भारत बनाम इंग्लैंड के बीच पुणे में खेला गया पहला वनडे क्रुणाल पांड्या के लिए यादगार बन गया। हार्दिक के भाई क्रुणाल का यह डेब्यू वनडे था और उन्होंने पहले ही मैच में रिकाॅर्डतोड़ अर्धशतक लगाया। मैच के बाद क्रुणाल ने बताया कि वह ड्रेसिंग रूम में अपने पिता की एक निशानी लेकर आए थे।

पुणे (एएनआई)। क्रुणाल पांड्या ने मंगलवार को इंग्लैंड के खिलाफ तीन मैचों की सीरीज के पहले मैच में अपने वनडे करियर की शुरुआत की। क्रुणाल ने इस मैच में अर्धशतक लगाया और एक विकेट भी लिया। इस पारी को उन्होंने अपने दिवंगत पिता को समर्पित किया। क्रुणाल के पिता आज भले उनके बीच नहीं है मगर इस खिलाड़ी ने डेब्यू मैच से पहले ड्रेसिंग रूम में अपने पिता की एक निशानी को अपने पास रखा। BCCI की आधिकारिक वेबसाइट पर पोस्ट किए गए वीडियो में क्रुनाल अपने भाई हार्दिक से कहते हैं, 'सपने सच होते हैं, मैंने यहां आने के लिए बहुत मेहनत की है। यह सब मेरे पिता को समर्पित है। यह उनके आशीर्वाद के वजह से हुआ है। यह आपके और मेरे लिए एक भावुक पल है। आसमान में कहीं से वह देख रहे होंगे और आज बहुत खुश होंगे।'

क्रुणाल बोले- बहुत मेहनत की है यहां आने के लिए
क्रुणाल ने आगे कहा, 'मैं रिजल्ट के बारे में सोचकर काम नहीं कर रहा हूं, हाल ही में मेरा ध्यान इस बात पर गया है कि मैं खुद कैसे बेहतर हो सकता हूं और मैं एक इंसान के रूप में कैसे सुधार कर सकता हूं। जो मुझे मिला है, इसके पीछे बहुत मेहनत की गई है। आशीर्वाद वहां है, मैं अधिक सुरक्षित महसूस करता हूं। हमारे पिता का 16 तारीख को सुबह निधन हो गया था। मैं सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी खेल रहा था। हमारे पिता को सब कुछ तैयार रखने की आदत थी, उनके जूते, उनकी पैंट और उनकी टोपी। इस मैच से पहले, मैं यहां पिता जी की निशानी के रूप में उनका बैग लाया था और उसे ड्रेसिंग रूम में रखा था।'

हार्दिक का आउट होने का नहीं है अफसोस
क्रुणाल ने डेब्यू पर 58 रन बनाए, लेकिन उनके भाई हार्दिक बल्ले से अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए। वह सिर्फ एक रन बना पाए। हालाँकि, हरफनमौला खिलाड़ी ने अपने बड़े भाई क्रुणाल की तारीफ की और कहा, 'मुझे खुशी है कि मैं जल्दी आउट हो गया। मैं बाहर बैठा था और यही सोच रहा था। मैंने बीच मैदान में कुछ खास देखा। क्रुणाल ने अच्छी बैटिंग की और वह अपने साथ पिता का बैग लाया था। यह अब हमेशा हमारे साथ रहेगा। यह आपके लिए है डैड। आपकी याद आएगी।'

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari