भारत और सऊदी अरब अगले साल मार्च के पहले सप्ताह में अपना पहला संयुक्त नौसैनिक अभ्यास करेंगे। दरअसल दोनों देश रक्षा और सुरक्षा क्षेत्रों में अपने सहयोग को बढ़ाने पर सहमत हुए थे।


रियाद (पीटीआई)। भारत और सऊदी अरब अगले साल मार्च के पहले सप्ताह में अपना पहला संयुक्त नौसैनिक अभ्यास करेंगे। दरअसल, दोनों देश हाल ही में रक्षा और सुरक्षा क्षेत्रों में अपने सहयोग को बढ़ाने पर सहमत हुए थे। एक भारतीय सूत्र ने गुरुवार को बताया कि प्रस्तावित अभ्यासों की तैयारी की बैठक भारत में इस महीने की शुरुआत में हुई थी और दिसंबर में एक और बैठक होगी। उसने बताया कि खाड़ी साम्राज्य पश्चिमी हिंद महासागर में भारत के साथ अपने समुद्री सहयोग को गहरा करना चाहता है, जो लाल सागर, अदन की खाड़ी, अरब सागर, ओमान की खाड़ी और फारस की खाड़ी जैसे व्यस्त और संवेदनशील शिपिंग मार्गों का गठन करता है।

तेल यूनिटों पर हुआ था हमला
बता दें कि 14 सितंबर को सऊदी अरब स्थित अबकैक और खुरास में सऊदी अरामको की तेल यूनिटों पर ड्रोन और मिसाइल से हमला किया गया था। इस हमले ने लगभग चार महीनों में तेल की कीमतों को अपने उच्चतम स्तर पर पहुंचा दिया क्योंकि इसके चलते तेल उत्पादन बड़े पैमाने पर प्रभावित हुआ। भारत ने हमलों की निंदा की थी और हर तरह से आतंकवाद का विरोध करने का संकल्प लिया था। सूत्र ने कहा कि दोनों पक्ष विशुद्ध रूप से क्रेता-विक्रेता संबंध से दूर रणनीतिक साझेदारी की ओर बढ़ रहे हैं। भारत और सऊदी अरब के बीच कुछ नए क्षेत्रों में भी सहयोग पर काम किया गया है और उनमें से एक रक्षा उद्योग है। सऊदी अरब के दौरे से वापस लौटे पीएम मोदी, दोनों देशों के बीच 12 समझौतों पर हुए हस्ताक्षरदो दिन के लिए सऊदी अरब गए थे पीएम मोदीगौरतलब है कि पीएम मोदी सोमवार को अपने दो दिवसीय दौरे पर सऊदी अरब गए थे।  इस दौरान उन्होंने फ्यूचर इन्वेस्टमेंट इनिशिएटिव (एफआईआई) में भाषण दिया और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के साथ वार्ता की। अपनी यात्रा के दौरान, पीएम मोदी ने सऊदी किंग सलमान बिन अब्दुलअजीज अल-सऊद के साथ भी बातचीत की और हर तरह से आतंकवाद की निंदा की। इसी बीच दोनों देशों ने सुरक्षा मामलों पर सहयोग की सराहना की। रक्षा उद्योगों में सहयोग, रिन्यूएबल एनर्जी, सुरक्षा सहयोग और सिविल एविएशन सहित प्रमुख क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच कुल 12 समझौतों और एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए।

Posted By: Mukul Kumar