरेएसडी सदर ब्वॉयज इंटर कॉलेज में चर्चा के दौरान शिक्षक हरेंद्र चौधरी व गौरव सिंघल ने फ्लाईओवर का मुद्दा उठाया। उनका कहना था कि शहर में फ्लाईओवर बनाने का काम अधूरा है। जिसे काफी समय से अधूरा छोड़ा हुआ है, ऐसे में ये प्रोजेक्ट जल्द से जल्द पूरा होना चाहिए, जिसकी नई सरकार से उम्मीद है। वहीं गौरव ने कहा कि जाम पर काबू के लिए रेड लाइटिंग की व्यवस्था को सुधारने का प्रोजेक्ट भी था जो अधूरा है।
सीवर बिछाने का काम है अधूराजीटीबी स्कूल में चर्चा के दौरान अंजिल शर्मा ने कहा कि सीवर बिछाने का काम पूरा नहीं हुआ है। जिसके चलते ऐसे हालात है कि घंटाघर जैसे चौराह पर पानी की बर्बादी होती है। पंकज ने कहा कि साइकिल टै्रक का काम अधूरा है। इसके साथ ही टै्रक के अलावा रेल लाइन डबल होनी थी जो नहीं हो पाई है।
ये भी आए प्वाइंट - नई सरकारों में जल्द बनना चाहिए साइकिल टै्रक - जाम से छुटकारे के लिए जरुरी है फ्लाईओवर बनवाए जाए। - नेशनल हाईवे के साथ ही सर्विस रोड नहीं बनी है, जो बननी चाहिए। -गंगाजल परियोजना का काम भी अधूरा ही है। - घर-घर से कूड़ा उठाने की नगर निगम की स्कीम फेल हो चुकी है। - शहर को एलईडी लाइटों से रोशन करने का काम अधूरा है। - मैट्रो ट्रेन का सपना अधूरा ही है। - एयरपोर्ट का प्रोजेक्ट भी अधूरा पड़ा है। क्या कहते हैं शहर में साइकिल टै्रक, मैट्रो ट्रेन, गंगाजल परियोजना कई सारे प्रोजेक्ट अभी अधूरे हैं, जिनको लेकर काम होना बाकी है। -बीबी बंसल, प्रिंसिपल, एसडी सदर रोडवेज के बस अड्डे को शिफ्ट करने की बात हो रही थी। जिसके नाम पर यहां पुराना बस अड़्डा भी तोड़ दिया गया है। रमा सक्सेना, शिक्षक, एसडी सदरएलईडी लाइट से शहर जगमगाएगा इसका सपना दिखाया गया था। लेकिन अभी तक कोई एलईडी लाइट नहीं लगाई गई है।
कुसुम, शिक्षक एसडी सदर सीवर लाइन बिछाने का व गंगाजल परियोजना का काम बीच में ही अधूरा पड़ा है। उम्मीद है नई सरकार इसपर काम करेगी। अंजिल शर्मा, शिक्षक, जीटीबी साइकिल टै्रक, मैट्रो, एयरपोर्ट, स्मार्ट मीटर सभी प्रोजेक्ट् अधूरे ही पड़े हैं। यहां कागजों पर प्रोजेक्ट घुम रहे हैं, जमीनी हकीकत पर तो अधूरे हैं। विशाल गौड़, शिक्षक, जीटीबी