भारत बनाम इंग्लैंड के बीच टेस्ट सीरीज की शुरुआत अगले महीने से शुरु होगी। भारतीय खिलाड़ी छुट्टी मनाकर एक जगह इकठ्ठा हो गए। गुरुवार को टीम इंडिया में कोरोना संक्रमण का मामला सामने आने के बाद हड़कंप मच गया मगर ईसीबी का कहना है कि वह सीरीज के लिए सख्त बायो बबल नहीं बनाएगी।

लंदन (पीटीआई)। ईसीबी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी टॉम हैरिसन ने गुरुवार को कहा कि आगामी भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज के लिए चार अगस्त से शुरू हो रहे मुकाबले से पहले दोनों टीमों में कोविड-19 के कई मामले होने के बावजूद कोई सख्त बायोबबल नहीं लगाया जाएगा।
डरहम में अपने अभ्यास मैच से पहले भारतीय खेमे में दो सकारात्मक मामलों का पता चला था, जबकि इंग्लैंड को श्रीलंका के खिलाफ पिछली श्रृंखला के बाद टीम में कई सकारात्मक मामले मिलने के बाद पाकिस्तान के खिलाफ श्रृंखला में एक बैक टीम को मैदान में उतारना पड़ा था। इसके बावजूद ईसीबी इसे हल्के में ले रही है।

कोविड के साथ रहना सीखना होगा
हैरिसन को लगता है कि खिलाड़ियों और अन्य हितधारकों को COVID-19 के साथ रहना सीखना होगा। क्रिकबज ने हैरिसन के हवाले से लिखा, "हम एक अलग माहौल में 12 महीने पहले या छह महीने पहले भी वास्तव में इस संबंध में हैं कि हम कोविड से कैसे निपटते हैं। हम वास्तव में यह सीखने की कोशिश कर रहे हैं कि हम इसके साथ कैसे रह सकते हैं और बायो बबल के बिना भी लोगों को कैसे सुरक्षित रखा जाए।' हैरिसन ने आगे कहा, "दोनों के बीच एक बड़ा अंतर है। खिलाड़ी जैव-सुरक्षा और बुलबुले से तंग आ चुके हैं और उस भाषा का उपयोग करने के लिए हम इतने अभ्यस्त हो गए हैं। खिलाड़ियों के मानसिक स्वास्थ्य पर इसका इतना हानिकारक प्रभाव पड़ा है, वे परिवारों से दूर हैं। बस आगे चलकर उस तरह के वातावरण को संचालित करने में सक्षम नहीं है।'

भविष्य में ऐसा ही होगा
ईसीबी प्रमुख ने कहा, "हमें कोविड का सामना करना सीखना होगा। हम अब इसके साथ भविष्य के लिए जीने जा रहे हैं, इसलिए शमन शब्द रोकथाम के विपरीत है। हमें लगता है कि हमने अभी प्रयास करने और कम करने के लिए पर्याप्त प्रोटोकॉल बनाए हैं।' हैरिसन ने कहा कि यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि पूरी टीम को बदलने की जरूरत नहीं है जैसा कि पाकिस्तान के खिलाफ श्रृंखला में हुआ था। मुझे लगता है कि यह वह जगह है जहाँ हम यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि हमारे पास ऐसे उदाहरण न हों जहाँ एक या दो स्थानीय संक्रमणों के कारण पूरे दस्ते को बाहर कर दिया जाए।'

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari