इस 15 अगस्‍त पर भारत अपनी आजादी की 69वीं वर्षगांठ मनाएगा। यहां ध्‍यान रहे कि ये आजादी हमें इतनी आसानी से नहीं मिली है। इस आजादी को पाने के लिए कई वीरों ने अपनी जिंदगी को बलिदान किया है। भारत के इन वीर सपूतों ने अपनी जान पर खेलकर ये आजादी अपने लिए नहीं लड़ी। बल्कि इसलिए लड़ी ताकि उनके आगे आने वाली पीढ़ी स्‍वतंत्र फ‍िजाओं में सांस ले सके। हम सबको ऐसे लोग जो निस्‍वार्थ भावना से जिए हैं उनके जीवन से कुछ सीख लेनी चाहिए। वैसे भारत के इन वीर सपूतों की जांबाजी के बारे में अगर कुछ और भी जानना हो तो हमारे देश में कई ऐसे ऐतिहासिक स्‍थल हैं जो आज भी इनके पराक्रम और साहस की गाथा गाते हैं। आइए जानें भारत के आजादी की कहानी को बयां करते इन ऐतिहासिक स्‍थलों के बारे में...।

पंजाब में अमृतसर का जलियांवाला बाग
पंजाब के अमृतसर में स्थित ये जलियांवाला बाग आज भी अहिंसक प्रदर्शनकारियों की कहानी बयां करता है। ये वो प्रदर्शनकारी थे, जिन्हें ब्रिटिश भारतीय सेना ने बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया था। यहां की दीवारों पर आज भी अंग्रेजों की गोलियों के बड़े-बड़े निशान मौजूद हैं। ये निशान कहानी बयां करते हैं कि कैसे उन निर्दोष प्रदर्शनकारियों को अंग्रेजी सेना ने कुचल कर रख दिया था। बता दें कि ये जलियांवाला बाग अमृतसर में दरबार साहिब या स्वर्ण मंदिर के पास ही स्थित है। आज के युवाओं और बच्चों को इससे जरूर कुछ सीख लेनी चाहिए।

रानी का किला, झांसी, उत्तर प्रदेश  
ये ऐतिहासिक किला बंगीरा नाम की पहाड़ी के ऊपर स्थित है। ये गवाह है रानी लक्ष्मीबाई के उस साहस का, जिसके बल पर उन्होंने अकेले इतनी बड़ी अंग्रेजी सेना से मोर्चा लिया। असल मायने में यहीं से शुरू हुई थी स्वतंत्रता पाने की जंग। इस जंग के ऐसे सबूतों से आज के वीरों को बहुत कुछ सीखने को मिलता है, जो उन्हें सीखना चाहिए।

चंद्रशेखर आजाद पार्क, इलाहाबाद, उत्तर-प्रदेश
कंपनी गार्डेन या आलरेड पार्क को चंद्रशेखर आजाद पार्क के नाम से भी जाना जाता है। यही वो पार्क है, जहां भारतीय स्वतंत्रता सेनानी ने अपनी जिंदगी को खत्म करने का विचार बनाया और यहीं खुद को अपनी पिस्तौल की आखिरी गोली से खत्म कर दिया। बता दें कि आजाद कभी नहीं चाहते थे कि उन्हें मौत अंग्रेजों के हाथों मिले। ऐसे में उन्होंने खुद के हाथों ही अपनी मौत चुन ली। उनकी महानता को बयां करने के लिए यहां एक स्मारक का भी निर्माण किया गया है।

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Posted By: Ruchi D Sharma