- गंगा जलस्तर बढ़ने से किनारों का कटान शुरू, मेला क्षेत्र हुआ पानी-पानी

Mawana : काíतक पूíणमा पर मखदूमपुर गंगा घाट पर लगने वाले पांच दिवसीय मेले के शुभारंभ में मात्र एक दिन शेष है, मगर गंगा के बढ़े जलस्तर ने आधी अधूरी तैयारियों में पलीता लगा दिया है। अचानक बढे़ जलस्तर से जहां घाट के किनारों पर तेजी से कटान हो रहा है, वही घाट तक पहुंचाना भी इस बार श्रद्धालुओं के लिए टेढ़ी खीर साबित हो सकता है। हालांकि ¨जप प्रशासन सभी तैयारी पूरी करने का दावा कर रहा है। इतना ही नही जल किनारे लांघ कर श्रद्धालुओं के लिए तैयार किया जा रहे ठहरने वाले स्थान पर पहुंच चुका है। इसे लेकर ठेकेदार की धड़कन बढ़ गई वही मेले की तैयारियों मे जुटे अधिकारियों की भी सांसे अटकी है। तैयारियों को दोबारा से अमली जामा पहनाने का प्रयास किया जा रहा है। ऐसा लगता है कि मखदूमपुर मेला इस बार कही रस्म अदायगी बनकर न रह जाए।

38 लाख में ठेका

काíतक पूíणमा पर प्रतिवर्ष की भांति मखदूमपुर गंगा मेला नजदीक आते ही जिला पंचायत तैयारियों मे जुटा है। इस बार मेले का ठेका 38 लाख रुपये में छोड़ा गया है। मेले मे श्रद्धालुओं के पहुंचने के लिए ¨रग रोड़ के अलावा मुख्य मार्ग को बनवाया जा रहा है। दो सैक्टर में बाट कर मेला लगाया जा रहा है, मगर मंगलवार रात अचानक गंगा का जलस्तर बढ़ने से गंगा का जल किनारा लांघकर मेला क्षेत्र में पहुंच गया। इससे बनाई गई ¨रग रोड़ को अपने साथ समेट कर ले गया, जिससे मेले के मार्ग अस्तव्यस्त हो गये।

सिर्फ एक दिन बाकी

मेले का एक दिन शेष रहने के बावजूद जिला पंचायत अध्यक्ष मनिदंर पाल ने एक बार ही मेले की तैयारियों का जायजा लिया है। जबकि हर बार वे शुभारंभ तक कई बार पहुंच कर मेले की तैयारियोंका जायजा लेकर प्रेस को ब्री¨फग भी करते थे, मगर इस बार उनका मेले से मोह भंग होता दिखाई दे रहा है। गंगा का जलस्तर बढ़ने के बाद पानी मे बही सड़कों को ठेकेदार मजदूरों को दबोरा लगाकर ¨रग रोड़ तैयार करा रहे है। वही मजदूर बिजली की व्यवस्था मे जुटे है। मेले स्थल पर मौजूद अपर मुख्य अधिकारी नूतन शर्मा ने इंजीनियर व ठेकेदार को मेले की व्यवस्था को शीघ्र दुरस्थ कराने के निर्देश दिये है।

करनी होगी मशक्कत

हर बार गंगा के अंदर और स्नान घाट के काफी दूर तक टीन की बैरिके¨टग की जाती थी, इस बार भी हुई, मगर गंगास के रौद्र रुप ने देखते ही देखते सब कुछ अपनी आगोस में समेट लिया और छोड़ा तो वहा केवल कचरा और पानी। इसे देखकर जहां अधिकारियों के होश उडे़ है वही ठेकेदार की भी रात और दिन की नींद उड़ी है। स्नान घाट तक काफी जल होने के चलते इस बार श्रद्धालुओं को सुृरक्षित स्थान के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ सकती है।

पीछे हटाया गेट

मुख्य द्वार भी पीछे हटाया जहां मेले का मुख्यद्वार लगाया गया था अब घाट से आगे तक पानी भरने के कारण वहां से पीछे हटाया जा रहा है, ताकि श्रद्धालु वही से अपना वाहन सुरक्षित और सूखे स्थान पर ले जा कर अपना आशियाना बना सके। इसके लिए मुख्य मार्ग समेत दो र्सिवस रोड भी रातों-रात तैयार करने में मजदूर जुटे है।

Posted By: Inextlive