प्राधिकरण बना रहा योजना, आरएएफ के रिस्पांस का इंतजार

शताब्दीनगर और लोहियानगर में खड़े हैं आधे-अधूरे समाजवादी आवास

Meerut। आधे-अधूरे बने समाजवादी आवास अब निजी बिल्डर्स को बेंचे जाएंगे। प्राधिकरण जल्द ही इस प्रस्ताव का अमली जामा पहनाने जा रहा है। शताब्दीनगर और लोहियानगर दो आवासीय इकाइयों में पूर्व सपा सरकार के दौरान समाजवादी आवास योजना के तहत मल्टीस्टोरी बिल्डिंग का निर्माण कराया था। जो सरकार के जाने के बाद आधे-अधूरे पड़े हैं। एमडीए अब इन आवासों का खरीदार तलाश रहा है।

मेरठ में बनाने थे 3 हजार आवास

वर्ष-2015 के तत्कालीन सपा सरकार ने बेसहारा और बेघरों के लिए समाजवादी आवासी योजना लांच की थी। योजना के तहत गरीब शहरवासियों के लिए सस्ते और सुलभ आवास मुहैया कराने के लिए करीब 3 हजार आवासों के निर्माण का प्रस्ताव था। जिनमें से मेरठ विकास प्राधिकरण ने शताब्दीनगर आवासीय योजना में 575 और लोहियानगर आवासीय योजना में 305 आवासों का निर्माण शुरू किया था। 57 वर्ग मीटर में बनाए गए इन मल्टीस्टोरी आवासों की कीमत 22.5 लाख रुपए रखी थी। आलम यह रहा कि इस योजना का प्राधिकरण ने जमकर प्रसार किया किंतु एक भी खरीदार नहीं मिला। वहीं दूसरी ओर वर्ष-2017 में सरकार बदलने के बाद समाजवादी आवास योजना पर प्रदेशभर में रोक लग गई और आधे-अधूरी हाईराइज बिल्डिंग में मेरठ समेत सूबे के विभिन्न प्राधिकरणों का अरबों रुपया फंस गया।

आरएएफ ने जताई थी इच्छा

गत दिनों मेरठ विकास प्राधिकरण द्वारा शताब्दीनगर में बनाए गए समाजवादी आवास की खरीद की इच्छा सीआरपीएफ की रैपिड एक्शन फोर्स शाखा ने जाहिर की थी। मुख्यालय के स्तर पर आरएएफ ने यहां सैनिकों के लिए करीब 3000 फ्लैट और विभिन्न कार्यालयों के लिए योजना की जमीन के लिए एमडीए को प्रस्ताव भेजा था। जिसपर प्राधिकरण ने समाजवादी आवास समेत योजना की भूमि के आवंटन और संभावित बजट को लेकर आरएएफ के साथ पत्राचार शुरू कर दिया है। हालांकि अभी तक आरएएफ की ओर से प्राधिकरण को इस संबंध में बड़ा अपडेट नहीं मिला है।

बिल्डर्स को बेचेंगे आवास

एमडीए के चीफ इंजीनियर दुर्गेश श्रीवास्तव ने बताया कि प्राधिकरण समाजवादी आवास योजना के तहत निर्मित मकानों को प्राइवेट बिल्डर्स को बेंचा जाएगा। प्राधिकरण आरएएफ के रिस्पांस का इंतजार कर रहा है। आगामी वित्तीय वर्ष से पहले प्राधिकरण बल्क सेल की प्रक्रिया को पूर्ण कर लेगा। इस संबंध प्राधिकरण शहर के कुछ बिल्डर्स के साथ संपर्क में है और जल्द ही बल्क सेल प्रक्रिया को आरंभ कर देगा। 'जहां है, जैसा है' की तर्ज पर इन मल्टीस्टोरी बिल्डिंग की बिक्री होगी। इसके अलावा शताब्दीनगर में ही स्थित एमडीए उपाध्यक्ष के निर्माणाधीन आवास की बिक्री के लिए प्राधिकरण खरीदार तलाश रहा है।

आगामी वित्तीय वर्ष से पूर्व निर्माणाधीन समाजवादी आवासों की बिक्री प्रक्रिया को पूर्ण कर लिया जाएगा। आरएएफ की ओर से रिस्पांस न मिलने पर इन आवासों को प्राइवेट बिल्डर्स को बेचा जाएगा। इस संबंध में प्राधिकरण प्रस्ताव बना रहा है।

दुर्गेश श्रीवास्तव, चीफ इंजीनियर, एमडीए

Posted By: Inextlive