भारत बनाम इंग्लैंड के बीच पहला टेस्ट नाॅटिंघम में खेला जा रहा है। इस टेस्ट में भारत की पहली पारी में पांच विकेट ओली राॅबिनसन ने लिए। यह वही गेंदबाज हैं जिन्हें पुराने नस्लीय ट्वीट के चलते सस्पेंड किया जा चुका है। राबिन्सन का कहना है कि उन्होंने वापसी की उम्मीद छोड़ दी थी।

नॉटिंघम (पीटीआई)। पुराने नस्लवादी ट्वीट के लिए निलंबित होने के बाद भारत के खिलाफ वापसी टेस्ट में पहली बार पांच विकेट लेने वाले तेज गेंदबाज ओली रॉबिन्सन ने इस दौर को जीवन का सबसे कठिन दौर माना है। जून में न्यूजीलैंड के खिलाफ 27 वर्षीय का शानदार टेस्ट डेब्यू विवादों में घिर गया था, जब लगभग एक दशक पहले किया गया उनका नस्लवादी और सेक्सिस्ट ट्वीट्स वायरल हो गया। जिसके बाद राबिन्सन पर उन्हें आठ मैचों का प्रतिबंध लगा दिया गया था, जिनमें से तीन पहले ही समाप्त हो चुके थे।

बैन लगने के बाद छोड़ दी थी उम्मीद
अपनी माफी के बाद, ससेक्स के तेज गेंदबाज ने ट्रेंट ब्रिज में वापसी की और उन्होंने स्वीकार किया कि उन्हें डर था कि उनका इंग्लैंड करियर खत्म हो जाएगा। रॉबिन्सन ने दिन का खेल खत्म होने के बाद कहा, "एक समय था जब मैं अपने वकीलों से बात कर रहा था और हम इस तथ्य पर गौर कर रहे थे कि मुझ पर कुछ साल का प्रतिबंध लगाया जा सकता है और मैं फिर कभी इंग्लैंड के लिए नहीं खेलूंगा।" गेंदबाज ने कहा, "कुछ सालों में, मैं 30 साल का होता और कोई और आकर मेरी जगह ले सकता था। तो निश्चित रूप से एक समय था जब मुझे अपने करियर पर संदेह था, लेकिन सौभाग्य से, आज सब कुछ अच्छा हो गया।"

क्रिकेट के सबसे कठिन दौर से गुजरा
रॉबिन्सन ने भारत के खिलाफ पांच विकेट लेकर अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ 5/85 गेदबाजी की। जिसके चलते भारत की पहली पारी की बढ़त 100 से कम रही। इससे मेजबान टीम ने उनकी उम्मीदों को जिंदा रखा। इस दौर को अपने जीवन का सबसे कठिन समय करार देते हुए उन्होंने कहा, "ईमानदारी से कहूं तो ये शायद क्रिकेट में मेरे लिए सबसे कठिन कुछ सप्ताह थे। इसने न केवल खुद को बल्कि मेरे परिवार को भी प्रभावित किया। मैंने सीखा है अभी बहुत कुछ है और मैं आगे बढ़ना चाहता हूं।"

पिता बनने के बाद बदली जिंदगी
उन्होंने कहा कि वह अब 10 साल पहले किए गए उस टीनएज लड़के से बिल्कुल अलग हो चुके हैं। गेंदबाज ने कहा, "तब मैं 18 साल का एक भोला-भाला लड़का था और मैंने सिर्फ ट्वीट ही नहीं, बल्कि बहुत सारी गलतियां कीं। मैं उस समय में एक व्यक्ति के रूप में बहुत बड़ा हुआ हूं। मैंने बहुत कुछ सीखा है और पिछले 10 वर्षों में खुद को एक व्यक्ति के रूप में विकसित करने की कोशिश की है।" ऑस्ट्रेलिया के महान खिलाड़ी ग्लेन मैक्ग्रा को आदर्श बनाने वाले गेंदबाज ने कहा, "मैं अब एक पिता हूं और मैंने खुद को सबसे अच्छा इंसान बनाने की कोशिश की है और मुझे उम्मीद है कि लोग इसे देख पाएंगे।"

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari