Allahabad: खुद नेशनल जिम्नास्टिक चैम्पियनशिप में गोल्ड मेडल जीत चुके थे. जॉब के चलते स्पोट्स से दूरी बन चुकी थी. लेकिन करीब 16 साल पहले आबकारी विभाग के ऑफिसर के भीतर के खिलाड़ी का जोश भारी पड़ गया और तय किया कि इंडिया में जिम्नास्ट तैयार करेंगे. सिर्फ तैयार नहीं बल्कि विश्व को इस खेल में चुनौती देंगे. राह आसान नहीं थी और सपोर्ट करने वाला भी कोई नहीं था. फिर भी जिद नहीं छोड़ी. लगातार मेहनत और खेल के प्रति डिवोशन ने दस साल बाद ही रंग दिखाना शुरू कर दिया. लेकिन कामयाबी का रंग गाढ़ा हुआ कामनवेल्थ गेम्स और एशियाड में पदक मिलने से. अब एक ही सपना शेष है. भारतीय जिम्नास्ट ओलंपिक में कमाल दिखाएं और मेडल जीतें. इस डिवोटेड गुरु का नाम है डॉ. यूके मिश्रा और इसी के चलते सैटरडे को उन्हें राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने देश का सर्वोच्च खेल प्रोत्साहन पुरस्कार प्रदान किया. डॉ. मिश्रा को पुरस्कार मिलने से एक बार फिर इलाहाबादियों का सीना फख्ऱ से चौड़ा हो गया है.

लेकिन इलाहाबाद नहीं छोड़ाबलिया जिले के जापलिनगंज में 31 जनवरी 1945 में जन्मे डॉ मिश्रा मूलरूप से फैजाबाद के रहने वाले हैं। 1985 में इलाहाबाद आए डॉ। मिश्रा एक्साइज डिपार्टमेंट में कमिश्नर पद से रिटायर्ड हुए थे। उन्होंने 1965 में ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी और 67 में नेशनल चैम्पियनशिप जीती थी।  इसी साल सोनभद्र में स्वास्थ्य मंदिर जिम खोला जो आज भी चल रहा है। 1991 में इलाहाबाद में नेशनल स्पोट्र्स एकेडमी स्थापित की जो आज की डेट में देश में जिमनास्टिक की बेस्ट एकेडमी मानी जाती है। 22 सालों में इस एकेडमी के जिनास्ट्स  कुल 1543 इंटरनेशनल और नेशनल मेडल हासिल कर चुके हैं. 

तब लोगों ने कहा था दिमाग खराब हो गया है

डॉ। मिश्रा कहते हैं कि 60 के दशक में जिमनास्टिक को प्रमोट करने के लिए छोटा सा जिम शुरू किया तो लोगों ने कहा, दिमाग खराब हो गया है लड़के का। इसे न अपनी लाइफ की चिंता है और न ही फैमिली की। यहीं से दिल में आवाज उठी, कुछ कर दिखाना है और करता चला गया। यह सोचे बिना कि मुझे नफा या नुकसान कितना होगा। नतीजा आज सबके सामने है।

I like challenges  

यूके मिश्रा का कहना है कि जब तक जिंदगी में कोई कठिनाई न हो, आदमी के अंदर लडऩे की आदत नहीं आती। मैने जिमनास्टिक में कदम रखा तो लोगों ने मुझे सिरफिरा कहा। लोगों का कहना था कि इस गेम में तो देश में कुछ नहीं हो सकता है। मैनें इस चैलेंज को एक्सेप्ट किया और जुट गया कोशिशों में। एक वो दिन था और एक आज का दिन है। इंडियन जिम्नास्ट्स का देश भर में डंका बज रहा है. 

डॉ मिश्रा के प्रयासों का नतीजा

-1991 में इलाहाबाद में हुई नेशनल स्पोट्र्स एकेडमी की स्थापना

-अक्टूबर 1992 में इलाहाबाद में आयोजित हुई छठीं नेशनल जिम्नास्टिक चैम्पियनशिप

-यहां से ट्रेनिंग लेने वाले खिलाडिय़ों को मिल चुना है 280 इंटरनेशनल मेडल

-1263 नेशनल पदक जीत चुके हैं यहां से निकलने वाले जिम्नास्ट

-कॉमनवेल्थ और एशियन गेम्स में इंडिया को मेडल दिलाने वाले आशीष चौरसिया इसी एकेडमी से निकले हैं

जिम्नास्टिक को प्रमोट करने के लिए किया

Goodwill Gymnastics instiution at kanpur 1964

Swasthya Mandir at Virbhadra, Dehradoon   1968

Hanuman Gymnasium at HBTI kanpur 1974

National sports Academy, Khelgaon           1999

Allahabad Gymnastics hall at ALLAHABAD 1992

Indoor Sports Stadium at Kkelgaon completed 2005

Khelgaon Public School, 2007 

Profile

Name Dr। UK Mishra

Date of birth 31 Jan- 1945 Ballia (Japllinganj)

Qalification Msc, M tech & Phd  in biochemical engeeniering from HBTI Kanpur

Job Rtd comm। Excise 

Player Gymnastic 

Chmpionship  

1- Became champion of All India Inter University Gymnastic championship in 1965

2- Won the Gold medal in National Gymnastic championship -1967


Posted By: Inextlive